नई दिल्ली,17 मई (युआईटीवी)- हाल ही में आईसीसी रिव्यू पर दिए गए एक इंटरव्यू में,भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से अप्रत्याशित संन्यास लेने से एक हफ़्ते पहले उनके साथ हुई एक निजी बातचीत का खुलासा किया। कोहली ने 12 मई को अपने फैसले की घोषणा करते हुए शास्त्री को बताया कि उन्होंने खेल को “सब कुछ” दिया है और उन्हें लगा कि अब संन्यास लेने का सही समय आ गया है।
शास्त्री ने कहा, “कोई पछतावा नहीं था। मैंने एक या दो सवाल पूछे थे और वह एक निजी बातचीत थी,जिसका,आप जानते हैं, उन्होंने बहुत स्पष्ट रूप से उल्लेख किया था, उनके मन में कोई संदेह नहीं था,जिससे मुझे लगा, ‘हाँ, समय सही है।’ मन ने उनके शरीर को बता दिया है कि अब जाने का समय आ गया है।”
कोहली का संन्यास जून में भारत के इंग्लैंड के पाँच टेस्ट मैचों के दौरे से ठीक पहले हुआ है। वे भारत के सबसे सफल टेस्ट बल्लेबाजों में से एक बनकर विदा हुए हैं, जिन्होंने 123 मैचों में 9,230 रन और 30 शतक बनाए हैं। 2014 से 2022 तक उनकी कप्तानी में भारत ने 40 टेस्ट जीत हासिल की,जिससे वे देश के सबसे सफल टेस्ट कप्तान बन गए।
शास्त्री ने कोहली के खेल के प्रति तीव्र दृष्टिकोण के मानसिक प्रभाव पर भी विचार किया,उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसा जुनून,हालाँकि सराहनीय है,लेकिन इससे थकान हो सकती है। उन्होंने कहा कि कोहली की अटूट प्रतिबद्धता और लगातार सुर्खियों में बने रहने की वजह से ही उन्होंने संन्यास लेने का फैसला किया।
कोहली का टेस्ट क्रिकेट से जाना भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण युग का अंत है,खासकर साथी दिग्गज रोहित शर्मा के हाल ही में संन्यास लेने के बाद। भारतीय टीम अब बदलाव के दौर से गुजर रही है,क्योंकि वह अपने दो सबसे प्रभावशाली खिलाड़ियों के बिना आगामी चुनौतियों के लिए तैयारी कर रही है।
