ढाका,11 नवंबर (युआईटीवी)- दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम हुए भीषण विस्फोट ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई,जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। विस्फोट इतना जोरदार था कि आस-पास खड़ी गाड़ियाँ आग की लपटों में घिर गईं और आसपास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई। इस दर्दनाक घटना पर बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और अवामी लीग की अध्यक्ष शेख हसीना ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए आतंकवाद की कड़ी निंदा की है।
शेख हसीना ने अपने आधिकारिक बयान में इस हमले को “अत्यंत निंदनीय और किसी भी सभ्य समाज में अस्वीकार्य” बताया। उन्होंने कहा कि निर्दोष लोगों की जान लेने वाले ऐसे हमले न केवल भारत के लिए,बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए खतरा हैं। हसीना ने मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि वह भारत के लोगों के साथ इस कठिन समय में पूरी तरह एकजुट हैं। साथ ही उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने बयान में आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति का समर्थन करते हुए कहा कि आधुनिक दुनिया में आतंक और उग्रवाद की कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे कृत्य केवल मासूमों की जान नहीं लेते, बल्कि एक धर्मनिरपेक्ष,मानवीय और कल्याणकारी समाज की नींव को भी कमजोर करते हैं। हसीना ने स्पष्ट किया कि इन आतंकवादी संगठनों की जड़ें पाकिस्तान जैसे देशों में हैं, जहाँ से इन्हें वित्तीय और वैचारिक समर्थन मिलता है।
उन्होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान में सक्रिय ये चरमपंथी संगठन न केवल भारत में,बल्कि बांग्लादेश और अन्य दक्षिण एशियाई देशों में भी घुसपैठ कर चुके हैं। इनका मकसद क्षेत्रीय स्थिरता को खत्म करना और आपसी अविश्वास का माहौल पैदा करना है। हसीना ने कहा, “ये आतंकवादी हमारे साझा भविष्य के लिए खतरा हैं। हमें इनके खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा।”
बांग्लादेश की अवामी लीग ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस बयान को साझा करते हुए लिखा कि पार्टी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता के साथ आतंकवाद के खिलाफ इस सैद्धांतिक संघर्ष में पूरी तरह से खड़ी है। हसीना ने कहा कि यह केवल भारत का मुद्दा नहीं है,बल्कि पूरी दक्षिण एशियाई क्षेत्र की सुरक्षा और शांति का सवाल है।
शेख हसीना ने अपने बयान में आगे कहा कि “मानवता के खिलाफ ऐसे जघन्य अपराध करने वालों के लिए आज की सभ्य दुनिया में कोई जगह नहीं है। उन्हें किसी भी सूरत में माफ नहीं किया जाना चाहिए। आतंकवाद की जड़ें जहाँ भी हों,उन्हें जड़ से खत्म कर देना होगा।” उन्होंने आतंकवाद को मानवता का दुश्मन बताते हुए कहा कि जो लोग इन संगठनों का समर्थन करते हैं,वे दरअसल निर्दोष लोगों के खिलाफ युद्ध छेड़ रहे हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि बांग्लादेश आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ अपने सख्त रुख पर कायम है और वह भारत के साथ हर संभव सहयोग करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “हमारा मानना है कि आतंकवाद की हार ही न्याय की जीत होगी। इससे मानवाधिकारों की रक्षा होगी और दुनिया को सुरक्षित भविष्य की दिशा में आगे बढ़ाया जा सकेगा।”
हसीना ने इस बात पर भी जोर दिया कि दक्षिण एशियाई देशों को मिलकर क्षेत्रीय स्थिरता और विकास के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों के बीच संबंध मजबूत करना और सहयोग को बढ़ाना ही आतंकवाद का सबसे बड़ा जवाब है। जब समाज में संवाद,सहयोग और सद्भावना बढ़ेगी,तब आतंकवाद और नफरत के लिए कोई जगह नहीं बचेगी।
दिल्ली में हुए इस धमाके ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि चरमपंथ और आतंकवाद के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ठोस और समन्वित कदम कितने जरूरी हैं। हसीना के इस बयान को भारत में न केवल राजनीतिक समर्थन के रूप में देखा जा रहा है,बल्कि इसे दक्षिण एशिया में आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक रुख की ओर एक सकारात्मक संकेत भी माना जा रहा है।
शेख हसीना का यह बयान उस समय आया है,जब भारत सुरक्षा एजेंसियाँ दिल्ली विस्फोट की जाँच में जुटी हैं। प्रारंभिक रिपोर्टों के मुताबिक,विस्फोट में इस्तेमाल किए गए विस्फोटक अत्याधुनिक प्रकृति के थे,जिनकी जाँच एनआईए और दिल्ली पुलिस की विशेष टीमें कर रही हैं।
हसीना के इस बयान ने यह संदेश दिया है कि आतंकवाद किसी एक देश की समस्या नहीं,बल्कि यह पूरी मानवता के लिए खतरा है। उनका यह वक्तव्य न केवल भारत के प्रति संवेदना का प्रतीक है,बल्कि यह भी दर्शाता है कि दक्षिण एशिया के देश आतंकवाद और हिंसा के खिलाफ अब एकजुट होकर खड़े हैं।
दिल्ली में हुए इस दुखद हादसे ने भले ही कई परिवारों को शोक में डुबो दिया हो,लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को मिले इस समर्थन से यह स्पष्ट हो गया है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में देश अकेला नहीं है। शेख हसीना का यह मजबूत और भावनात्मक बयान इस बात की गवाही देता है कि भारत और बांग्लादेश की दोस्ती केवल कूटनीतिक सीमाओं तक सीमित नहीं,बल्कि यह साझा मूल्यों और मानवता की रक्षा की भावना पर आधारित है।

