नई दिल्ली,9 जुलाई (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्राजील यात्रा भारतीय कूटनीति और सांस्कृतिक गरिमा का एक प्रभावशाली उदाहरण बन गई है। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में राजकीय यात्रा की शुरुआत की। इस दौरान उन्हें ‘राम भजन’ की मधुर धुनों के साथ एक भव्य सांस्कृतिक स्वागत मिला,जिसने भारत की सांस्कृतिक धरोहर की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को और मजबूत किया।
पीएम मोदी जब ब्रासीलिया के प्रतिष्ठित अल्वोराडा पैलेस पहुँचे,तो वहाँ उनका स्वागत अत्यंत भावनात्मक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध वातावरण में किया गया। ब्राजील सरकार की ओर से प्रस्तुत इस खास स्वागत कार्यक्रम में शास्त्रीय गायिका मीता रवींद्र कुमार कराहे ने ‘राम भजन’ प्रस्तुत किया। इस भजन की मधुर धुनों में आध्यात्मिकता और भारतीयता की गूंज स्पष्ट रूप से महसूस की गई।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर 2.48 मिनट का वीडियो साझा करते हुए लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ब्रासीलिया के अल्वोराडा पैलेस में ‘राम भजन’ के साथ स्वागत किया गया।” इस वीडियो में पीएम मोदी को भावविभोर होते हुए,तालियाँ बजाकर भजन का आनंद लेते देखा जा सकता है।
मीता रवींद्र ने बताया कि उन्हें यह प्रस्तुति देने के लिए ब्राजील सरकार की ओर से विशेष निमंत्रण मिला था। उन्होंने बताया, “मुझे राष्ट्रपति लूला का विशेष संदेश मिला था कि वे प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत के लिए भारत से कोई सांस्कृतिक प्रतिनिधि चाहते हैं,जो उनका प्रिय भजन गा सके।” मीता ने बताया कि वे दस साल की उम्र से शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ले रही हैं और ब्राजील में भारत जैसा अपनापन महसूस हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह ब्राजील यात्रा केवल सांस्कृतिक दृष्टि से ही नहीं,बल्कि रणनीतिक और कूटनीतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण रही। राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा ने प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया और दोनों नेताओं के बीच रियो डी जेनेरियो में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद द्विपक्षीय वार्ता का दौर शुरू हुआ।
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति लूला को भारत-ब्राजील रणनीतिक साझेदारी का “मुख्य वास्तुकार” बताया और कहा कि उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में अग्रणी भूमिका निभाई है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “राष्ट्रपति लूला के साथ मेरी बहुत सार्थक और सकारात्मक बातचीत हुई। हमने व्यापारिक संबंधों को गहरा करने और विविधता लाने पर चर्चा की। हमारे बीच स्वच्छ ऊर्जा,जलवायु परिवर्तन,सतत विकास,एआई,रक्षा,कृषि और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की सहमति बनी।”
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति लूला के बीच साझा संवाद का उद्देश्य केवल परंपरागत क्षेत्रों तक सीमित नहीं रहा,बल्कि उन्होंने सेमीकंडक्टर,स्पेस टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे अत्याधुनिक तकनीकी क्षेत्रों में सहयोग पर भी चर्चा की। दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और ब्राजील जैसे विकासशील देश वैश्विक मंच पर एक-दूसरे का समर्थन कर सकते हैं और एक समावेशी और न्यायसंगत वैश्विक व्यवस्था के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा,“भारत-ब्राजील साझेदारी में अपार संभावनाएँ हैं। स्वच्छ ऊर्जा,सतत विकास और जलवायु परिवर्तन पर काबू पाना हमारी बातचीत के प्रमुख विषय थे। रक्षा और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भी हमारी सहभागिता को नई दिशा मिलेगी।”
इस ऐतिहासिक यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ब्राजील के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाज़ा गया। यह सम्मान न केवल प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों के लिए गर्व और गौरव का प्रतीक बन गया। संयुक्त प्रेस वार्ता में पीएम मोदी ने कहा, “यह सम्मान न केवल मेरे लिए,बल्कि समस्त भारतवासियों के लिए अत्यंत भावनात्मक क्षण है। मैं यह सम्मान भारत और ब्राजील के बीच स्थायी मित्रता को समर्पित करता हूँ।”
इस यात्रा का एक अनोखा पहलू यह रहा कि यहाँ सिर्फ राजनीतिक या आर्थिक संवाद नहीं हुआ,बल्कि संस्कृति और सभ्यता की जड़ों को भी उकेरा गया। ‘राम भजन’ की प्रस्तुति से दोनों देशों के बीच आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मेल-जोल को नई ऊर्जा मिली। यह घटना भारतीय संगीत,भक्ति परंपरा और सांस्कृतिक कूटनीति की अंतर्राष्ट्रीय स्वीकृति का प्रतीक बनी।
मीता रवींद्र के शब्दों में,“ब्राजील में लोगों की आत्मीयता और भारतीयता के प्रति सम्मान ऐसा है कि लगता है जैसे यह देश भारत का दूसरा रूप हो।” यह अनुभव दोनों देशों के लोगों के बीच बढ़ती निकटता और सहयोग का संकेत देता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्राजील यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक और भावनात्मक रही। जहाँ एक ओर यह यात्रा भारत-ब्राजील द्विपक्षीय संबंधों को एक नई दिशा देने वाली साबित हुई,वहीं दूसरी ओर ‘राम भजन’ जैसे आध्यात्मिक स्वागत ने इस यात्रा को विशेष बना दिया। सांस्कृतिक गरिमा,रणनीतिक साझेदारी और वैश्विक मंच पर सहयोग का यह मेल भारत की ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना को भी साकार करता है।
इस यात्रा ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत की सांस्कृतिक और कूटनीतिक शक्ति विश्व में सम्मानित और प्रभावशाली होती जा रही है और आने वाले समय में भारत-ब्राजील संबंध विश्व राजनीति में एक नई मिसाल पेश करेंगे।
