राहुल गांधी की टिप्पणी पर पुजारियों ने उन्हें फटकार लगाई

नई दिल्ली, 9 जनवरी (युआईटीवी/आईएएनएस)- कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में कहा था कि भारत ‘तपस्वियों’ का देश है, ‘पुजारियों’ का नहीं। राहुल गांधी की इस टिप्पणी को लेकर कई पुजारियों ने उन्हें आड़े हाथ लिया है। राहुल गांधी ने हाल ही में हरियाणा में कहा था कि कांग्रेस ‘तपस्या’ में विश्वास करती है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ‘पूजा’ का संगठन है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा-आरएसएस लोगों को उनकी पूजा करने के लिए मजबूर करते हैं, भारत ‘तपस्वियों’ का देश है, न कि ‘पुजारियों’ का।

स्वामी दीपांकर ने कहा कि राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा को मोहब्बत की दुकान के रूप में वर्णित (डिस्क्राइब्ड) किया था, लेकिन वह अब नफरत के बारे में बात कर रहे हैं। कांग्रेस नेता को बोलने से पहले सोचना चाहिए क्योंकि वह एक तरफ लोगों को जोड़ने का काम कर रहे हैं और दूसरी तरफ ऐसा बयान दे रहे हैं। उन्होंने पूछा, तो क्या पुजारियों को समुद्र में फेंक देना चाहिए?

युवा तीर्थ पुरोहित महासभा के उज्जवल पंडित ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने भारत की प्राचीन सांस्कृतिक परंपराओं का अपमान किया है, जिसमें पुजारियों ने केंद्रीय भूमिका निभाई थी। उन्होंने एक बयान में आरोप लगाया कि यह स्पष्ट है कि कांग्रेस नेता शो के लिए अपने सिर पर ‘जनेऊ’ पहनते थे और तिलक लगाते थे, उन्होंने दावा किया कि गांधी की टिप्पणी ब्राह्मणों के खिलाफ है।

गंगोत्री धाम के रजनीकांत सेमवाल ने कहा कि सनातन धर्म की भूमि में पुजारियों का महत्वपूर्ण स्थान होता है। पुजारी एक प्राचीन परंपरा का पालन करते रहे हैं, उन्होंने राहुल गांधी से उसी का अध्ययन करने का आग्रह किया। उत्तर प्रदेश में प्रयागराज सहित कुछ स्थानों पर पुजारियों ने विरोध प्रदर्शन किया और राहुल गांधी के पुतले जलाए।

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