राजनाथ सिंह का ऑस्ट्रेलिया दौरा (तस्वीर क्रेडिट@rajnathsingh)

राजनाथ सिंह का ऑस्ट्रेलिया दौरा: एचएमएएस कुट्टाबुल का दौरा कर बढ़ाया नौसैनिक सहयोग

सिडनी,10 अक्टूबर (युआईटीवी)- भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ऑस्ट्रेलियाई दौरे के दूसरे दिन सिडनी में एचएमएएस कुट्टाबुल नेवल बेस का दौरा किया,जो रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना का एक प्रमुख और रणनीतिक केंद्र माना जाता है। इस दौरे के दौरान उन्होंने सिडनी हार्बर में स्थित एडमिरल हडसन जहाज पर जाकर वहाँ की आधुनिक नौसैनिक सुविधाओं और संचालन क्षमताओं का अवलोकन किया।

राजनाथ सिंह ने अपने दौरे के दौरान फ्लीट बेस ईस्ट का जल यात्रा के माध्यम से भी निरीक्षण किया। उनके साथ ऑस्ट्रेलिया के सहायक रक्षा मंत्री पीटर खलील मौजूद रहे,जिन्होंने उन्हें बेस और वहाँ के प्रशिक्षण,लॉजिस्टिक्स तथा आवासीय सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। इस दौरान रक्षा मंत्री को रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना की परिचालन क्षमताओं और बुनियादी ढाँचे की पूरी समझ प्राप्त हुई।

अपने दौरे को लेकर रक्षा मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया कि उन्होंने सिडनी में ऐतिहासिक और रणनीतिक महत्व के नेवल बेस एचएमएएस कुट्टाबुल का दौरा किया। उन्होंने लिखा कि एडमिरल हडसन जहाज पर सिडनी हार्बर की शानदार सुविधाओं से परिचित होकर भारत-ऑस्ट्रेलिया नौसैनिक सहयोग को और गहरा करने का अवसर मिला। साथ ही उन्होंने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समन्वित समुद्री क्षेत्र जागरूकता बढ़ाने से दोनों देशों को रणनीतिक लाभ होगा।

एचएमएएस कुट्टाबुल नेवल बेस ऑस्ट्रेलियाई नौसेना की मजबूत समुद्री उपस्थिति का प्रतीक है और यह बेस प्रशासनिक,प्रशिक्षण,लॉजिस्टिक्स और आवास केंद्र के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फ्लीट बेस ईस्ट का यह मुख्य संचालन केंद्र ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट पर नौसैनिक गतिविधियों का केंद्र बिंदु है। इस बेस की क्षमताओं का अवलोकन करने के दौरान राजनाथ सिंह ने क्षेत्रीय सुरक्षा और द्विपक्षीय सहयोग को लेकर विस्तृत चर्चा की।

राजनाथ सिंह के इस दौरे से भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा संबंधों को मजबूती मिली है। उनके दौरे का मुख्य उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करना था। इससे दोनों देशों के बीच नौसैनिक अभ्यास,समुद्री सुरक्षा,रक्षा उद्योग सहयोग और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान के अवसर बढ़ेंगे।

इससे पहले गुरुवार को रक्षा मंत्री ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस के साथ कई उच्च-स्तरीय बैठकें की थीं। इन बैठकों में भारत-ऑस्ट्रेलिया की व्यापक रणनीतिक साझेदारी के पाँच वर्ष पूरे होने के अवसर पर दोनों पक्षों ने सैन्य अभ्यास,समुद्री सुरक्षा,रक्षा उद्योग सहयोग और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने की साझा प्रतिबद्धता दोहराई।

विशेषज्ञों का कहना है कि राजनाथ सिंह का यह दौरा न केवल द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत करेगा,बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सामरिक संतुलन बनाए रखने में भी सहायक होगा। भारत और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनिक ताकत और उनकी आपसी तालमेल की क्षमता,क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को नई दिशा दे सकती है।

राजनाथ सिंह के दौरे के दौरान दोनों देशों ने नौसैनिक सहयोग को रणनीतिक स्तर पर विस्तार देने की रूपरेखा पर चर्चा की। इसके तहत नौसैनिक युद्धाभ्यास,तकनीकी प्रशिक्षण,लॉजिस्टिक्स सपोर्ट,समुद्री निगरानी और आपदा प्रबंधन जैसी गतिविधियों में सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया सहयोग सिर्फ सैन्य सहयोग तक सीमित नहीं है,बल्कि यह विज्ञान,प्रौद्योगिकी,समुद्री अनुसंधान और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी विस्तार पा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह साझेदारी भविष्य में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

विशेषज्ञों के अनुसार,एचएमएएस कुट्टाबुल बेस का दौरा और वहाँ के संचालन का अवलोकन राजनाथ सिंह को ऑस्ट्रेलियाई नौसेना की ताकत और उनकी संचालन क्षमताओं को समझने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। इससे भारत-ऑस्ट्रेलिया के नौसैनिक सहयोग को नई रणनीतिक दिशा मिलेगी और दोनों देशों की नौसैनिक क्षमताओं में तालमेल बढ़ेगा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का सिडनी दौरा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत-ऑस्ट्रेलिया के नौसैनिक और रणनीतिक सहयोग के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत है। यह दौरा न केवल दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी को मजबूत करेगा,बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता,समुद्री सुरक्षा और आपसी विश्वास को भी बढ़ावा देगा। ऐसे में भारत और ऑस्ट्रेलिया की साझेदारी भविष्य में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सामरिक और रणनीतिक सहयोग के लिए एक मजबूत आधार बनेगी।