रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन

रूस ने पाकिस्तानी मीडिया पर निकाली भड़ास: ‘अमेरिकी प्रभाव में चल रहा है पाकिस्तान का फ्रंटियर पोस्ट’,दूतावास ने लगाई जमकर क्लास

नई दिल्ली,7 नवंबर (युआईटीवी)- पाकिस्तान एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है और इस बार वजह है उसके अपने मीडिया हाउस का रवैया। रूस और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक तनाव उस वक्त बढ़ गया जब इस्लामाबाद स्थित रूसी दूतावास ने पाकिस्तानी अखबार द फ्रंटियर पोस्ट पर तीखा हमला बोला। दरअसल,इस अखबार ने रूस के खिलाफ कई आलोचनात्मक लेख प्रकाशित किए,जिससे रूस का गुस्सा भड़क उठा। रूसी दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक लंबा पोस्ट साझा करते हुए न केवल अखबार की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए,बल्कि यह भी आरोप लगाया कि यह मीडिया हाउस पूरी तरह अमेरिकी प्रभाव में काम करता है।

रूसी दूतावास ने अपने पोस्ट में लिखा, “हमने पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार द फ्रंटियर पोस्ट में रूस विरोधी लेखों की एक श्रृंखला देखी है। इस अखबार को पाकिस्तानी कहना मुश्किल है,क्योंकि इसकी ग्लोबल न्यूज सर्विस का मुख्यालय वाशिंगटन में है। वहाँ की टीम पर अमेरिकी प्रभाव बहुत अधिक है और यह हमेशा रूस विरोधी कट्टरपंथियों,रूसी विदेश नीति के आलोचकों और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विरोधियों को प्राथमिकता देती है।”

रूसी दूतावास के इस बयान ने पाकिस्तान के मीडिया सर्कल में खलबली मचा दी है। दरअसल,रूस ने जिस भाषा में अपनी नाराजगी जताई है,वह यह दर्शाती है कि मास्को इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रहा है। दूतावास ने आगे कहा कि द फ्रंटियर पोस्ट के अंतर्राष्ट्रीय खंड में ऐसी एक भी खबर ढूँढना मुश्किल है,जो रूस या उसके नेतृत्व को सकारात्मक रूप में पेश करती हो। दूतावास के मुताबिक,इस अखबार की संपादकीय नीति जानबूझकर रूस के खिलाफ नकारात्मक माहौल बनाने की कोशिश कर रही है।

रूस ने हालाँकि यह भी स्पष्ट किया कि वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मीडिया के स्वतंत्र दृष्टिकोणों का सम्मान करता है,लेकिन उसने यह सवाल जरूर उठाया कि क्या इस स्वतंत्रता के नाम पर अमेरिका या अन्य पश्चिमी देशों का राजनीतिक एजेंडा चलाया जा रहा है? दूतावास ने लिखा, “हम संपादकीय स्वतंत्रता और विभिन्न विचार रखने वाले लेखकों को जगह देने की परंपरा का सम्मान करते हैं,परंतु यह चिंताजनक है कि फ्रंटियर पोस्ट लगातार ऐसे लेख प्रकाशित कर रहा है,जिनमें रूस को बदनाम करने की कोशिश की जाती है। यह स्वतंत्र पत्रकारिता नहीं,बल्कि रूस विरोधी ताकतों के राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति लगती है।”

रूस ने अपने पोस्ट में यह भी उल्लेख किया कि द फ्रंटियर पोस्ट ने 7 अक्टूबर 2025 को आयोजित “मॉस्को फॉर्मेट कंसल्टेशन” की खबर को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया। यह एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय बैठक थी,जिसमें कई देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। इस बैठक को पाकिस्तान समेत कई देशों के स्थानीय मीडिया में व्यापक कवरेज मिला,लेकिन फ्रंटियर पोस्ट ने इसे अपने पन्नों से नदारद रखा। रूसी दूतावास ने इस बात पर सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि यह चयनात्मक रिपोर्टिंग और जानबूझकर तथ्यों को दबाने का उदाहरण है।

मॉस्को फॉर्मेट कंसल्टेशन का आयोजन अफगानिस्तान के भविष्य,क्षेत्रीय स्थिरता और आतंकवाद के खिलाफ समन्वय पर चर्चा के लिए किया गया था। रूस ने पाकिस्तान को इस बैठक में आमंत्रित किया था,जिससे दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाया जा सके,लेकिन पाकिस्तानी मीडिया के एक वर्ग ने इस आयोजन को नज़रअंदाज़ कर दिया,जिसे रूस ने “राजनीतिक पूर्वाग्रह” की संज्ञा दी।

