नई दिल्ली, 26 अगस्त (युआईटीवी)- भारत और प्रशांत द्वीप राष्ट्र फिजी के बीच ऐतिहासिक रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में सोमवार को अहम प्रगति हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फिजी के प्रधानमंत्री सितिवेनी राबुका के बीच हुई बैठक ने न केवल दोनों देशों के पारंपरिक संबंधों को और गहराई देने का मार्ग प्रशस्त किया, बल्कि भविष्य की विकास साझेदारी की रूपरेखा भी स्पष्ट की। यह मुलाकात भारत-फिजी संबंधों में नई ऊर्जा भरने वाली मानी जा रही है,क्योंकि इसमें बहुआयामी सहयोग और रणनीतिक समझ को नए स्तर तक ले जाने का संकल्प जताया गया।
बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि आज फिजी के प्रधानमंत्री सितिवेनी राबुका के साथ सकारात्मक चर्चा हुई। उन्होंने लिखा कि भारत और फिजी के बीच संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं और आज ये तेजी से मजबूत हो रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि बातचीत का मुख्य उद्देश्य विकासात्मक साझेदारी को और अधिक मजबूत करना था। दोनों देशों ने स्वास्थ्य सेवा,कृषि,रक्षा, सुरक्षा और प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को नए स्तर पर ले जाने की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की।
भारत और फिजी के बीच संबंध ऐतिहासिक रूप से गहरे रहे हैं। फिजी में भारतीय मूल के लोगों की बड़ी आबादी रहती है,जिन्होंने वहाँ की सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यही कारण है कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक जुड़ाव हमेशा से संबंधों की एक प्रमुख कड़ी रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने संदेश में इस सांस्कृतिक बंधन को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत और फिजी के बीच सांस्कृतिक संबंध हमारे रिश्तों का एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं और इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए हम मिलकर काम करेंगे।
बैठक में दोनों नेताओं ने विकास साझेदारी को नई दिशा देने पर विशेष जोर दिया। यह साझेदारी केवल आर्थिक दृष्टिकोण से नहीं,बल्कि सामाजिक और तकनीकी आदान-प्रदान के स्तर पर भी महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भारत ने फिजी को तकनीकी सहायता,दवाओं की आपूर्ति और चिकित्सा विशेषज्ञता साझा करने की इच्छा जताई। कृषि के क्षेत्र में संयुक्त परियोजनाओं और तकनीकी नवाचारों के माध्यम से फिजी की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने की दिशा में काम करने पर सहमति बनी।
Earlier today, held productive discussions with Prime Minister Sitiveni Rabuka of Fiji. India’s ties with Fiji are time-tested and are growing significantly. Our talks focussed on how to add more vigour to our developmental partnership. We discussed ways to deepen ties in sectors… pic.twitter.com/eVu0nt9RyP
— Narendra Modi (@narendramodi) August 25, 2025
रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भी दोनों देशों ने आपसी विश्वास और साझेदारी को गहरा करने का निर्णय लिया। फिजी जैसे द्वीप राष्ट्र के लिए समुद्री सुरक्षा और रक्षा क्षमता महत्वपूर्ण मुद्दा है,वहीं भारत इस क्षेत्र में न केवल तकनीकी विशेषज्ञता रखता है बल्कि रणनीतिक अनुभव भी रखता है। बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने रक्षा और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने,संयुक्त अभ्यास और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने और तकनीकी साझेदारी को प्रोत्साहित करने पर चर्चा की।
तकनीकी क्षेत्र में सहयोग भी इस बैठक का एक अहम पहलू रहा। भारत ने फिजी को डिजिटल परिवर्तन की दिशा में सहयोग का आश्वासन दिया। इसमें डिजिटल शिक्षा, ई-गवर्नेंस,साइबर सुरक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में साझेदारी की संभावनाएँ तलाशी गईं। यह सहयोग फिजी की नई पीढ़ी को आधुनिक तकनीकी ज्ञान से सशक्त बनाने में मदद करेगा और दोनों देशों के बीच नवाचार आधारित साझेदारी को गहराई प्रदान करेगा।
बैठक के दौरान यह भी स्पष्ट किया गया कि भारत और फिजी भविष्य में बहुपक्षीय सहयोग को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर दोनों देशों का सहयोग केवल द्विपक्षीय नहीं होगा,बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों के समाधान में भी उनकी साझेदारी महत्वपूर्ण होगी। जलवायु परिवर्तन,सतत विकास और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे मुद्दों पर दोनों देशों ने साझा दृष्टिकोण अपनाने की इच्छा जताई।
भारत-फिजी संबंधों में यह बैठक इसलिए भी खास है क्योंकि यह दोनों देशों के बीच पारंपरिक रिश्तों को आधुनिक संदर्भों में ढालने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। अतीत में भारत और फिजी के संबंध मुख्यतः सांस्कृतिक और सामाजिक जुड़ाव तक सीमित रहे थे,लेकिन अब वे रणनीतिक,तकनीकी और आर्थिक सहयोग के नए आयामों तक फैल रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री राबुका की यह बैठक संकेत देती है कि आने वाले वर्षों में भारत और फिजी केवल मित्रता और सहयोग के पुराने अध्यायों को याद नहीं करेंगे,बल्कि नए अध्याय भी लिखेंगे। इसमें साझा विकास परियोजनाएँ,तकनीकी आदान-प्रदान और वैश्विक मंचों पर परस्पर सहयोग प्रमुख भूमिका निभाएँगे।
इस मुलाकात ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत और फिजी के बीच संबंध केवल द्विपक्षीय हितों तक सीमित नहीं हैं,बल्कि ये व्यापक क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व रखते हैं। यह सहयोग प्रशांत क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका का भी प्रतीक है। फिजी जैसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राष्ट्र के साथ मजबूत साझेदारी भारत की “एक्ट ईस्ट पॉलिसी” और “इंडो-पैसिफिक रणनीति” को भी नई ताकत प्रदान करेगी।
इस प्रकार सोमवार को हुई यह बैठक भारत और फिजी के बीच रिश्तों के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ती है। यह केवल एक कूटनीतिक मुलाकात नहीं थी,बल्कि दोनों देशों के साझा भविष्य का खाका तैयार करने की प्रक्रिया का हिस्सा थी। स्वास्थ्य,कृषि,रक्षा,सुरक्षा और तकनीकी क्षेत्रों में बढ़ता सहयोग यह साबित करता है कि भारत और फिजी के संबंध आने वाले समय में और भी गहरे और व्यापक होंगे। प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री राबुका की यह पहल दोनों देशों को न केवल विकास और समृद्धि की नई राह पर ले जाएगी,बल्कि पूरे प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और प्रगति का भी मार्ग प्रशस्त करेगी।