नई दिल्ली,8 अगस्त (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा ने गुरुवार को टेलीफोन पर बातचीत की,जिसमें दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और उन्हें नई ऊँचाइयों तक ले जाने के संकल्प को दोहराया। यह वार्ता उस पृष्ठभूमि में हुई,जब पिछले महीने ब्रासीलिया में हुई उनकी आमने-सामने की बैठक में भारत और ब्राजील के बीच व्यापार, प्रौद्योगिकी,ऊर्जा,रक्षा,कृषि,स्वास्थ्य और जन-से-जन संपर्क जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के लिए एक व्यापक ढांचे पर सहमति बनी थी।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार,बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने आपसी हित से जुड़े विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। इसमें वैश्विक दक्षिण के देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने,अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर समन्वय मजबूत करने और बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार की दिशा में मिलकर काम करने जैसे विषय शामिल थे। दोनों देशों ने इस बात पर सहमति जताई कि रणनीतिक साझेदारी को विकसित करने के दौरान वे निकट संपर्क बनाए रखेंगे और उच्च-स्तरीय संवाद को निरंतर जारी रखेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर इस बातचीत को “अच्छा” बताया। उन्होंने पोस्ट में लिखा, “राष्ट्रपति लूला के साथ अच्छी बातचीत हुई। ब्राजील की मेरी यात्रा को यादगार बनाने के लिए उनका धन्यवाद। हम व्यापार,ऊर्जा,तकनीक,रक्षा,स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में अपनी रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वैश्विक दक्षिण के देशों के बीच एक मज़बूत, जन-केंद्रित साझेदारी से सभी को लाभ होता है।” मोदी का यह बयान भारत-ब्राजील साझेदारी में लोगों के हितों को केंद्र में रखने के महत्व को रेखांकित करता है।
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला ने भी आपसी विकास को गति देने के लिए सहयोग के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने विशेष रूप से ब्राजील की कृषि और तकनीकी क्षमताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इन क्षेत्रों में भारत के साथ साझेदारी से दोनों देशों के लिए व्यापक अवसर पैदा होंगे। ब्राजील दुनिया के प्रमुख कृषि उत्पादक देशों में से एक है और उसकी तकनीकी विशेषज्ञता विशेष रूप से कृषि-तकनीक और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्रों में उल्लेखनीय है।
वहीं,भारत ब्राजील को एक ऐसे अहम साझेदार के रूप में देखता है जो ऊर्जा स्रोतों में विविधता लाने,रक्षा सहयोग बढ़ाने और समावेशी स्वास्थ्य पहलों को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। ऊर्जा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच पहले से ही बायोफ्यूल्स और स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं पर सहयोग जारी है। रक्षा क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान,प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और सैन्य प्रशिक्षण के नए अवसर तलाशने की दिशा में बातचीत हो रही है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में भी भारत और ब्राजील के बीच सहयोग की अपार संभावनाएँ हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान भारत ने ब्राजील को वैक्सीन की आपूर्ति कर यह दिखाया था कि दोनों देश स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में कितनी प्रभावी साझेदारी निभा सकते हैं। अब इस सहयोग को वैक्सीन निर्माण,दवा विकास और सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ करने तक विस्तारित करने की योजना है।
जन-केंद्रित दृष्टिकोण,जिस पर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति लूला दोनों ने जोर दिया, न केवल द्विपक्षीय स्तर पर बल्कि वैश्विक दक्षिण में भी सहयोग को नई दिशा दे सकता है। इसका उद्देश्य ऐसे विकास मॉडल को बढ़ावा देना है,जो केवल आर्थिक लाभ तक सीमित न होकर आम नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाए। इसमें शिक्षा,कौशल विकास,डिजिटल नवाचार और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों को भी शामिल किया जा सकता है।
इस वार्ता से यह स्पष्ट है कि भारत और ब्राजील के बीच रणनीतिक साझेदारी का दायरा लगातार बढ़ रहा है। दोनों देश ब्रिक्स और जी-20 जैसे बहुपक्षीय मंचों पर भी करीबी सहयोगी हैं और उनके साझा हित उन्हें जलवायु परिवर्तन,वैश्विक आर्थिक असंतुलन और सतत विकास जैसे मुद्दों पर एकजुट होकर काम करने के लिए प्रेरित करते हैं।
गुरुवार की यह बातचीत न केवल उच्च-स्तरीय संपर्क का उदाहरण है,बल्कि यह भी दर्शाती है कि भारत और ब्राजील भविष्य में किस तरह अपनी साझेदारी को ठोस परियोजनाओं और नीतिगत पहलों में बदलने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इससे न केवल द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे,बल्कि वैश्विक दक्षिण के लिए भी एक सशक्त और समावेशी विकास मॉडल प्रस्तुत किया जा सकेगा।