क्वाड देशों के विदेश मंत्री (तस्वीर क्रेडिट@Topi1465795)

क्वाड देशों की आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता,पहलगाम हमले के दोषियों को सजा दिलाने की माँग

वाशिंगटन, 2 जुलाई (युआईटीवी)- क्वाड देशों – भारत,अमेरिका,ऑस्ट्रेलिया और जापान ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है और एक बार फिर से आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने की प्रतिबद्धता को दोहराया है। एक साझा बयान में इन देशों के विदेश मंत्रियों ने इस निंदनीय हमले के दोषियों,योजनाकारों और फंडिंग करने वालों को तुरंत सजा दिलाने की माँग की और सभी संबंधित देशों से जाँच एजेंसियों के साथ पूर्ण सहयोग करने की अपील की।

क्वाड देशों की मंत्री स्तरीय बैठक का आयोजन मंगलवार को किया गया,जिसके बाद बयान जारी कर पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई और कहा गया, “हम 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं,जिसमें 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक की जान गई और कई अन्य घायल हुए। यह एक कायराना हरकत थी और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को कानून के दायरे में लाना अत्यंत आवश्यक है।”

क्वाड ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह सीमा पार आतंकवाद सहित किसी भी प्रकार के आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद का कड़ा विरोध करता है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में संयुक्त प्रयास ही एकमात्र विकल्प है।

बयान में यह भी उल्लेख किया गया कि क्वाड देश उम्मीद करते हैं कि संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश अंतर्राष्ट्रीय कानून और यूएनएससी के संबंधित प्रस्तावों के तहत भारत की जाँच एजेंसियों के साथ सहयोग करेंगे,ताकि इस हमले के अपराधियों को जल्द से जल्द सजा मिल सके।

हालाँकि,किसी देश का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया गया,लेकिन यह स्पष्ट संकेत था कि इशारा पाकिस्तान की ओर है,क्योंकि हमले की जिम्मेदारी “द रेजिस्टेंस फ्रंट” (टीआरएफ) ने ली थी,जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा संगठन है और जिसे पाकिस्तान का समर्थन प्राप्त है।

बैठक से पहले भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को दोहराते हुए कहा, “भारत को अपने नागरिकों की रक्षा करने का पूरा अधिकार है और हम इस अधिकार का प्रयोग करने में पीछे नहीं हटेंगे। हमें उम्मीद है कि हमारे क्वाड साझेदार हमारे रुख को समझेंगे और उसका सम्मान करेंगे।”

जयशंकर के इस बयान से भारत का यह स्पष्ट संदेश सामने आया कि वह आतंकवाद के खिलाफ किसी भी स्तर पर सख्त कार्रवाई करने के लिए तैयार है और इस मामले में अंतर्राष्ट्रीय समर्थन की भी अपेक्षा करता है।

इस वर्ष दूसरी बार आयोजित इस क्वाड मंत्री स्तरीय बैठक में भारत के अलावा अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो,ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग और जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया ने हिस्सा लिया। इस बैठक को भारत-प्रशांत क्षेत्र में लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण माना गया।

बयान में चारों नेताओं ने कहा कि वे आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं और इस तरह के बर्बर हमलों को कभी भी स्वीकार नहीं किया जा सकता।

बैठक में इस साल के अंत में भारत में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन को लेकर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सम्मेलन की मेजबानी करेंगे और इसमें अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप,ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के शामिल होने की पुष्टि की गई है।

यह शिखर सम्मेलन क्षेत्रीय स्थिरता,आपूर्ति श्रृंखलाएँ,समुद्री सुरक्षा,तकनीकी सहयोग और जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों पर फोकस करेगा। सम्मेलन को क्वाड के भविष्य की दिशा तय करने वाला एक महत्वपूर्ण क्षण माना जा रहा है।

इसके साथ ही मंत्रियों ने इस साल के अंत में मुंबई में ‘फ्यूचर क्वाड पोर्ट्स पार्टनरशिप’ की शुरुआत करने की योजना की भी घोषणा की। यह साझेदारी समुद्री व्यापार,आपदा प्रबंधन,समुद्री परिवहन और बंदरगाह अवसंरचना के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देगी। यह पहल भारत-प्रशांत क्षेत्र में नौवहन स्वतंत्रता और सुरक्षित समुद्री मार्गों के प्रति क्वाड की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

क्वाड देशों की इस बैठक और साझा बयान ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि दुनिया के प्रमुख लोकतांत्रिक राष्ट्र आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं। भारत द्वारा पहलगाम हमले के संदर्भ में उठाई गई बातों को गंभीरता से लिया गया है और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर इसे उचित समर्थन मिल रहा है।

आतंकवाद से मुकाबला सिर्फ किसी एक देश की जिम्मेदारी नहीं,बल्कि वैश्विक सहयोग और एकजुटता की माँग करता है। क्वाड की यह पहल निश्चित रूप से उन ताकतों के लिए एक चेतावनी है,जो आतंकवाद को रणनीतिक साधन के रूप में इस्तेमाल करती हैं।

जैसे-जैसे दुनिया बदल रही है,भारत का यह दृष्टिकोण कि “आतंकवाद के खिलाफ कोई समझौता नहीं”,अब वैश्विक मंचों पर भी समर्थन पा रहा है। क्वाड की यह साझा पहल न केवल भारत की संप्रभुता और नागरिक सुरक्षा को महत्व देती है,बल्कि यह भी दर्शाती है कि आतंकवाद के खिलाफ अब दुनियाभर की लोकतांत्रिक शक्तियाँ एकजुट हैं।