घने कोहरे की वजह से आईजीआई एयरपोर्ट पर 128 फ्लाइट रद्द (तस्वीर क्रेडिट@AIRNewsHindi)

कड़ाके की ठंड और घने कोहरे ने थाम दी दिल्ली की रफ्तार,उड़ानें-ट्रेनों पर भी बड़ा असर,आईजीआई एयरपोर्ट पर 128 फ्लाइट रद्द

नई दिल्ली,29 दिसंबर (युआईटीवी)- देश की राजधानी दिल्ली इन दिनों कड़ाके की ठंड और घने कोहरे की डबल मार झेल रही है। पारा तेजी से नीचे उतर रहा है और सुबह-शाम सड़कों पर सफेद धुंध की चादर फैली नजर आती है। कम विजिबिलिटी के कारण रफ्तार पर ब्रेक लग गया है—चाहे सड़क हो,रेल हो या हवाई यातायात,हर जगह हालात चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं। सड़कों पर गाड़ियाँ बेहद धीमी रफ्तार से रेंगती दिखाई दे रही हैं और जगह-जगह जाम के हालात बन रहे हैं। ड्राइवरों को हेडलाइट और फॉग लाइट के भरोसे आगे बढ़ना पड़ रहा है,जबकि पैदल यात्रियों के लिए सड़क पार करना जोखिम भरा साबित हो रहा है।

कोहरे का असर सबसे ज्यादा हवाई सेवाओं पर दिखाई दिया। सोमवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर घने कोहरे और बेहद कम विजिबिलिटी के कारण 128 उड़ानों को रद्द करना पड़ा,जबकि आठ उड़ानों का रूट बदलना पड़ा। करीब 200 से अधिक उड़ानों के प्रस्थान और आगमन में लंबी देरी दर्ज की गई। एयरपोर्ट अधिकारियों के अनुसार,64 डिपार्चर और 64 अराइवल कैंसिल किए गए, ताकि सुरक्षा से कोई समझौता न हो। कई यात्रियों को घंटों एयरपोर्ट पर इंतजार करना पड़ा और कई को अपनी यात्रा योजनाएं बदलनी पड़ीं।

दिल्ली एयरपोर्ट ऑपरेटर डायल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि रनवे पर विजिबिलिटी धीरे-धीरे बेहतर हो रही है,लेकिन मौसम की अनिश्चितता के कारण उड़ानों पर असर जारी रह सकता है। डायल ने यात्रियों से अपील की कि वे एयरलाइंस से सीधे संपर्क में रहें और बिना पुष्टि किए एयरपोर्ट के लिए रवाना न हों। एयर इंडिया,इंडिगो और अन्य एयरलाइंस ने भी एडवाइजरी जारी कर यात्रियों को नियमित अपडेट लेने,अतिरिक्त समय लेकर एयरपोर्ट पहुँचने और चेक-इन की प्रक्रिया के लिए तैयार रहने को कहा। कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपनी परेशानियाँ साझा करते हुए बताया कि देरी और कैंसिलेशन के चलते उन्हें होटल बुकिंग,कनेक्टिंग फ्लाइट और आगे की यात्रा योजनाओं में बदलाव करना पड़ा।

घने कोहरे ने केवल आसमान नहीं,बल्कि जमीन पर भी परेशानी बढ़ा दी है। दिल्ली की सड़कों पर सुबह और देर शाम दृश्यता कुछ मीटर तक सिमट जाती है। ऐसे में टक्कर और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। ट्रैफिक पुलिस लगातार अलर्ट जारी कर रही है और चालकों को धीमी गति से गाड़ी चलाने,अचानक ब्रेक लगाने से बचने और फॉग लाइट का इस्तेमाल अनिवार्य रूप से करने की सलाह दे रही है। कई प्रमुख मार्गों पर वाहनों की लंबी कतारें देखी गईं,जिससे दफ्तर जाने वाले लोगों को भारी देरी का सामना करना पड़ा।

