भारत-चीन

भारत व चीन के प्रतिनिधियों ने सीमा विवाद के समाधान के लिए की चर्चा

नई दिल्ली,28 मार्च (युआईटीवी)- भारत-चीन सीमा विवाद के समाधान के लिए चीन की राजधानी बीजिंग में एक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) ने बीजिंग में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया,तो वहीं चीनी विदेश मंत्रालय के सीमा और महासागरीय विभाग के महानिदेशक ने चीन का प्रतिनिधित्व किया।

एक कार्य तंत्र का गठन भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए किया गया है,जिसकी 29वीं बैठक का आयोजन बीजिंग में सीमा विवाद के समाधान के उद्देशय से किया गया है।यह विवाद भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर जारी है,जिस पर दोनों देशों के प्रतिनिधि के मध्य इस बैठक में चर्चा की गई।

अरुणाचल प्रदेश को लेकर जब दोनों पक्ष वाकयुद्ध में उलझे हुए हैं,तब इस बैठक का आयोजन किया गया है। गलवान घाटी में जून 2020 में सैनिकों की झड़प के बाद,कई दौर की सैन्य वार्ता भारत और चीन के बीच हुई है।

एक बयान में विदेश मंत्रालय ने बताया कि,दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के समाधान के लिए बुधवार को आयोजित हुई बैठक दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा विवाद के समाधान के लिए चर्चा तो किए,इसके अलावा इस बैठक में कई अन्य मुद्दों के समाधान पर भी विचार-विमर्श किया गया।

सीमावर्ती क्षेत्रों में दोनों पक्ष राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से शांति बनाए रखने पर सहमित जताई है।मंत्रालय की तरफ से बयान कर बताया गया कि दोनों पक्ष राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से नियमित संपर्क बनाने और सीमावर्ती क्षेत्रों में मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार शांति बनाए रखने पर सहमत हुए हैं।इससे पूर्व पिछले साल नवंबर में दोनों पक्षों के बीच बैठक हुई थी।

चीन ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताया था,जिसे भारत ने खारिज कर दिया था। इससे पूर्व भी चीन ने कई बार ऐसा किया है और अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताया है। लेकिन चीन के इन निराधार दावों को विदेश मंत्रालय ने खारिज करते हुए कहा कि अरुणाचल उत्तरपूर्वी राज्य होने के साथ भारत का एक अभिन्न हिस्सा है। मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी कर बताया गया है कि भारत में हो रहे सभी विकास कार्यक्रम और परियोजनाओं से अरुणाचल के लोग लाभान्वित होते रहेंगे।

 

 

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