प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमन्ना

ट्रिब्यूनल रिक्तियों पर एससी ने केंद्र से कहा-‘टकराव नहीं चाहते, लेकिन हम परेशान हैं’

नई दिल्ली, 6 सितम्बर (युआईटीवी/आईएएनएस)- प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमन्ना की अध्यक्षता वाली एक विशेष पीठ ने सोमवार को कहा कि वह केंद्र के साथ टकराव नहीं चाहता है, लेकिन प्रमुख न्यायाधिकरणों में रिक्त पदों को भरने में देरी पर उसका धैर्य खत्म हो रहा है। पीठ में मौजूद जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और एल. नागेश्वर राव ने कहा कि लंबे समय से लंबित रिक्तियों की वजह से देश भर में न्यायाधिकरण समाप्त होने की कगार पर है। कुछ केवल एक सदस्य के साथ काम कर रहे हैं, और मामलों को एक साल के लिए स्थगित किया जा रहा है।

जस्टिस रमन्ना ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, “हम परेशान हैं, हम आपको 3-4 दिन का समय देंगे”। पीठ ने मेहता से स्पष्ट रूप से कहा कि वह सरकार को ट्रिब्यूनल में लंबे समय से लंबित रिक्त पदों को भरने के लिए 13 सितंबर को अगली सुनवाई के लिए मनाएं।

सुनवाई की शुरूआत में, जब मेहता ने मामले में स्थगन के लिए कहा, तो मुख्य न्यायाधीश ने स्थगन से इनकार करते हुए कहा, “आपको इस अदालत के फैसलों का कोई सम्मान नहीं है। आप हमारे धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं।”

मेहता ने 6 सितंबर को वित्त मंत्रालय द्वारा उन्हें संबोधित एक पत्र का एक स्क्रीनशॉट साझा किया। मंत्रालय ने कहा कि ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स एक्ट, 2021 के तहत नियमों को अंतिम रूप दिया जा रहा है और जल्द ही इसे अधिसूचित किया जाएगा।

पत्र के अनुसार, नए कानून ने ट्रिब्यूनल में रिक्तियों को भरने का मार्ग प्रशस्त किया है.. सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि अगले दो सप्ताह के भीतर, उन सभी ट्रिब्यूनलों में नियुक्ति पर निर्णय लिया जाए जहां खोज-सह-चयन समितियां पहले ही सरकार को उनकी सिफारिशें दे चुकी हैं।

जस्टिस राव ने ट्रिब्यूनल में रिक्त पदों को भरने के संबंध में मंत्रालय के पत्र में आश्वासन पर सवाल उठाया। उन्होंने मेहता से पूछा, “डेढ़ साल से अधिक समय से नियुक्तियां लंबित हैं। ये नियुक्तियां क्यों नहीं की गईं?”

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, नियुक्तियों के लिए नामों को इंटेलिजेंस ब्यूरो और फिर एक समिति द्वारा मंजूरी दी गई जिसमें शीर्ष अदालत के न्यायाधीश और वरिष्ठ स्तर के नौकरशाह शामिल थे। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, “कोई स्पष्टता नहीं, उन्हें क्यों हटाया गया? हम नौकरशाहों के साथ बैठते हैं और निर्णय लेते हैं। यह ऊर्जा की बर्बादी है। ” न्यायमूर्ति राव ने कहा कि यदि नियुक्तियां नहीं की गईं तो न्यायाधिकरणों को बंद करना होगा।”

न्यायायाधीश ने आगे कहा, “हम किसी टकराव में दिलचस्पी नहीं रखते हैं या आमंत्रित नहीं करते हैं। हम इसे अगले सोमवार को सूचीबद्ध कर रहे हैं।”

मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “हम न्यायाधीशों (शीर्ष अदालत में 9 न्यायाधीशों) की नियुक्ति से खुश हैं। हम सरकार के साथ कोई टकराव नहीं चाहते हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र को ट्रिब्यूनल में रिक्त पदों को भरना चाहिए, जैसा कि उसने शीर्ष अदालत के लिए किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *