लाल किला

लाल किला कार ब्लास्ट के बाद सुरक्षा कड़ी,एएसआई ने 15 नवंबर तक लाल किला स्मारक को किया बंद

नई दिल्ली,14 नवंबर (युआईटीवी)- दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए भीषण कार धमाके ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। सोमवार शाम हुई इस घटना के बाद स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) ने ऐतिहासिक लाल किला परिसर को 15 नवंबर तक आम जनता के लिए बंद करने का निर्णय लिया है। दिल्ली पुलिस की सिफारिश के आधार पर लिया गया यह कदम सुरक्षा और जाँच प्रक्रिया को सुचारू रूप से जारी रखने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस दौरान लाल किला न तो पर्यटकों के लिए खुला रहेगा और न ही आम नागरिकों को प्रवेश की अनुमति होगी।

घटना सोमवार शाम करीब छह बजे हुई,जब लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास खड़ी एक हुंडई आई20 कार में अचानक तेज धमाका हुआ। धमाके की आवाज पूरे क्षेत्र में गूँज गई और आसपास अफरा-तफरी मच गई। धमाके के तुरंत बाद कार में आग लग गई,जिसकी लपटें पास खड़े अन्य वाहनों तक पहुँच गईं। इस भीषण विस्फोट में 10 लोगों की मौत हो गई,जबकि कई अन्य घायल हो गए,जिन्हें तुरंत लोक नायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल में भर्ती कराया गया। घायलों का इलाज जारी है और कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।

धमाके की सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस,राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और फॉरेंसिक विभाग की टीमें मौके पर पहुँच गईं। पूरे क्षेत्र को तुरंत घेराबंदी कर लिया गया और जाँच शुरू कर दी गई। प्रारंभिक जाँच में धमाके की वजह और उसके पीछे संभावित साजिशों को तलाशा जा रहा है। चूँकि,यह घटना देश के सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों में से एक के बेहद नजदीक हुई है,इसलिए सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं और जाँच को अत्यधिक संवेदनशीलता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है।

इसी सुरक्षा दृष्टिकोण को देखते हुए दिल्ली पुलिस के कोतवाली थाने के एसएचओ ने एएसआई को एक आधिकारिक पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया था कि घटनास्थल के पास मौजूद लाल किला परिसर अत्यंत महत्वपूर्ण है और चूँकि क्राइम सीन की जाँच अभी जारी है,इसलिए लाल किले को कुछ दिनों के लिए बंद कर देना आवश्यक है। इस अनुरोध पर विचार करने के बाद एएसआई ने 15 नवंबर तक लाल किला परिसर को आगंतुकों के लिए बंद करने की घोषणा कर दी।

धमाके के बाद देश के कई बड़े शहरों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में सुरक्षा व्यवस्था को और भी कड़ा कर दिया गया है। पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है और मेट्रो स्टेशन,भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों और महत्वपूर्ण सरकारी संस्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा तैनात की गई है। कई राज्यों की सरकारों ने भी अपने यहां सतर्कता बढ़ाने के निर्देश जारी किए हैं,ताकि किसी भी संभावित खतरे को समय रहते टाला जा सके।

दिल्ली पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां कार ब्लास्ट की जाँच में जुटी हैं। फॉरेंसिक टीम ने कार के अवशेषों और आसपास के क्षेत्र से साक्ष्य एकत्र किए हैं। जाँच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि कार किसकी थी,कैसे वहाँ पहुँची और धमाका स्वचालित था या रिमोट से संचालित किया गया। एनएसजी की टीम विस्फोट में इस्तेमाल सामग्री के प्रकार और उसकी क्षमता का तकनीकी विश्लेषण कर रही है।

इस बीच,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 नवंबर को एलएनजेपी अस्पताल पहुँच कर धमाके में घायल लोगों से मुलाकात की। उन्होंने डॉक्टरों से घायलों के इलाज की जानकारी ली और अस्पताल प्रशासन को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री ने घायलों के परिवारों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन भी दिया।

लाल किला न केवल भारत का ऐतिहासिक धरोहर स्थल है,बल्कि देश की सांस्कृतिक पहचान और विरासत का प्रतीक भी है। यहाँ रोजाना हजारों की संख्या में पर्यटक पहुँचते हैं। ऐसी स्थिति में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इसे अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय बेहद आवश्यक और समझदारी भरा माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक धमाके की जाँच पूरी नहीं हो जाती और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत नहीं कर दी जाती,तब तक लाल किला परिसर को बंद रखना ही उचित है।

घटना ने एक बार फिर राजधानी दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे पहले भी दिल्ली में कई बार असामाजिक तत्वों ने एक बड़ी साजिश को अंजाम देने की कोशिश की है। वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए सुरक्षा बलों की सतर्कता और बढ़ गई है और पूरा प्रशासन जाँच के हर पहलू को गंभीरता से परख रहा है।

लाल किला परिसर को 15 नवंबर तक बंद रखने का निर्णय भले ही पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए असुविधाजनक हो सकता है,लेकिन सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए यह कदम उठाना अनिवार्य था। उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में जाँच में प्रगति होगी और दोषियों को जल्द ही कानून के दायरे में लाया जाएगा।