प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (तस्वीर क्रेडिट@BJP4Rajasthan)

शिक्षक दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को दी शुभकामनाएँ,डॉ. राधाकृष्णन को किया नमन

नई दिल्ली,5 सितंबर (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ दीं और इस मौके पर उन्होंने शिक्षकों के समर्पण और योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि शिक्षक केवल ज्ञान ही नहीं बाँटते,बल्कि छात्रों के मन और व्यक्तित्व को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यही कारण है कि शिक्षक एक मजबूत और उज्ज्वल भविष्य की नींव होते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर देश के दूसरे राष्ट्रपति और महान शिक्षाविद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की और उनके विचारों व योगदान को याद किया।

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, “सभी को, विशेषकर सभी मेहनती शिक्षकों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ! मन को पोषित करने के प्रति शिक्षकों का समर्पण एक मजबूत और उज्ज्वल भविष्य की नींव है। उनकी प्रतिबद्धता और करुणा उल्लेखनीय है। हम एक प्रतिष्ठित विद्वान और शिक्षक डॉ. एस. राधाकृष्णन के जीवन और विचारों को उनकी जयंती पर याद करते हैं।” प्रधानमंत्री के इस संदेश ने स्पष्ट किया कि समाज में शिक्षकों की भूमिका केवल ज्ञान तक सीमित नहीं है,बल्कि वे आने वाली पीढ़ियों के सपनों और संभावनाओं को दिशा देने का काम करते हैं।

हर वर्ष 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के अवसर पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है। डॉ. राधाकृष्णन न केवल एक महान दार्शनिक और शिक्षाविद थे,बल्कि वे भारतीय संस्कृति और मूल्यों के प्रबल समर्थक भी रहे। उनके विचार और शिक्षण पद्धति आज भी देश और दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। इस दिन को शिक्षकों के अथक परिश्रम,समर्पण और समाज में उनके योगदान को सम्मानित करने के तौर पर मनाया जाता है।

इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी शिक्षकों को नमन किया। उन्होंने कहा कि शिक्षक ही वे मार्गदर्शक हैं,जो छात्रों को उनकी पूरी क्षमता का एहसास कराने में मदद करते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, “श्री सुदर्शनजी द्वारा शिक्षकों को एक अद्भुत श्रद्धांजलि। शिक्षक दिवस पर,मैं उन सभी गुरुओं को नमन करता हूँ,जो छात्रों को उनकी पूरी क्षमता का एहसास कराने में मदद कर रहे हैं। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण उत्कृष्टता को बढ़ावा दे रहा है,जीवन को रोशन कर रहा है और राष्ट्रीय विकास में योगदान दे रहा है।” धर्मेंद्र प्रधान ने इस अवसर पर प्रसिद्ध रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक द्वारा बनाई गई एक सुंदर रेत कला की तस्वीर भी साझा की,जिसमें शिक्षकों को समर्पित भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई थी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को शुभकामनाएँ दीं और उन्हें समाज का मार्गदर्शक प्रकाश बताया। उन्होंने कहा, “सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। वे मार्गदर्शक प्रकाश हैं,जो युवा मन को आकार देते हैं,मूल्यों का संचार करते हैं और भविष्य के नेताओं का पोषण करते हैं। इस दिन,मैं पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एस. राधाकृष्णन को भी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ,जिनकी दूरदर्शिता और ज्ञान पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे।”

शिक्षक दिवस केवल एक औपचारिक उत्सव नहीं है,बल्कि यह उन शिक्षकों के प्रयासों और उनकी अमूल्य सेवाओं को पहचानने का दिन है,जिन्होंने समाज और राष्ट्र निर्माण में अद्भुत योगदान दिया है। हर साल इस दिन राष्ट्रपति द्वारा विज्ञान भवन में शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। यह पुरस्कार उन उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित करता है,जिन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने और अपने छात्रों के जीवन पर गहरा प्रभाव डालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों से बातचीत में शिक्षकों की भूमिका को राष्ट्र निर्माण की सबसे बड़ी ताकत बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय समाज में शिक्षकों के प्रति स्वाभाविक सम्मान है और उनका सम्मान केवल एक औपचारिकता नहीं,बल्कि उनके आजीवन समर्पण और गहरे प्रभाव का प्रतीक है। मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षक ही वे व्यक्ति हैं,जो बच्चों में मूल्य,अनुशासन और जिम्मेदारी की भावना पैदा करते हैं। यही गुण विद्यार्थियों को भविष्य का आदर्श नागरिक बनाते हैं और देश की प्रगति की दिशा तय करते हैं।

शिक्षक दिवस के इस अवसर पर देशभर में स्कूलों और कॉलेजों में भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। छात्रों ने अपने शिक्षकों को शुभकामनाएँ दीं और उनके योगदान को सम्मानित किया। कई जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम,कविता पाठ और भाषण प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं,जिनमें शिक्षा के महत्व और शिक्षक-छात्र संबंधों की गहराई को दर्शाया गया।

स्पष्ट है कि शिक्षक दिवस केवल शिक्षकों के लिए सम्मान का दिन नहीं,बल्कि समाज के लिए आत्ममंथन का भी अवसर है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि अगर किसी राष्ट्र को मजबूत बनाना है तो शिक्षा उसकी पहली नींव है और शिक्षक उस नींव के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। प्रधानमंत्री मोदी और अन्य नेताओं के संदेश इस बात की पुष्टि करते हैं कि शिक्षक वास्तव में समाज के सच्चे निर्माता हैं,जिनकी मेहनत और समर्पण से ही देश का भविष्य सुरक्षित और उज्ज्वल बनता है।