नई दिल्ली,13 अक्टूबर (युआईटीवी)- अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर जारी तनाव के बीच अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी का भारत दौरा काफी अहम माना जा रहा है। जहाँ एक ओर दोनों देशों की सीमाओं पर हिंसक झड़पों की खबरें आ रही हैं,वहीं दूसरी ओर मुत्ताकी ने नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा कि अफगानिस्तान पाकिस्तान के लोगों या उनकी सरकार से नहीं,बल्कि पाकिस्तान में मौजूद “कुछ खास लोगों” से परेशान है,जो जानबूझकर हालात को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
विदेश मंत्री मुत्ताकी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मैं पाकिस्तान के साथ हमारे रिश्तों को लेकर एक बात स्पष्ट करना चाहता हूँ। पाकिस्तान के आम नागरिक,राजनेता और सरकार – सभी अफगानिस्तान के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं,लेकिन पाकिस्तान में कुछ ऐसे तत्व हैं,जो हालात को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए,अफगानिस्तान को अपने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि सीमा पर हुई हालिया झड़पों के दौरान अफगानिस्तान ने अपने बचाव में जवाबी कार्रवाई की और जब मित्र देशों ने हस्तक्षेप किया,तब स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया।
मुत्ताकी ने बताया कि “हमने कल रात बदला लेने वाले अभियान का जवाब दिया। हमने अपना उद्देश्य हासिल कर लिया। इसके बाद हमारे मित्र देशों – कतर और सऊदी अरब ने हमसे युद्ध रोकने का अनुरोध किया और हमने तुरंत युद्ध को रोक दिया। अब स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। हम पाकिस्तान के साथ शांति चाहते हैं। हम अफगानिस्तान में भी शांति चाहते हैं और पूरे क्षेत्र में स्थिरता चाहते हैं। यह बातचीत और वार्ता के जरिए सभी मुद्दों को सुलझाने का सबसे अच्छा समय है।”
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की नीति स्पष्ट और संतुलित है। “हम सभी देशों के साथ अच्छे और संतुलित संबंध चाहते हैं। अफगानिस्तान ने हमेशा से स्वतंत्र विदेश नीति अपनाई है। हमारा मकसद किसी से दुश्मनी नहीं,बल्कि शांति और सहयोग को बढ़ावा देना है।” उन्होंने यह भी कहा कि अफगानिस्तान ने बीते 40 सालों में कई शक्तिशाली देशों का सामना किया और हर बार अपनी संप्रभुता की रक्षा की है।
अफगान विदेश मंत्री ने अपने बयान में कहा,“हमारा देश सदियों से अपने क्षेत्र की रक्षा करता आ रहा है। दुनिया के अधिकतर देश अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य संस्थाओं पर छोड़ देते हैं,लेकिन अफगानिस्तान की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहाँ जब भी संकट आता है,तो आम लोग,विद्वान और सरकार सभी एकजुट होकर अपने क्षेत्र की रक्षा करते हैं। यही हमारी ताकत है।” उन्होंने आगे जोड़ा कि अगर भविष्य में भी किसी देश ने अफगानिस्तान की सीमाओं के साथ छेड़छाड़ की,तो पूरा देश एकजुट होकर उसका जवाब देगा।
सीमा पर जारी तनाव के बीच मुत्ताकी का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान इलाकों में अफगान सीमा से गोलीबारी और मोर्टार हमलों की खबरें आई थीं,जिनमें कई पाकिस्तानी सैनिक घायल हुए। पाकिस्तान ने इस पर कड़ा विरोध जताया और अफगान अधिकारियों से जवाब माँगा। वहीं अफगानिस्तान की ओर से कहा गया कि पाकिस्तान की तरफ से सीमा पार गोलीबारी की शुरुआत की गई थी और उन्होंने केवल आत्मरक्षा में जवाब दिया।
अफगान विदेश मंत्री ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हमने कभी पहले हमला नहीं किया। हमने हमेशा अपने लोगों और अपनी सीमा की रक्षा की है। अगर कोई हमें चुनौती देगा,तो हम जवाब देंगे,लेकिन हमारा इरादा युद्ध नहीं,बल्कि स्थायी शांति स्थापित करने का है।” उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान में कुछ खास लोग हैं,जो इस तनाव का फायदा उठाना चाहते हैं,ताकि दोनों देशों के बीच रिश्ते और खराब हो जाएँ।
मुत्ताकी ने इस दौरान भारत की भूमिका की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की बात करता है और अफगानिस्तान भारत के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करना चाहता है। उन्होंने कहा,“भारत हमारे लिए एक भरोसेमंद साझेदार है। हम भारत के साथ आर्थिक,राजनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों को नई ऊँचाइयों तक ले जाना चाहते हैं। भारत ने हमेशा अफगान जनता की मदद की है और हम उसके आभारी हैं।”
अफगान विदेश मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि अफगानिस्तान अब आत्मनिर्भर और स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में खड़ा है। उन्होंने कहा, “अफगानिस्तान ने 40 से अधिक वर्षों तक युद्ध देखा है। जब सोवियत संघ यहाँ आया,तो वे हार गए। जब अमेरिका और नाटो यहाँ आए,तो वे भी हार गए। आज अफगानिस्तान स्वतंत्र है,अपने पैरों पर खड़ा है और अपने नागरिकों के लिए शांति और विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि अफगानिस्तान अब किसी बाहरी दबाव में नहीं झुकेगा। “हमने युद्ध का दर्द देखा है। मुत्ताकी ने कहा कि, अब हमारा देश शांति चाहता है,लेकिन अगर कोई हमारी आजादी या संप्रभुता को चुनौती देगा,तो अफगानिस्तान उसके लिए तैयार है। हमारे पास दूसरे विकल्प भी हैं,लेकिन हम हमेशा बातचीत को प्राथमिकता देंगे।”
पाकिस्तान के साथ मौजूदा सीमा विवाद के बीच मुत्ताकी का यह बयान एक कूटनीतिक संकेत माना जा रहा है कि तालिबान सरकार अब अपने पड़ोसी देशों के साथ संतुलित संबंध बनाकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्वीकार्यता बढ़ाना चाहती है।
भारत दौरे के दौरान मुत्ताकी ने भारतीय अधिकारियों से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा की। माना जा रहा है कि भारत ने अफगानिस्तान से आतंकवाद,सीमा सुरक्षा और मानवीय सहायता जैसे मुद्दों पर अपनी चिंता जताई है।
अमीर खान मुत्ताकी का यह बयान पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश देता है कि अफगानिस्तान अब अपनी सुरक्षा और क्षेत्रीय हितों से समझौता नहीं करेगा। साथ ही,यह संकेत भी देता है कि काबुल अब अपने पड़ोसियों से टकराव नहीं,बल्कि संवाद और सहयोग के रास्ते पर आगे बढ़ना चाहता है। अफगान विदेश मंत्री के भारत दौरे से यह साफ है कि तालिबान सरकार एशिया में शांति और स्थिरता की दिशा में अपनी भूमिका को लेकर एक नया संदेश देना चाहती है — “हम युद्ध नहीं, अब शांति के लिए तैयार हैं।”
