समुद्री सिवार की खेती अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने, जलवायु प्रभाव को कम करने में मददगार

कोच्चि, 25 सितम्बर (युआईटीवी/आईएएनएस)- केंद्र सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार अत्यधिक संभावित समुद्री सिवार की खेती के माध्यम से एक स्थायी अर्थव्यवस्था विकसित करने की उम्मीद कर रही है। मछली पालन केंद्रीय सचिव जतिंद्र नाथ स्वैन ने कहा कि ऐसे समय में जब जलवायु परिवर्तन दुनिया भर में मानव जीवन के लिए एक बड़ा खतरा बन रहा है, समुद्री सिवार की खेती, जो वैश्विक संकट को कम करने के प्राकृतिक तरीकों में से एक है, अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और कम करने में मदद करेगी।

उन्होंने यहां केंद्रीय समुद्री मछली पालन अनुसंधान संस्थान (सीएमएफआरआई) के वैज्ञानिकों के साथ एक संवादात्मक बैठक में यह बात कही।

स्वैन ने कहा, “सीएमएफआरआई को तटीय क्षेत्र के बीच इस प्रथा को लोकप्रिय बनाने के लिए समुद्री सिवार का एक बीज बैंक स्थापित करना चाहिए क्योंकि यह एक अतिरिक्त आजीविका विकल्प होगा क्योंकि समुद्री सिवार की खेती इस कठिन समय के दौरान पारंपरिक मछुआरों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान में एक प्रमुख भूमिका निभाएगी।”

उन्होंने आगे बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) में समुद्री सिवार की खेती को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया गया है।

और समुद्री मात्स्यिकी क्षेत्र में महत्वाकांक्षी योजना पर उन्होंने कहा कि भारत अगले पांच वर्षों में समुद्री खाद्य निर्यात को दोगुना करने पर विचार कर रहा है।

स्वैन ने कहा, “हम उत्पादन बढ़ाने के लिए नए तरीकों की खोज करके इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आशान्वित हैं जो निश्चित रूप से देश की प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाएंगे। इस संबंध में तकनीकी विकास विशेष रूप से विविध समुद्री कृषि गतिविधियों के लिए बीज उत्पादन और अन्य हैचरी बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण है।”

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