मॉस्को,21 मई (युआईटीवी)- रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से चल रहे संघर्ष को लेकर एक बार फिर शांति वार्ता की संभावनाएँ नजर आने लगी हैं। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने मंगलवार को एक अहम बयान देते हुए कहा कि रूस,यूक्रेन के साथ संभावित शांति समझौते को लेकर एक मेमोरेंडम पर काम करने का प्रस्ताव देगा। उन्होंने कहा कि रूस संघर्ष का “अंतिम और न्यायपूर्ण समाधान” चाहता है और इसके लिए वह गंभीर प्रयास करने को तैयार है।
जखारोवा के अनुसार,रूस बार-बार यह स्पष्ट करता रहा है कि वह यूक्रेन संकट के शांतिपूर्ण समाधान का पक्षधर है,लेकिन ऐसा तभी संभव है,जब इस संघर्ष के मूल कारणों को ईमानदारी से समझा और दूर किया जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी वार्ता में केवल सैन्य कार्रवाई को रोकना ही काफी नहीं होगा,बल्कि उन बुनियादी मुद्दों को भी सुलझाना होगा,जिन्होंने इस युद्ध को जन्म दिया।
रूसी प्रवक्ता ने यह भी कहा कि यदि शांति वार्ता की दिशा में कोई ठोस कदम उठाया जाता है,तो उसमें समझौते की मुख्य शर्तों,समय-सीमा और युद्धविराम से जुड़ी शर्तों पर स्पष्ट सहमति आवश्यक होगी। यह एक जटिल प्रक्रिया होगी जिसमें दोनों पक्षों को समझदारी और परिपक्वता दिखानी होगी।
इस बीच,क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने भी इस पहल को आगे बढ़ाने का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि मॉस्को और कीव को एक संयुक्त ज्ञापन (मेमोरेंडम) तैयार करने की दिशा में बातचीत शुरू करनी चाहिए। यह ज्ञापन शांति समझौते और युद्धविराम की संभावनाओं को लेकर दोनों देशों की प्रतिबद्धताओं को दर्शाएगा।
पेसकोव ने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया के लिए कोई तय समय सीमा नहीं रखी गई है। यानी यह बातचीत तब तक चलेगी,जब तक दोनों पक्ष किसी ठोस समझौते पर नहीं पहुँच जाते।
इस कूटनीतिक घटनाक्रम से एक दिन पहले ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच यूक्रेन संकट को लेकर टेलीफोन पर बातचीत हुई थी। इस बातचीत में हाल ही में इस्तांबुल में हुई रूस-यूक्रेन वार्ता पर भी चर्चा हुई। दो घंटे चली इस बातचीत को ट्रंप ने “बहुत सकारात्मक और अच्छे माहौल में” बताया।
बातचीत के बाद ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन तुरंत युद्धविराम वार्ता शुरू करेंगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि यह संघर्ष अब अपने अंत की ओर बढ़ सकता है। ट्रंप ने इस बात पर जोर दिया कि शांति वार्ता की सारी शर्तें रूस और यूक्रेन को ही तय करनी चाहिए,क्योंकि वही इस युद्ध के जमीनी हालात और ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य से बेहतर तरीके से परिचित हैं।
ट्रंप ने यह भी कहा कि रूस,अमेरिका के साथ बड़े व्यापारिक समझौते करना चाहता है,लेकिन उसकी प्राथमिकता इस युद्ध को समाप्त करना है। यह बयान वैश्विक राजनीति में एक नई दिशा की ओर संकेत करता है, जहाँ राजनयिक दबाव और कूटनीति के ज़रिए संघर्ष को रोका जा सकता है।
इन बयानों से यह संकेत मिलता है कि अब रूस और यूक्रेन दोनों ही देशों में युद्ध से थकावट महसूस हो रही है और एक संभावित समाधान की तलाश चल रही है। अगर यह वार्ता सफल होती है,तो यह दुनिया भर के लिए एक राहत की खबर होगी,जो इस युद्ध के कारण आर्थिक संकट,ऊर्जा संकट और वैश्विक तनावों से प्रभावित हुआ है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि रूस शांति की दिशा में गंभीर है और यदि यूक्रेन भी कूटनीतिक समाधान को प्राथमिकता देता है,तो इस संघर्ष को शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त किया जा सकता है। हालाँकि,यह एक लंबी प्रक्रिया होगी और इसमें कई देशों की भागीदारी और गारंटी की आवश्यकता हो सकती है।
रूस द्वारा शांति समझौते को लेकर मेमोरेंडम की पेशकश और ट्रंप-पुतिन बातचीत ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने एक नई उम्मीद की किरण जगाई है। अब यह देखना होगा कि क्या दोनों देश इस कूटनीतिक रास्ते पर आगे बढ़ते हैं या फिर यह पहल भी अतीत की कोशिशों की तरह एक असफल प्रयास बनकर रह जाती है। फिलहाल, पूरी दुनिया की नजरें रूस-यूक्रेन के आगामी कदमों पर टिकी हैं।