मुंबई,19 सितंबर (युआईटीवी)- भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार का दिन अदाणी समूह की कंपनियों के लिए खासा फायदेमंद साबित हुआ। अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों पर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की क्लीन चिट के बाद निवेशकों में नई ऊर्जा देखने को मिली। इसका नतीजा यह रहा कि समूह की कई कंपनियों के शेयरों में 10 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की गई। यह उछाल न सिर्फ निवेशकों के विश्वास को मजबूत करने वाला है,बल्कि यह भी दिखाता है कि अदाणी समूह अब एक बार फिर से बाजार में स्थिरता और विकास की ओर कदम बढ़ा रहा है।
शुक्रवार को सुबह 12 बजे तक के कारोबार के आँकड़े इस बात की गवाही देते हैं। अदाणी टोटल गैस लिमिटेड का शेयर 7.67 प्रतिशत की तेजी के साथ 653 रुपए पर पहुँच गया। इसी तरह,अदाणी पावर लिमिटेड का शेयर 7.84 प्रतिशत उछलकर 680 रुपए पर कारोबार कर रहा था। अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने भी 3.97 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की और 2,497 रुपए पर पहुँच गया। अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड का शेयर 1.22 प्रतिशत की बढ़त के साथ 1,430 रुपए पर पहुँचा,जबकि अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने 2.96 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,007.85 रुपए का स्तर छुआ। यह तेजी बाजार में इस समूह की कंपनियों के प्रति निवेशकों के नवीनीकृत विश्वास का प्रतीक है।
इस बीच,अदाणी पावर लिमिटेड को लेकर ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट ने भी बाजार में सकारात्मक माहौल को और बल दिया। ब्रोकरेज फर्म ने अदाणी पावर को ‘ओवरवेट’ की सलाह दी है और 818 रुपए का टारगेट प्राइस तय किया है। यह लक्ष्य मौजूदा कारोबारी सत्र की क्लोजिंग से लगभग 29 प्रतिशत अधिक है। मॉर्गन स्टेनली ने अपने नोट में कहा कि अदाणी पावर भारत के कॉर्पोरेट इतिहास में टर्नअराउंड का एक बेहतरीन उदाहरण है। कंपनी ने न केवल अधिकांश नियामक मुद्दों का समाधान किया है,बल्कि कई वैल्यू क्रिएट करने वाले अधिग्रहण भी किए हैं,जिससे इसका भविष्य और अधिक मजबूत दिखाई देता है।
साल 2025 की शुरुआत से अब तक अदाणी समूह की कई कंपनियों ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड और अदाणी पावर के शेयरों में क्रमशः 17.14 प्रतिशत और 28.12 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जा चुकी है। यह रुझान साफ दिखाता है कि समूह ने बीते महीनों में जिस तरह से खुद को पुनर्गठित किया और अपने कारोबार में पारदर्शिता बनाए रखने पर जोर दिया,उसका सीधा असर निवेशकों के भरोसे पर पड़ा है।
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने जनवरी 2023 में अदाणी समूह के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए थे। इसमें दावा किया गया था कि समूह ने दो निजी कंपनियों के जरिए धन का प्रवाह किया और इन कंपनियों का इस्तेमाल “संबंधित पक्ष लेनदेन” को छिपाने के लिए मुखौटे के रूप में किया गया। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अदाणी समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट आई थी और बाजार में अफरा-तफरी मच गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया और सेबी को विस्तृत जांच के आदेश दिए।
सेबी की जाँच मुख्य रूप से अदाणी समूह की तीन सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियों — अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन,अदाणी पावर और अदाणी एंटरप्राइजेज तथा दो निजी कंपनियों,माइलस्टोन ट्रेडलिंक्स और रेहवर इंफ्रास्ट्रक्चर, के बीच हुए लेन-देन पर केंद्रित थी। आरोप यह था कि इन निजी कंपनियों का इस्तेमाल संबंधित पक्ष लेन-देन को छिपाने के लिए किया गया,जबकि इन लेन-देन को शेयरधारकों के सामने सार्वजनिक किया जाना चाहिए था।
हालाँकि,सेबी की गहन और विस्तृत जाँच ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया। नियामक संस्था ने कहा कि उस समय लागू कानून के मुताबिक,संबंधित पक्ष लेन-देन की परिभाषा केवल किसी कंपनी और उसके सीधे संबंधित पक्षों के बीच हुए लेन-देन तक सीमित थी। माइलस्टोन और रेहवर के बीच व्यावसायिक संबंध जरूर थे,लेकिन उन्हें कानूनी रूप से अदाणी कंपनियों के संबंधित पक्ष के रूप में परिभाषित नहीं किया जा सकता था। इस तरह,अदाणी समूह ने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया था और न ही किसी तरह की धोखाधड़ी की थी।
सेबी का यह फैसला अदाणी समूह के लिए एक बड़ी राहत है। जहाँ एक तरफ इसने समूह को लंबे समय से चल रही कानूनी और नियामक अनिश्चितता से बाहर निकाला,वहीं दूसरी तरफ निवेशकों के बीच भी भरोसा बहाल किया। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि अदाणी समूह के शेयरों में आई हालिया तेजी सिर्फ सेबी की क्लीन चिट का परिणाम नहीं है,बल्कि यह इस बात का संकेत भी है कि समूह ने कठिन परिस्थितियों से उबरते हुए अपने कारोबारी मॉडल और रणनीति को मजबूत किया है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले महीनों में अदाणी समूह के शेयरों में और भी तेजी देखने को मिल सकती है। खासकर तब,जब कंपनी अपने ऊर्जा,बंदरगाह और इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े प्रोजेक्ट्स को तेज रफ्तार से आगे बढ़ाएगी। वहीं,विदेशी निवेशकों का भरोसा भी धीरे-धीरे लौट रहा है,जो समूह के दीर्घकालिक विकास के लिए शुभ संकेत है।
सेबी की क्लीन चिट अदाणी समूह के लिए एक नई शुरुआत का संकेत है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने जो धुंध पैदा की थी,अब वह लगभग साफ हो चुकी है। बाजार की नजर अब अदाणी समूह के अगले कदमों पर है और निवेशकों को उम्मीद है कि यह समूह भारत की आर्थिक प्रगति की दिशा में अहम योगदान देना जारी रखेगा।
