पुणे,16 जून (युआईटीवी)- महाराष्ट्र के पुणे जिले में एक बड़ा हादसा सामने आया है, जहाँ रविवार को इंद्रायणी नदी पर बना एक पुराना पुल अचानक ढह गया,जिससे दर्जनों लोग नदी में गिर गए। इस दर्दनाक हादसे में अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है,जबकि 39 लोगों को बचा लिया गया है। कई अन्य लोग अब भी लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और अन्य राहत एजेंसियाँ दिन-रात अभियान चला रही हैं।
यह दुखद घटना पुणे के मावल तालुका के कुंदमाला क्षेत्र में घटी। कुंदमाला एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और खासकर मानसून के मौसम में बड़ी संख्या में लोग यहाँ पहुँचते हैं। रविवार होने के कारण इस बार भी पर्यटकों की भीड़ अधिक थी। तभी अचानक इंद्रायणी नदी पर बना एक पुराना पुल ढह गया,जिससे बड़ी संख्या में लोग उफनती नदी में बह गए।
प्रत्यक्षदर्शियों और घटनास्थल से मिली जानकारी के अनुसार,यह पुल काफी पुराना और कमजोर था। लगातार दो दिनों से हो रही मूसलधार बारिश के चलते इंद्रायणी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया था,जिससे पुल पर दबाव बढ़ गया और वह अचानक ढह गया। घटना के समय दर्जनों लोग इस पुल को पार कर रहे थे।
एक बचावकर्मी ने बताया कि हादसे के वक्त पुल पर आम नागरिक,स्थानीय ग्रामीण और कुछ पर्यटक मौजूद थे। जैसे ही पुल का एक हिस्सा टूटा,लोग सीधे नदी में जा गिरे। मौके पर अफरा-तफरी मच गई। पुल के गिरने की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं,जिनमें पुल के टुकड़े नदी में गिरते दिख रहे हैं।
हादसे में घायल हुए अमोल घुले के रिश्तेदार विकास निकम ने मीडिया को बताया, “अमोल अपनी पत्नी की एमआरआई रिपोर्ट लेने के लिए अस्पताल जा रहा था। जब वह पुल पार कर रहा था,तभी वह गिर गया। पुल पहले से ही काफी कमजोर और जर्जर था।” यह उदाहरण दर्शाता है कि पुल की हालत को लेकर पहले से चेतावनी की जरूरत थी।
हादसे के तुरंत बाद पुलिस,दमकल विभाग और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुँची और बचाव अभियान शुरू किया गया। अब तक 39 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है,जबकि चार शव नदी से बरामद किए गए हैं। क्रेन और नावों की मदद से पुल के मलबे को हटाकर लापता लोगों की तलाश की जा रही है।
एनडीआरएफ अधिकारियों ने बताया कि पानी का बहाव तेज होने के कारण बचाव कार्य में मुश्किलें आ रही हैं,लेकिन सभी एजेंसियाँ समन्वित प्रयास कर रही हैं। लापता लोगों की संख्या को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है,लेकिन बचावकर्मी लगातार जल में खोज अभियान चला रहे हैं।
घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,गृह मंत्री अमित शाह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
महाराष्ट्र सरकार ने मृतकों के परिजनों को पाँच-पाँच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। घायलों के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
यह हादसा एक बार फिर पुरानी और जर्जर हो चुकी संरचनाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस पुल की हालत काफी समय से खराब थी,लेकिन इसे ठीक कराने की ओर कोई गंभीर प्रयास नहीं किया गया। मानसून के दौरान जब नदी का बहाव तीव्र हो जाता है,ऐसे पुलों की जाँच और मरम्मत अनिवार्य होनी चाहिए।
जहाँ यह घटना हुई वह कुंदमाला क्षेत्र है,जो अपनी हरियाली,पहाड़ों और नदी के किनारे स्थित सुंदरता के लिए जाना जाता है। मानसून के मौसम में यह जगह विशेषकर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन जाती है। प्राकृतिक सौंदर्य के साथ यहाँ का पारंपरिक पुल लोगों के बीच एक आकर्षण था,लेकिन अब वही एक भयानक त्रासदी का कारण बन गया।
पुणे के कुंदमाला में इंद्रायणी नदी पर पुल का गिरना न केवल एक तकनीकी या प्राकृतिक दुर्घटना है,बल्कि यह प्रशासनिक लापरवाही का भी संकेत देता है। समय रहते पुलों की जाँच और मरम्मत न होने के कारण आज चार परिवार उजड़ गए और कई लोग अब भी लापता हैं। इस हादसे से सबक लेते हुए अब जरूरी है कि राज्य और केंद्र सरकार सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।
लापता लोगों की सुरक्षित वापसी की प्रार्थना के साथ,राज्यभर में इस हादसे ने गहरा असर छोड़ा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन जवाबदेही तय करता है या नहीं और भविष्य में ऐसे हादसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाते हैं या नहीं।
