नई दिल्ली,2 सितंबर (युआईटीवी)- नई दिल्ली के द्वारका स्थित यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में आयोजित “सेमीकॉन इंडिया 2025” सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि दुनिया अब भारत पर भरोसा करती है और देश के साथ मिलकर सेमीकंडक्टर उद्योग का भविष्य बनाने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी घोषणा किया कि सरकार जल्द ही सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में अगली पीढ़ी के सुधारों की शुरुआत करेगी,जिससे भारत को इस उभरते हुए क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि पिछली सदी का आकार तेल ने तय किया था,लेकिन आने वाला भविष्य चिप्स से तय होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि ग्लोबल सेमीकंडक्टर उद्योग अब 600 अरब डॉलर के स्तर पर पहुँच चुका है और जल्द ही यह 1 ट्रिलियन डॉलर का आँकड़ा पार करेगा। ऐसे में भारत की भूमिका सिर्फ एक हिस्सेदार की नहीं,बल्कि एक प्रमुख भागीदार की होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत का लक्ष्य केवल चिप निर्माण तक सीमित नहीं है,बल्कि देश एक ऐसा सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है,जो न केवल घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करेगा,बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रतिस्पर्धी और आत्मनिर्भर बनेगा।
उन्होंने यह जानकारी भी साझा की कि 2021 से अब तक सेमीकंडक्टर क्षेत्र में स्वीकृत 10 प्रमुख परियोजनाओं में 18 अरब डॉलर का निवेश किया जा चुका है। इस निवेश ने भारत को तकनीकी मजबूती देने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न किए हैं। मोदी ने कहा कि आज भारत का सेमीकंडक्टर उद्योग केवल उत्पादन नहीं कर रहा,बल्कि भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए डिजाइनिंग और रिसर्च के क्षेत्र में भी अग्रसर है। उन्होंने बताया कि नोएडा और बेंगलुरु स्थित डिजाइन सेंटर दुनिया के कुछ सबसे एडवांस्ड चिप्स तैयार करने में जुटे हुए हैं,जो आने वाले वर्षों में वैश्विक बाजार की बढ़ती माँग को पूरा करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन में मौजूद वैश्विक उद्योग जगत के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने अपनी आर्थिक मजबूती और स्थिरता के दम पर विश्वसनीय साझेदार के रूप में पहचान बनाई है। उन्होंने हाल ही में आए जीडीपी आँकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं और आर्थिक चुनौतियों के बीच भी भारत ने अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत की विकास दर हासिल की है। यह न केवल देश की आर्थिक शक्ति का प्रमाण है,बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत सही मायनों में एक “प्रोडक्ट नेशन” बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
मोदी ने कहा कि आज का भारत अवसरों का देश है और यह विश्वास केवल भारतीयों का ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया का है। उन्होंने कहा, “दुनिया भारत पर भरोसा करती है,दुनिया भारत में विश्वास करती है और दुनिया भारत के साथ सेमीकंडक्टर का भविष्य बनाने के लिए तैयार है।” प्रधानमंत्री ने यह भी जोड़ा कि आज जब पूरी दुनिया सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन में विविधता की तलाश कर रही है,तब भारत सबसे उपयुक्त गंतव्य के रूप में उभर रहा है।
उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि भारत के पास तकनीकी दक्षता,युवा प्रतिभा और मजबूत नीति ढाँचा है,जो वैश्विक कंपनियों को निवेश और सहयोग के लिए आकर्षित कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में तेजी से बढ़ता स्टार्टअप इकोसिस्टम और नवाचार की संस्कृति भी इस क्षेत्र को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत का लक्ष्य सिर्फ “मेक इन इंडिया” तक सीमित नहीं है,बल्कि “डिजाइन इन इंडिया” और “इन्वेंट इन इंडिया” को भी आगे बढ़ाना है।
इस अवसर पर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कुछ ही वर्षों में भारत ने सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए मजबूत नींव तैयार की है और यह नींव आने वाले समय में इस क्षेत्र को नई दिशा देगी। वैष्णव ने वैश्विक कंपनियों से भारत में निवेश करने और विनिर्माण इकाइयाँ स्थापित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार उद्योग को हर संभव सहयोग दे रही है और नियामकीय ढाँचे को सरल बनाकर निवेशकों को आकर्षित कर रही है।
“सेमीकॉन इंडिया 2025” सम्मेलन का विषय “बिल्डिंग द नेक्स्ट सेमीकंडक्टर पावरहाउस” रखा गया है,जो भारत की महत्वाकांक्षाओं और लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। तीन दिवसीय इस आयोजन में 20,750 से अधिक प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं। इनमें 48 देशों के 2,500 से अधिक प्रतिनिधि,150 से अधिक वक्ता और 350 से ज्यादा प्रदर्शक शामिल हैं। इनमें 50 से अधिक वैश्विक नेता भी हैं,जो अपने अनुभव और दृष्टिकोण साझा कर रहे हैं।
यह आयोजन भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत “इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन” और वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग संघ “एसईएमआई” द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। सम्मेलन का उद्देश्य न केवल भारत की प्रगति को दुनिया के सामने रखना है,बल्कि वैश्विक सहयोग को भी प्रोत्साहित करना है,ताकि मिलकर सेमीकंडक्टर उद्योग का भविष्य सुरक्षित और समृद्ध बनाया जा सके।
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि भारत अब केवल उपभोक्ता देश की भूमिका से बाहर निकलकर उत्पादक और नवाचार केंद्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। जिस तरह से उन्होंने सेमीकंडक्टर उद्योग को भारत की आर्थिक और रणनीतिक प्राथमिकताओं के केंद्र में रखा है,उससे यह समझना मुश्किल नहीं कि आने वाले दशक में यह क्षेत्र देश की प्रगति का बड़ा आधार बनने वाला है।
भारत के सेमीकंडक्टर मिशन का सबसे बड़ा लक्ष्य यह है कि देश न केवल अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करे बल्कि वैश्विक सप्लाई चेन में भी अपनी मजबूत हिस्सेदारी बनाए। यह लक्ष्य तभी संभव है जब सरकार,उद्योग जगत और अकादमिक जगत मिलकर एक मजबूत साझेदारी स्थापित करें। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दिशा में स्पष्ट संदेश दिया कि सरकार हर कदम पर उद्योग जगत के साथ है और सुधारों की नई लहर इस क्षेत्र को और मजबूती देगी।
“सेमीकॉन इंडिया 2025” सम्मेलन ने न केवल भारत की तकनीकी क्षमताओं को दुनिया के सामने रखा है,बल्कि यह भी दिखाया है कि भारत आने वाले वर्षों में सेमीकंडक्टर उद्योग का वैश्विक केंद्र बनने की पूरी तैयारी कर चुका है। प्रधानमंत्री मोदी की दृष्टि और सरकार की नीतियों के साथ-साथ उद्योग जगत का सहयोग,भारत को इस दिशा में नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए पर्याप्त साबित होगा। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि जिस तरह पिछली सदी तेल के इर्द-गिर्द घूमती थी,आने वाली सदी चिप्स और सेमीकंडक्टर के इर्द-गिर्द घूमेगी और भारत इसमें एक अग्रणी भूमिका निभाएगा।

