नई दिल्ली,7 अगस्त (युआईटीवी)- भारतीय क्रिकेट के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने भारतीय तेज गेंदबाजों की दिल खोलकर तारीफ की है,जब भारतीय क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ पाँचवें और निर्णायक टेस्ट मुकाबले में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए छह रनों से जीत हासिल की और पाँच मैचों की सीरीज 2-2 से बराबर की। इस रोमांचक जीत के सूत्रधार बने तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज,जिन्होंने ओवल टेस्ट के अंतिम दिन घातक गेंदबाजी करते हुए पाँच विकेट झटके। उनकी इस अद्भुत गेंदबाजी और सीरीज में निभाई गई अहम भूमिका को लेकर भारतीय क्रिकेट के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने उनकी दिल खोलकर तारीफ की।
सचिन तेंदुलकर ने कहा कि उन्हें मोहम्मद सिराज का रवैया बेहद पसंद है। उन्होंने माना कि सिराज को वह श्रेय नहीं मिल रहा है,जिसके वे असल में हकदार हैं। तेंदुलकर ने सिराज की तारीफ करते हुए कहा कि एक तेज गेंदबाज का इस तरह लगातार बल्लेबाजों पर दबाव बनाए रखना किसी भी विरोधी को रास नहीं आता और सिराज ने यह काम पूरे सीरीज में शानदार ढंग से किया। ओवल टेस्ट के अंतिम दिन सिराज ने मात्र 25 गेंदों में नौ रन देकर तीन विकेट चटकाए और इंग्लैंड के निचले क्रम को तहस-नहस कर दिया। इस प्रयास की बदौलत भारत ने इंग्लैंड को बेहद करीबी मुकाबले में मात दी।
सबसे निर्णायक पल वह रहा जब सिराज ने इंग्लैंड के बल्लेबाज गस एटकिंसन का ऑफ स्टंप उखाड़ फेंका,जिससे भारत की जीत लगभग सुनिश्चित हो गई। सचिन ने सिराज की आक्रामकता और फुर्ती की सराहना करते हुए कहा कि अंतिम दिन भी वह लगभग 145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी कर रहे थे,जो इस बात का प्रमाण है कि उनके अंदर कितना जुनून और ताकत है।
सिराज ने इस सीरीज में कुल 1,113 गेंदें फेंकी और 32.43 की औसत से 23 विकेट लिए,जिससे वे सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए। तेंदुलकर ने इस आँकड़ें को उल्लेखनीय बताते हुए कहा कि जब भी टीम को उनकी जरूरत पड़ी,उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया है। उनके मुताबिक,सिराज ने हमेशा अहम मौकों पर खुद को साबित किया है,लेकिन इसके बावजूद उन्हें वह प्रशंसा नहीं मिलती,जिसकी वे पूरी तरह हकदार हैं।
इसके साथ ही सचिन तेंदुलकर ने भारतीय गेंदबाजी आक्रमण के एक और स्तंभ जसप्रीत बुमराह की भी जमकर सराहना की। इस सीरीज में बुमराह केवल तीन टेस्ट ही खेल सके क्योंकि उन्हें वर्कलोड मैनेजमेंट के तहत दो मुकाबलों से बाहर रखा गया था। इसके बावजूद उन्होंने 14 विकेट लिए,जिनमें दो बार पाँच विकेट लेने का कारनामा भी शामिल रहा।
तेंदुलकर ने बुमराह के आलोचकों को जवाब देते हुए कहा कि जो लोग यह कह रहे हैं कि जिन टेस्ट में बुमराह नहीं खेले,वो भारत जीत गया,वह सिर्फ एक संयोग है। उन्होंने बुमराह के प्रदर्शन को शानदार बताया और कहा कि पहले टेस्ट में उन्होंने पाँच विकेट लिए और लॉर्ड्स टेस्ट में तीसरी और चौथी पारी में फिर से पाँच विकेट लेकर मैच का रुख बदल दिया। तेंदुलकर के मुताबिक,इन आँकड़ों से साफ है कि बुमराह की मौजूदगी टीम के लिए कितनी अहम है।
तेंदुलकर ने यह भी कहा कि बुमराह का अब तक का करियर अविश्वसनीय रहा है। उन्होंने बिना किसी हिचक के कहा कि बुमराह लगातार बेहतरीन प्रदर्शन करते रहे हैं और उन्हें किसी भी अन्य गेंदबाज से बेहतर मानते हैं। उन्होंने कहा कि बुमराह के पास वो विविधता,सटीकता और मानसिक दृढ़ता है,जो किसी भी टेस्ट गेंदबाज को महान बनाती है।
भारतीय टीम के पास इस समय मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह जैसे दो बेहतरीन तेज गेंदबाज हैं,जो न केवल लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं,बल्कि कठिन परिस्थितियों में भी टीम को जीत दिला रहे हैं। सिराज की आक्रामकता और बुमराह की निरंतरता भारतीय गेंदबाजी आक्रमण को और अधिक घातक बना रही है।
भारतीय क्रिकेट की यह जोड़ी भविष्य में टीम की जीत का बड़ा कारण बन सकती है। सिराज की जुझारूपन और गति के साथ बुमराह की चालाकी और अनुभव,दोनों ही भारत को विदेशी धरती पर टेस्ट जीत दिलाने की क्षमता रखते हैं। तेंदुलकर जैसे दिग्गज खिलाड़ी की ओर से इन दोनों खिलाड़ियों को मिली सराहना निश्चित रूप से उनके आत्मविश्वास को बढ़ाएगी और आने वाले सीरीज में वह और भी प्रेरित होकर उतरेंगे।
ओवल में मिली यह जीत सिर्फ एक टेस्ट मुकाबले की जीत नहीं थी,बल्कि यह भारत की गेंदबाजी शक्ति और मानसिक मजबूती की भी जीत थी। इस जीत में सिराज और बुमराह दोनों की भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता। तेंदुलकर की टिप्पणी से यह स्पष्ट है कि इन दोनों गेंदबाजों का भविष्य उज्ज्वल है और वे भारतीय क्रिकेट को नए ऊँचाइयों तक ले जाने में सक्षम हैं।
