नई दिल्ली,26 सितंबर (युआईटीवी)- दिवंगत उद्योगपति संजय कपूर की संपत्ति को लेकर चल रहा पारिवारिक विवाद अब नए मोड़ पर पहुँच गया है। दिल्ली हाई कोर्ट इस मामले में 26 सितंबर को सुनवाई करेगा। संजय कपूर की पत्नी प्रिया कपूर ने अदालत में एक याचिका दायर कर अनुरोध किया है कि उन्हें अपने पति की संपत्तियों का पूरा ब्यौरा सीलबंद लिफाफे में पेश करने की अनुमति दी जाए। उनका कहना है कि वह अदालत को सभी आवश्यक जानकारी देने के लिए तैयार हैं,लेकिन यह दस्तावेज सार्वजनिक न किया जाए,ताकि यह मीडिया या आम जनता तक न पहुँचे।
दरअसल,इस विवाद की जड़ संजय कपूर की संपत्ति का बँटवारा है। संजय कपूर का निधन इसी साल जून में हुआ था। वे ऑटोमोटिव इंडस्ट्री के एक प्रतिष्ठित कारोबारी थे और उनकी संपत्ति अरबों में आंकी जाती है। उनके निधन के बाद ही परिवार के भीतर विरासत को लेकर खींचतान शुरू हो गई। बॉलीवुड अभिनेत्री करिश्मा कपूर के बच्चे,जो संजय कपूर के रिश्तेदार भी हैं,ने हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने याचिका दायर कर दावा किया कि उन्हें भी अपने दिवंगत पिता की संपत्तियों में हिस्सा मिलना चाहिए। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने प्रिया कपूर को निर्देश दिया था कि वह संजय कपूर की संपत्तियों का पूरा विवरण कोर्ट में पेश करें।
इसी आदेश का पालन करने के लिए अब प्रिया कपूर अदालत पहुँची हैं,लेकिन उनकी माँग है कि यह जानकारी केवल अदालत और संबंधित पक्षों तक ही सीमित रहे। प्रिया कपूर की ओर से पेश हुए वकील ने दलील दी कि वह संपत्तियों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करने के लिए तैयार हैं,किंतु इस दस्तावेज को सार्वजनिक करने पर मीडिया में इसके लीक होने का खतरा है। उन्होंने कहा कि चूँकि यह मामला परिवार के अंदरूनी विवाद से जुड़ा है और बेहद संवेदनशील है,इसलिए अदालत से अपेक्षा है कि वह इसे गोपनीय रखे।
वकील ने आगे कहा कि प्रिया कपूर न केवल अदालत बल्कि याचिकाकर्ता पक्ष को भी संपत्ति से जुड़ी जानकारी देने को तैयार हैं। उनका केवल यही आग्रह है कि इसे सार्वजनिक रिकॉर्ड का हिस्सा न बनाया जाए,जिससे अनावश्यक विवाद और अटकलें न पैदा हों। अदालत से उन्होंने अपील की कि इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रिया कपूर को यह जानकारी सीलबंद लिफाफे में दाखिल करने की अनुमति दी जाए।
गौरतलब है कि प्रिया कपूर पहले ही करिश्मा कपूर के बच्चों के दावों को निराधार बता चुकी हैं। अपने जवाब में उन्होंने दावा किया है कि करिश्मा के दोनों बच्चों को पहले ही एक पारिवारिक ट्रस्ट के माध्यम से लगभग 1,900 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्ति मिल चुकी है। ऐसे में उनका अतिरिक्त दावा उचित नहीं ठहरता। उन्होंने यह भी कहा कि संजय कपूर की वसीयत पूरी तरह वैध है और उसमें सभी संपत्तियों के बँटवारे का स्पष्ट उल्लेख है।
प्रिया कपूर का कहना है कि वह अदालत के सामने पारदर्शिता बरतने के लिए प्रतिबद्ध हैं,लेकिन साथ ही वह चाहती हैं कि इस संवेदनशील जानकारी का दुरुपयोग न हो। उन्होंने अपने पति की संपत्तियों से जुड़ी दो पन्नों की सूची तैयार की है,जिसे वह सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को सौंपना चाहती हैं। प्रिया कपूर का तर्क है कि संपत्ति का मामला पारिवारिक विवाद तक ही सीमित रहना चाहिए और इसे सार्वजनिक करने से न केवल परिवार की निजता प्रभावित होगी,बल्कि व्यावसायिक हितों पर भी असर पड़ सकता है।
इस पूरे विवाद ने कारोबारी जगत और बॉलीवुड दोनों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। संजय कपूर ऑटोमोटिव इंडस्ट्री के एक जाने-माने नाम थे और उनकी कारोबारी हैसियत काफी बड़ी थी। उनके निधन के बाद से ही यह सवाल उठ रहा था कि इतनी विशाल संपत्ति का मालिकाना हक किसे मिलेगा। अब जब यह मामला हाई कोर्ट में है,तो सबकी निगाहें अदालत के फैसले पर टिकी हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अदालत को प्रिया कपूर की माँग पर विचार करते समय पारदर्शिता और गोपनीयता के बीच संतुलन बनाना होगा। एक तरफ यह सुनिश्चित करना होगा कि संपत्ति का पूरा ब्योरा सभी पक्षों को उपलब्ध हो,वहीं दूसरी तरफ यह भी देखना होगा कि यह जानकारी मीडिया या बाहरी लोगों तक न पहुँचे। अदालत अगर प्रिया कपूर को सीलबंद लिफाफे में दस्तावेज दाखिल करने की अनुमति देती है,तो यह परिवार की निजता बनाए रखने के लिहाज से महत्वपूर्ण कदम होगा।
आने वाली 26 सितंबर की सुनवाई इस विवाद के भविष्य को तय करने में अहम साबित होगी। अदालत का फैसला यह स्पष्ट करेगा कि संजय कपूर की संपत्तियों का ब्योरा किस प्रकार पेश किया जाएगा और इस विवाद का निपटारा किस दिशा में आगे बढ़ेगा। फिलहाल इतना साफ है कि प्रिया कपूर अपने पति की संपत्ति की जानकारी देने से पीछे नहीं हट रही हैं,लेकिन वह इसे गोपनीय रखना चाहती हैं।
यह मामला न केवल एक बड़े कारोबारी परिवार की विरासत की लड़ाई है,बल्कि यह भारतीय न्याय व्यवस्था के सामने निजता और पारदर्शिता के बीच संतुलन साधने की चुनौती भी पेश करता है। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि दिल्ली हाई कोर्ट प्रिया कपूर की याचिका पर क्या फैसला सुनाता है और संजय कपूर की संपत्ति का विवाद किस मोड़ पर पहुँचता है।