रेल सेवाओं पर भी मौसम का असर साफ नजर आया। कई ट्रेनों के समय में बदलाव किया गया और कुछ को निर्धारित समय से कई घंटे देरी से रवाना किया गया। कोहरे के कारण सिग्नलिंग और ट्रैक विजिबिलिटी प्रभावित होती है,इसलिए ट्रेनों की गति नियंत्रित रखनी पड़ती है। इससे यात्रियों की परेशानी बढ़ना स्वाभाविक है,लेकिन रेलवे अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और स्थिति सामान्य होने तक सावधानी बरती जाएगी।

इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ऑपरेशन CAT-III कंडीशंस के तहत चल रहा है। यह तकनीक रनवे पर कम दृश्यता के दौरान भी विमान के सुरक्षित टेकऑफ और लैंडिंग में मदद करती है,लेकिन जब कोहरा अत्यधिक घना हो जाए और विजिबिलिटी सुरक्षित मानकों से नीचे चली जाए,तो उड़ानों को रोकना ही एकमात्र विकल्प रह जाता है। यही वजह है कि कई फ्लाइट्स को या तो कैंसिल करना पड़ा या फिर दूसरे एयरपोर्ट्स पर डायवर्ट करना पड़ा। एयरपोर्ट पर फँसे यात्रियों को आराम और भोजन की सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास किए गए,फिर भी अचानक बने हालात ने कई परिवारों के लिए मुश्किल खड़ी कर दी।

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने राजधानी और आसपास के क्षेत्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। विभाग का आकलन है कि अगले कुछ दिनों तक घने कोहरे की स्थिति बनी रह सकती है और ठंड और बढ़ सकती है। आईएमडी ने लोगों को सलाह दी है कि वे सुबह-सुबह अनावश्यक यात्रा से बचें,बाहर निकलते समय गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करें और स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां बरतें। बच्चों,बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है,क्योंकि ठंड और नमी से सांस संबंधी दिक्कतें बढ़ सकती हैं।

मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि पश्चिमी विक्षोभ और ठंडी हवाओं के मेल से ऐसी स्थिति पैदा होती है,जिसमें हवा में मौजूद नमी धुंध का रूप ले लेती है और जमीन के पास जम जाती है। रात के समय तापमान गिरने से यह परत और घनी हो जाती है। औद्योगिक धुएं और प्रदूषण के कण भी कोहरे के साथ मिलकर दृश्यता को और कम कर देते हैं। ऐसे में शहर के ऊपर धुंध का घना आवरण बन जाता है,जो कई बार देर सुबह तक छंटता ही नहीं।

दूसरी ओर,कोहरे और ठंड ने राजधानी के रोजमर्रा के जीवन को धीमा कर दिया है। स्कूलों में समय में बदलाव किया गया है,कई जगह सुबह की असेंबली बंद रखी जा रही है। सुबह के बाजारों और पार्कों में आम दिनों जैसी चहल-पहल नहीं दिखती। कामकाजी लोग देर से घर लौट रहे हैं और टैक्सी तथा ऑटो सेवाओं पर भी दबाव बढ़ गया है। हालाँकि,प्रशासन का दावा है कि जरूरी सेवाएँ सामान्य रूप से संचालित हो रही हैं और किसी जैसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारियाँ पूरी हैं।

फिलहाल,दिल्लीवासियों को कोहरे के साथ जीने की आदत डालनी पड़ रही है। यात्रा से पहले मौसम और ट्रैफिक अपडेट चेक करना,अतिरिक्त समय लेकर घर से निकलना और सुरक्षा नियमों का पालन करना ही सबसे बेहतर उपाय माने जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक मौसम में सुधार नहीं होता,तब तक संयम और सावधानी ही राजधानी की रफ्तार को सुरक्षित रूप से आगे बढ़ा सकती है।