रूसी दूतावास ने न केवल संपादकीय नीति पर बल्कि पत्रकारिता की साख पर भी गंभीर आरोप लगाए। पोस्ट में कहा गया कि फ्रंटियर पोस्ट के पत्रकार तथ्यों के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं और रूस की आर्थिक स्थिति को गलत ढंग से प्रस्तुत कर रहे हैं। दूतावास ने लिखा, “वाशिंगटन स्थित फ्रंटियर पोस्ट के पत्रकार जानबूझकर आँकड़ों में हेरफेर कर रहे हैं,ताकि यह दिखाया जा सके कि रूस आर्थिक पतन के कगार पर है,लेकिन वास्तविकता इससे बिल्कुल उलट है।”

रूस ने अपने पोस्ट में आर्थिक आँकड़ें साझा करते हुए बताया कि पश्चिमी प्रतिबंधों और बाहरी दबावों के बावजूद उसकी अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ रही है। दूतावास ने कहा, “2024 में रूस की जीडीपी में 4.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई,जबकि विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में यह वृद्धि 8.5 प्रतिशत तक रही। रूस की बेरोजगारी दर 2.5 प्रतिशत है,जो कई विकसित देशों से भी कम है। वर्ष 2025 के लिए अनुमानित वार्षिक मुद्रास्फीति दर 6.5 से 7 प्रतिशत के बीच रहने की संभावना है। ये आँकड़ें किसी भी तरह उस दावे का समर्थन नहीं करते कि रूस की अर्थव्यवस्था कमजोर हो रही है।”

इन तथ्यों के हवाले से रूस ने फ्रंटियर पोस्ट पर “अमेरिकी एजेंडा चलाने” का आरोप लगाया और कहा कि यह अखबार पश्चिमी मीडिया के नक्शे-कदम पर चल रहा है,जो रूस की छवि को लगातार खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। दूतावास ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के लोगों को एकतरफा मीडिया रिपोर्टिंग पर भरोसा नहीं करना चाहिए और उन्हें चाहिए कि वे जानकारी कई स्रोतों से प्राप्त करें।

रूस का यह बयान ऐसे समय में आया है,जब मास्को और इस्लामाबाद के संबंध पिछले कुछ वर्षों में धीरे-धीरे मजबूत हुए हैं। रूस ने पाकिस्तान में ऊर्जा सहयोग,रक्षा वार्ता और अफगानिस्तान के मुद्दे पर संवाद के कई दौर आयोजित किए हैं,लेकिन इस तरह के मीडिया विवाद दोनों देशों के रिश्तों में अनचाही दरार पैदा कर सकते हैं। रूसी दूतावास का यह कड़ा बयान पाकिस्तानी सरकार और उसके मीडिया संस्थानों के लिए एक चेतावनी की तरह देखा जा रहा है कि रूस अपने खिलाफ प्रचार को हल्के में नहीं लेगा।

पाकिस्तानी राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद केवल मीडिया की गलती नहीं है,बल्कि यह उस व्यापक भू-राजनीतिक संघर्ष का हिस्सा है,जिसमें पाकिस्तान को संतुलन बनाए रखना मुश्किल हो रहा है। एक ओर पाकिस्तान अमेरिका के साथ रणनीतिक संबंध बनाए रखना चाहता है,वहीं दूसरी ओर वह रूस और चीन के साथ भी अपने संबंधों को गहराई देने की कोशिश कर रहा है,लेकिन जब उसका मीडिया किसी एक पक्ष के पक्षधर की तरह दिखता है,तो उसके कूटनीतिक संतुलन पर प्रश्नचिह्न लग जाते हैं।

रूसी दूतावास के इस बयान ने यह साफ कर दिया है कि मास्को अपने हितों की रक्षा के लिए किसी भी स्तर तक जा सकता है। पोस्ट के अंत में रूस ने पाकिस्तान के नागरिकों से अपील की, “हम पाकिस्तान के लोगों से आग्रह करते हैं कि वे एकतरफा और विकृत रिपोर्टिंग पर भरोसा न करें। सच्चाई को समझने के लिए अलग-अलग स्रोतों से जानकारी प्राप्त करें और तथ्यों की जांच करें।”

इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि मीडिया की भूमिका अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में कितनी अहम होती है। एक गलत या पक्षपातपूर्ण रिपोर्ट न केवल किसी देश की छवि को नुकसान पहुँचा सकती है,बल्कि दो राष्ट्रों के बीच बने भरोसे को भी डगमगा सकती है। अब देखना यह होगा कि पाकिस्तान सरकार और उसका मीडिया रूस की इस सख्त प्रतिक्रिया पर कैसी प्रतिक्रिया देता है। फिलहाल इतना तय है कि द फ्रंटियर पोस्ट की रिपोर्टिंग ने पाकिस्तान को एक बार फिर वैश्विक मंच पर असहज स्थिति में ला खड़ा किया है और रूस ने यह साफ कर दिया है कि वह किसी भी तरह के झूठे प्रचार को बर्दाश्त नहीं करेगा।