यरूशलम में एस. जयशंकर–नेतन्याहू मुलाकात (तस्वीर क्रेडिट@DrSJaishankar)

यरूशलम में एस.जयशंकर–नेतन्याहू मुलाकात: भारत-इजरायल रणनीतिक साझेदारी को नई ऊर्जा देने पर सहमति

यरूशलम,17 दिसंबर (युआईटीवी)- भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने यरूशलम में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात कर दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के संकल्प को दोहराया। इस अहम बैठक के दौरान डॉ. जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुभकामनाएँ और सद्भावना संदेश नेतन्याहू को सौंपा। मुलाकात में तकनीक,अर्थव्यवस्था,कौशल एवं प्रतिभा विकास,कनेक्टिविटी और सुरक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को गहराने पर विस्तार से चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी विचार साझा किए और बदलते अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में आपसी समन्वय बढ़ाने की जरूरत पर सहमति जताई।

बुधवार को हुई इस मुलाकात के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी साझा करते हुए लिखा कि यरूशलम में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मिलना सुखद रहा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुभकामनाएँ दी गईं और भारत-इजरायल सहयोग को नई ऊँचाइयों तक ले जाने पर चर्चा हुई। जयशंकर ने यह भी कहा कि क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर नेतन्याहू के विचारों को उन्होंने महत्व दिया और उन्हें विश्वास है कि दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी आने वाले समय में और सशक्त होगी।

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी इस मुलाकात को सकारात्मक बताते हुए सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि उन्होंने अपने कार्यालय में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से मुलाकात की और दोनों देशों के संबंधों को आगे बढ़ाने से जुड़े मुद्दों पर सार्थक बातचीत हुई। नेतन्याहू का यह बयान इस बात का संकेत है कि इजरायल भी भारत के साथ अपने रिश्तों को विशेष प्राथमिकता देता है,खासकर ऐसे समय में जब पश्चिम एशिया में सुरक्षा और स्थिरता से जुड़े सवाल वैश्विक राजनीति के केंद्र में हैं।

यह मुलाकात विदेश मंत्री जयशंकर के इजरायल दौरे का अहम हिस्सा रही,जिसमें उन्होंने इजरायली नेतृत्व के साथ कई स्तरों पर संवाद किया। इससे एक दिन पहले जयशंकर ने इजरायल के राष्ट्रपति इसाक हर्ज़ोग से भी मुलाकात की थी। इस बैठक में भारत-इजरायल रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की गई और भविष्य के सहयोग की दिशा पर चर्चा हुई। जयशंकर ने राष्ट्रपति हर्ज़ोग को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुभकामनाएँ दीं और क्षेत्र में स्थायी शांति के लिए भारत के अटूट समर्थन को दोहराया।

राष्ट्रपति हर्ज़ोग के साथ बातचीत के दौरान दोनों पक्षों ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और इजरायल के रिश्ते केवल द्विपक्षीय हितों तक सीमित नहीं हैं,बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता,नवाचार और मानव कल्याण से भी जुड़े हैं। जयशंकर ने कहा कि भारत शांति,संवाद और सहयोग के जरिए पश्चिम एशिया में स्थायी समाधान का समर्थक रहा है और भविष्य में भी इस दिशा में अपनी भूमिका निभाता रहेगा।

अपने दौरे के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने इजरायल के अर्थव्यवस्था और उद्योग मंत्री नीर बरकत से भी मुलाकात की। इस बैठक में दोनों देशों के बीच निवेश और नवाचार सहयोग को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा हुई। जयशंकर ने कहा कि भारत और इजरायल के पास स्टार्टअप्स,उन्नत तकनीक,कृषि नवाचार,साइबर सुरक्षा और रक्षा उत्पादन जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करने की अपार संभावनाएँ हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि दोनों देशों के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता जल्द पूरा होने से आर्थिक साझेदारी को नई गति मिलेगी।

जयशंकर ने इस मुलाकात के बाद कहा कि भारत-इजरायल आर्थिक रिश्ते तेजी से विस्तार कर रहे हैं और दोनों देश एक-दूसरे के लिए भरोसेमंद साझेदार बन चुके हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि निवेश,उद्योग और इनोवेशन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने से न केवल व्यापार को बढ़ावा मिलेगा,बल्कि रोजगार और कौशल विकास के नए अवसर भी पैदा होंगे।

भारत और इजरायल के संबंध बीते कुछ वर्षों में उल्लेखनीय रूप से मजबूत हुए हैं। रक्षा और सुरक्षा सहयोग से लेकर कृषि,जल प्रबंधन,स्वास्थ्य और डिजिटल तकनीक तक,दोनों देश एक-दूसरे के अनुभव और विशेषज्ञता से लाभ उठा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच बनी व्यक्तिगत समझ और नियमित उच्चस्तरीय संवाद ने इन रिश्तों को नई दिशा दी है। विदेश मंत्री जयशंकर का यह दौरा उसी निरंतरता का हिस्सा माना जा रहा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि जयशंकर और नेतन्याहू की मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब वैश्विक राजनीति में अनिश्चितता बढ़ी हुई है और पश्चिम एशिया कई चुनौतियों से गुजर रहा है। ऐसे में भारत और इजरायल के बीच गहरा संवाद न केवल द्विपक्षीय संबंधों के लिए अहम है,बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक सहयोग के लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

यरूशलम में हुई यह उच्चस्तरीय बैठक भारत-इजरायल संबंधों को नई ऊर्जा देने वाली साबित हुई है। तकनीक,सुरक्षा,अर्थव्यवस्था और कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने का साझा संकल्प इस बात का संकेत है कि आने वाले वर्षों में दोनों देश रणनीतिक साझेदारी को और व्यापक तथा प्रभावी बनाने की दिशा में मिलकर आगे बढ़ेंगे।