डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन (तस्वीर क्रेडिट@AkshayPratap94)

पुतिन-ट्रंप शिखर बैठक की तैयारी तेज,यूएई संभावित स्थान,वैश्विक मुद्दों पर होगी अहम चर्चा

मास्को,8 अगस्त (युआईटीवी)- रूस और अमेरिका के बीच लंबे समय से चले आ रहे कूटनीतिक तनाव और संवादहीनता के बीच अब एक नए उच्च-स्तरीय शिखर सम्मेलन की उम्मीद जग गई है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को संकेत दिया कि उन्हें अगले सप्ताह की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ प्रत्यक्ष वार्ता की संभावना है। इस मुलाकात के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को संभावित स्थान के रूप में देखा जा रहा है,जहाँ दोनों नेता आमने-सामने बैठकर कई अहम अंतर्राष्ट्रीय और द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत कर सकते हैं।

रूसी राष्ट्रपति के सहायक यूरी उशाकोव ने पुष्टि की कि मॉस्को और वाशिंगटन के बीच राष्ट्रपति स्तर की बैठक को लेकर सहमति बन चुकी है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में इस वार्ता को अंतिम रूप दिया जाएगा। खास बात यह है कि इस मुलाकात की पहल अमेरिका की ओर से हुई है,जो यह दर्शाती है कि ट्रंप प्रशासन मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों में रूस के साथ प्रत्यक्ष संवाद को महत्व दे रहा है।

उशाकोव ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के इस विचार का समर्थन किया कि वर्तमान समय में दोनों नेताओं के पास बातचीत के लिए कई जरूरी और संवेदनशील मुद्दे हैं। इनमें वैश्विक सुरक्षा,आर्थिक सहयोग और यूक्रेन संकट से लेकर आर्कटिक क्षेत्र में बढ़ते प्रतिस्पर्धी हितों तक के विषय शामिल हो सकते हैं।

पुतिन ने कहा कि रूस के कई अंतर्राष्ट्रीय मित्र इस मुलाकात के आयोजन में मदद करने को तैयार हैं। उन्होंने विशेष रूप से यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नहयान का उल्लेख किया,जिन्होंने इस वार्ता के लिए मंच उपलब्ध कराने की इच्छा जताई है। यह संकेत देता है कि वार्ता के लिए एक तटस्थ और कूटनीतिक दृष्टि से उपयुक्त स्थान सुनिश्चित करने पर जोर दिया जा रहा है।

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में पहले ही खुलासा किया गया था कि ट्रंप अगले सप्ताह पुतिन से आमने-सामने मुलाकात की योजना बना रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार,इस वार्ता के बाद ट्रंप पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ एक त्रिपक्षीय बैठक भी करेंगे। हालाँकि,यह बैठक यूरोपीय नेताओं की भागीदारी के बिना होगी,ताकि वार्ता केवल तीन प्रमुख नेताओं के बीच सीमित और केंद्रित रहे।

यह योजना बुधवार को ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और पुतिन के बीच हुई तीन घंटे लंबी बैठक के बाद सामने आई। इस बैठक ने संभावित एजेंडा और मुलाकात के प्रारूप पर चर्चा के लिए आधार तैयार किया। यूरोपीय नेताओं के साथ अपनी हालिया बातचीत में ट्रंप ने स्पष्ट किया कि पुतिन और जेलेंस्की के साथ होने वाली त्रिपक्षीय बैठक में कोई यूरोपीय प्रतिनिधि मौजूद नहीं होगा।

हालाँकि,जब पुतिन से जेलेंस्की के साथ सीधे वार्ता की संभावना के बारे में पूछा गया,तो उन्होंने कहा कि ऐसी बैठक के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ अभी तक तैयार नहीं हैं। पुतिन के अनुसार,“दुर्भाग्य से,हम अभी भी उन शर्तों को बनाने से काफी दूर हैं,जो इस तरह की चर्चा को सार्थक बना सकें।” उनका यह बयान इस बात की पुष्टि करता है कि यूक्रेन मुद्दे पर अभी भी गहरी मतभेद की खाई मौजूद है।

इस बीच,रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के प्रमुख और राष्ट्रपति के निवेश मामलों के विशेष दूत किरिल दिमित्रिएव ने भी पुतिन-ट्रंप बैठक का स्वागत किया। उन्होंने हवाई अड्डे पर विटकॉफ का स्वागत करते हुए कहा कि यह मुलाकात रूस-अमेरिका संबंधों को नई ऊर्जा और दिशा दे सकती है। दिमित्रिएव का मानना है कि यह बैठक रूस को अपनी आर्थिक और रणनीतिक प्राथमिकताओं को अमेरिकी नेतृत्व के सामने सीधे रखने का अवसर देगी।

दिमित्रिएव ने कहा कि इस वार्ता में रूस के पास यह दिखाने का मौका होगा कि उसकी अर्थव्यवस्था ब्रिटेन और यूरोपीय संघ की तुलना में कहीं अधिक स्थिर और विकासशील है,जो इस समय ठहराव और मंदी के दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि आर्कटिक परियोजनाओं,दुर्लभ धातुओं के दोहन और बुनियादी ढाँचे के विकास जैसे क्षेत्रों में रूस और अमेरिकी निवेशकों के बीच सहयोग की बड़ी संभावनाएँ हैं।

उनका यह भी कहना था कि रूस-अमेरिका के बीच संवाद की बहाली न केवल कूटनीतिक संबंधों को सुधारने में मदद करेगी,बल्कि यह आर्थिक दृष्टि से भी दोनों पक्षों के लिए लाभकारी होगी। अमेरिकी निवेशकों के लिए रूसी बाजार और रूसी कंपनियों में निवेश के अवसर बढ़ेंगे,वहीं रूस को उन्नत तकनीक,पूँजी और वैश्विक व्यापार नेटवर्क तक बेहतर पहुँच मिलेगी।

इस संभावित शिखर बैठक के कई व्यापक प्रभाव हो सकते हैं। पहला,यह रूस और अमेरिका के बीच लंबे समय से जमे हुए संबंधों में कुछ हद तक नरमी ला सकती है। दूसरा,यह वार्ता वैश्विक भू-राजनीतिक समीकरणों में बदलाव का संकेत दे सकती है,खासकर ऐसे समय में जब पश्चिमी देशों के बीच यूक्रेन संकट और रूस के प्रति नीतियों को लेकर आंतरिक मतभेद मौजूद हैं। तीसरा,यह बैठक उन बहुपक्षीय मुद्दों पर भी असर डाल सकती है,जिनमें ऊर्जा सुरक्षा,परमाणु हथियार नियंत्रण और अंतरिक्ष सहयोग जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

हालाँकि,यह देखना बाकी है कि पुतिन और ट्रंप के बीच यह मुलाकात केवल औपचारिकता बनकर रह जाती है या फिर वास्तव में यह द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर ठोस प्रगति का मार्ग प्रशस्त करती है,लेकिन फिलहाल,इस वार्ता की घोषणा ने अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में उत्सुकता और अटकलों का नया दौर शुरू कर दिया है। यूएई में संभावित मुलाकात,तटस्थ मंच और उच्च-स्तरीय संवाद का यह प्रयास आने वाले सप्ताह को कूटनीतिक दृष्टि से बेहद अहम बना देता है।