नई दिल्ली,6 सितंबर (युआईटीवी)- देश की राजधानी दिल्ली में ऐतिहासिक लाल किला परिसर में एक बड़ी चोरी की घटना ने न केवल पुलिस प्रशासन बल्कि धार्मिक समुदाय को भी हिला कर रख दिया है। जैन धर्म के एक धार्मिक अनुष्ठान के दौरान मंगलवार को करीब 1 करोड़ रुपये मूल्य का सोने-हीरे जड़ा कलश चोरी हो गया। यह कलश 760 ग्राम शुद्ध सोने से बना था और इसमें 150 ग्राम हीरे,माणिक्य और पन्ना जड़े हुए थे। चोरी की इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं,खासकर तब जब आयोजन में देश की महत्वपूर्ण हस्तियाँ भी मौजूद थीं।
मामला उस समय सामने आया,जब जैन समुदाय द्वारा लाल किला परिसर के 15 अगस्त पार्क में आयोजित चल रहे धार्मिक अनुष्ठान में कारोबारी सुधीर जैन रोजाना की तरह पूजा के लिए कलश लेकर आए थे। उसी दौरान कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला भी पहुँचे थे और उनका स्वागत किया जा रहा था। स्वागत की अफरा-तफरी के बीच अचानक कलश मंच से गायब हो गया। पहले तो इसे सामान्य लापरवाही या गफलत माना गया,लेकिन जब काफी देर तक कलश का कोई पता नहीं चला,तो पूरे समुदाय में हलचल मच गई।
सुधीर जैन,जिनकी निजी संपत्ति के रूप में यह कलश रखा गया था,ने बताया कि उन्होंने इसे धार्मिक भावना से बनवाया था और यह समुदाय के लिए एक विशेष प्रतीक था। उनके अनुसार,यह घटना बेहद चौंकाने वाली और दुखद है। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी,जिसके बाद दिल्ली पुलिस हरकत में आई और मामले की जाँच शुरू कर दी।
पुलिस के मुताबिक,लाल किला परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में संदिग्ध की गतिविधियां दर्ज हुई हैं। अधिकारियों ने बताया कि संदिग्ध की पहचान कर ली गई है और उसकी गिरफ्तारी जल्द की जाएगी। फिलहाल पुलिस की कई टीमें सक्रिय हैं और संदिग्ध को पकड़ने के लिए अलग-अलग इलाकों में छापेमारी की जा रही है। साथ ही,फॉरेंसिक टीम भी मौके पर पहुँची और साक्ष्य जुटाए गए। पुलिस गवाहों से पूछताछ कर रही है ताकि घटना के बारे में अधिक स्पष्टता मिल सके।
यह अनुष्ठान जैन समुदाय द्वारा 9 सितंबर तक आयोजित किया जा रहा है। चोरी की इस घटना ने समुदाय के लोगों में भारी नाराजगी पैदा कर दी है। उनका कहना है कि इतने बड़े और पवित्र आयोजन में सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी होनी चाहिए थी,लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण यह शर्मनाक घटना घट गई। समुदाय के लोगों का यह भी कहना है कि जब आयोजन में लोकसभा अध्यक्ष जैसी बड़ी हस्तियाँ मौजूद थीं,तब सुरक्षा की जिम्मेदारी और अधिक मजबूत होनी चाहिए थी।
लाल किला परिसर में आयोजित इस धार्मिक कार्यक्रम को लेकर पहले से ही दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने इंतजाम किए थे,लेकिन इस चोरी ने सुरक्षा में चूक को उजागर कर दिया है। पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि चोरी किए गए कलश को बरामद करने की पूरी कोशिश की जा रही है और जल्द ही अपराधी कानून के शिकंजे में होगा। पुलिस ने यह भी आश्वासन दिया है कि जाँच पूरी तरह निष्पक्ष और गहन होगी।
इस घटना ने न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेंस पहुँचाई है,बल्कि देश की ऐतिहासिक धरोहरों और आयोजनों में सुरक्षा के स्तर पर भी बहस छेड़ दी है। सवाल यह उठ रहा है कि अगर इतने महत्वपूर्ण और संरक्षित स्थल पर इस तरह की चोरी हो सकती है,तो आम आयोजनों में लोगों की सुरक्षा का क्या होगा।
लाल किला,जो देश की धरोहर और गौरव का प्रतीक है,वहाँ इस तरह की घटना होना बेहद चिंताजनक है। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के आयोजनों में तकनीकी सुरक्षा साधनों जैसे कि उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरे,मेटल डिटेक्टर और प्रशिक्षित गार्डों की तैनाती अनिवार्य होनी चाहिए। साथ ही,आयोजकों को भी सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर अधिक सख्ती बरतनी चाहिए थी।
फिलहाल पूरा जैन समुदाय इस घटना से व्यथित है और उम्मीद कर रहा है कि चोरी किया गया कलश जल्द बरामद होगा। समुदाय के वरिष्ठ लोगों का कहना है कि यह कलश केवल एक मूल्यवान वस्तु नहीं था,बल्कि यह उनकी आस्था और परंपरा का प्रतीक था। पुलिस भी इस बात को समझते हुए मामले को गंभीरता से ले रही है और हर संभव प्रयास में जुटी है।
जाँच में शामिल अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की घटनाएँ अक्सर संगठित गिरोहों द्वारा की जाती हैं,जो धार्मिक और सार्वजनिक आयोजनों में भीड़ का फायदा उठाकर कीमती सामान चोरी कर लेते हैं। पुलिस का मानना है कि यह घटना भी उसी प्रकार की सुनियोजित साजिश का हिस्सा हो सकती है।
दिल्ली पुलिस आयुक्त ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर इस मामले की प्रगति की समीक्षा की और निर्देश दिए कि चोरी किए गए कलश की बरामदगी को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही,लाल किला परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और आने वाले दिनों में कार्यक्रम स्थल पर और अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए जाएँगे।
स्पष्ट है कि लाल किला परिसर में हुई इस चोरी ने न केवल धार्मिक समुदाय को गहरा आघात पहुँचाया है,बल्कि देश की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। अब सबकी निगाहें दिल्ली पुलिस पर टिकी हैं,जो इस चुनौतीपूर्ण मामले को सुलझाने और अपराधियों को पकड़ने के लिए लगातार प्रयासरत है। चोरी किया गया कलश कब तक बरामद होगा और दोषियों को कब सजा मिलेगी,यह आने वाले दिनों में साफ होगा,लेकिन फिलहाल यह घटना एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर करती है कि धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कितने जरूरी हैं।