मुंबई,6 सितंबर (युआईटीवी)- बॉलीवुड के लिए यह साल कई नई शुरुआतों का गवाह बन रहा है। इन्हीं नई शुरुआतों में से एक है मोहित सूरी की फिल्म ‘सैयारा’, जिसने न केवल दो नए चेहरों को इंडस्ट्री में लॉन्च किया,बल्कि दर्शकों के दिलों में गहरी छाप भी छोड़ी। 18 जुलाई को रिलीज हुई इस फिल्म ने महज पचास दिनों में वह मुकाम हासिल कर लिया है,जो कई बड़ी फिल्मों को भी नसीब नहीं होता। अहान पांडे और अनीत पड्डा की डेब्यू फिल्म ‘सैयारा’ ने अब तक विश्व स्तर पर लगभग 568 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है और यह अभी भी थिएटर्स में दर्शकों को आकर्षित कर रही है।
फिल्म के पचास दिन पूरे होने पर दोनों कलाकारों ने इस खास अवसर को धूमधाम से मनाया। अहान पांडे ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट साझा कर दर्शकों का आभार व्यक्त किया और इस सफर को अपने करियर का अविस्मरणीय क्षण बताया। अपने संदेश में उन्होंने लिखा, “आज उस फिल्म के 50 दिन पूरे हो गए,जिसने हमें दुनिया के सामने और दुनिया को हमारे सामने लाया। हमें जो प्यार मिला है,वह इस बात का प्रमाण है कि अगर आप जादू में विश्वास करते हैं,अगर आप उसे महसूस करते हैं,तो दुनिया भी आपके साथ उसे महसूस कर सकती है।”
अहान ने आगे लिखा, “आज यह हमारे लिए बहुत बड़ा पल है। हम अपनी आँखें बंद करते हैं और बस आपको देखते हैं। जिस तरह आपने हमारे साथ सब कुछ महसूस किया,हमारे लिए अनोखा था। आपने हमें अपनी भावनाओं में शामिल किया और हमारी कमजोरियों के बावजूद हमें स्वीकार किया। यह हमें याद दिलाता है कि ईमानदारी और प्यार इस दुनिया में किसी भी चीज से ज्यादा शक्तिशाली है। यह पल,यह याद और यह सीख हमेशा हमारे साथ रहेंगे।”
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इस पोस्ट के साथ अहान और अनीत की कुछ तस्वीरें भी साझा की गईं,जिनमें दोनों चर्च के सामने खड़े दिखाई दे रहे हैं। तस्वीरों में उनकी खुशी और संतोष साफ झलकता है। यह पल दोनों कलाकारों के लिए सिर्फ करियर की शुरुआत नहीं,बल्कि उनके जीवन का एक ऐतिहासिक क्षण है,जिसने उन्हें सीधे दर्शकों के दिलों से जोड़ दिया।
‘सैयारा’ की कहानी भावनाओं से भरपूर है और यही इसकी सबसे बड़ी ताकत भी है। यह फिल्म 2004 में बनी कोरियाई फिल्म ‘ए मोमेंट टू रिमेंबर’ पर आधारित है। इसमें अहान पांडे ने कृष कपूर का किरदार निभाया है,जबकि अनीत पड्डा ने वाणी सहगल की भूमिका में अपनी अभिनय प्रतिभा दिखाई है। दोनों ने पर्दे पर एक प्रेमी जोड़े के रूप में दर्शकों को गहराई तक भावुक कर दिया। कहानी के उतार-चढ़ाव और दोनों के रिश्ते की सच्चाई ने थिएटर में मौजूद दर्शकों की आँखें नम कर दीं। सोशल मीडिया पर इस बात के कई वीडियो वायरल हुए कि फिल्म देखते समय दर्शक भावुक होकर रो पड़े।
यह कहना गलत नहीं होगा कि ‘सैयारा’ ने अपनी सादगी और भावुक प्रस्तुति से दर्शकों को बाँध लिया है। मोहित सूरी,जो अपने रोमांटिक और इमोशनल टच के लिए जाने जाते हैं,ने इस फिल्म के जरिए एक बार फिर अपनी खास पहचान को साबित किया है। उन्होंने न सिर्फ एक विदेशी कहानी को भारतीय संवेदनाओं के साथ जोड़ा,बल्कि उसे इस तरह प्रस्तुत किया कि दर्शकों को वह अपनी ही जिंदगी का हिस्सा महसूस हो।
फिल्म की सफलता ने न केवल निर्देशक मोहित सूरी बल्कि पूरी टीम का हौसला बढ़ाया है। खासकर अहान पांडे और अनीत पड्डा के लिए यह किसी सपने के सच होने जैसा है। पहली ही फिल्म से दर्शकों के दिलों पर कब्जा करना आसान काम नहीं होता,लेकिन इन दोनों ने अपनी मेहनत, ईमानदारी और सच्ची अदाकारी से यह कर दिखाया।
‘सैयारा’ की सफलता यह भी साबित करती है कि दर्शक आज भी अच्छी और भावनात्मक कहानियों को देखना चाहते हैं। जब कहानी सच्ची लगती है और कलाकार अपने किरदार को पूरी ईमानदारी से जीते हैं,तो दर्शक उससे जुड़ जाते हैं। यही वजह है कि फिल्म के पचास दिन पूरे होने पर भी थिएटर हाउसफुल चल रहे हैं और दर्शकों का उत्साह बरकरार है।
अहान और अनीत की इस फिल्म से बॉलीवुड में एक नई जोड़ी ने जन्म लिया है,जिसकी तुलना पहले से ही कई सफल ऑन-स्क्रीन जोड़ियों से की जाने लगी है। समीक्षक मानते हैं कि दोनों का भविष्य उज्ज्वल है और यदि वे इसी तरह ईमानदारी और मेहनत से आगे बढ़ते रहे,तो आने वाले वर्षों में बड़े सितारों की कतार में उनका नाम भी शामिल होगा।
फिल्म ‘सैयारा’ की सफलता का जश्न केवल बॉक्स ऑफिस तक सीमित नहीं है,बल्कि इसने बॉलीवुड में नए कलाकारों की एंट्री को लेकर एक नई उम्मीद भी जगाई है। यह फिल्म बताती है कि यदि कलाकार सच्चे दिल से अपने काम को निभाते हैं,तो दर्शक उन्हें खुले दिल से अपनाते हैं।
इस समय जब बॉलीवुड पर अक्सर यह आरोप लगता है कि यहाँ केवल स्टार किड्स को मौके मिलते हैं और नए कलाकारों को जगह बनाना कठिन है,तब ‘सैयारा’ जैसी फिल्मों की सफलता यह साबित करती है कि दर्शक प्रतिभा को पहचानते हैं और असली मेहनत का फल जरूर मिलता है।
जश्न का यह 50वां दिन अहान पांडे और अनीत पड्डा के करियर की पहली बड़ी जीत है। यह सिर्फ एक फिल्म का जश्न नहीं बल्कि उन सपनों का जश्न है,जो बड़े पर्दे पर चमकने के लिए बने हैं। दर्शकों का प्यार और आशीर्वाद उनके साथ है और यही प्यार उनके आगे के सफर को और भी खूबसूरत बनाएगा। ‘सैयारा’ अब केवल एक फिल्म नहीं रही,बल्कि यह उन सभी के लिए प्रेरणा बन गई है,जो सपनों को हकीकत में बदलने का साहस रखते हैं।