शेफाली वर्मा (तस्वीर क्रेडिट@manishmahiya07)

शेफाली की तूफानी पारी से भारत की धमाकेदार जीत,श्रीलंका पर 3-0 की अजेय बढ़त

नई दिल्ली,27 दिसंबर (युआईटीवी)- ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल स्टेडियम में शुक्रवार का दिन भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए ऐतिहासिक और उत्साह से भरा रहा। श्रीलंका के खिलाफ खेले गए तीसरे टी-20 मुकाबले में भारत ने 8 विकेट से शानदार जीत दर्ज करते हुए पाँच मैचों की सीरीज पर 3-0 की अजेय बढ़त बना ली। यह जीत इसलिए भी खास रही क्योंकि टीम ने हर विभाग में अपना दबदबा दिखाया—गेंदबाजी में सटीकता,फील्डिंग में अनुशासन और बल्लेबाजी में आक्रामकता ने मिलकर मैच को एकतरफा बना दिया।

भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने टॉस जीतकर श्रीलंका को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। यह लगातार तीसरी बार था जब उन्होंने टॉस अपने नाम किया और हर बार की तरह इस बार भी गेंदबाजों ने कप्तान के फैसले को सही साबित किया। श्रीलंका की शुरुआत संभली हुई जरूर रही,लेकिन भारतीय गेंदबाजों के सामने वे खुलकर रन नहीं बना सकीं। सलामी जोड़ी हसिनी परेरा और चामरी अथापथु ने शुरुआती 4.3 ओवरों में 25 रन जोड़े,मगर इसके बाद मैच का रुख तेजी से बदल गया।

चामरी मात्र 3 रन बनाकर आउट हुईं और यहीं से श्रीलंकाई बल्लेबाजी लड़खड़ा गई। भारतीय पेसर रेणुका सिंह और स्पिनर दीप्ति शर्मा ने मिलकर विपक्ष को लगातार दबाव में रखा। 45 के स्कोर तक श्रीलंका अपने चार महत्वपूर्ण विकेट खो चुकी थी। पारी को सँभालने की जिम्मेदारी इमेशा दुलानी और कविशा दिलहारी ने उठाई। दोनों ने मिलकर पाँचवें विकेट के लिए 40 रन जोड़े और स्कोरबोर्ड को आगे बढ़ाने की कोशिश की,लेकिन जैसे ही यह साझेदारी टूटी,श्रीलंका फिर से फँस गया।

दुलानी 27 रन बनाकर आउट हुईं और दिलहारी 20 रन के योगदान के बाद पवेलियन लौटीं। अंत के ओवरों में कोई भी बल्लेबाज तेज़ रन नहीं बना सका और टीम 20 ओवरों में 7 विकेट के नुकसान पर सिर्फ 112 रन ही जुटा पाई। भारत की ओर से रेणुका सिंह ने अपनी धारदार गेंदबाजी का कमाल दिखाते हुए 4 विकेट चटकाए,जबकि दीप्ति शर्मा ने 3 विकेट अपने नाम किए। दोनों गेंदबाजों की किफायती गेंदबाजी ने श्रीलंका की उम्मीदों को लगभग वहीं थाम दिया।

कम स्कोर का पीछा करते हुए भारतीय टीम उतरी तो शुरुआत में ही थोड़ा झटका लगा। स्मृति मंधाना केवल 1 रन बनाकर आउट हो गईं,हालाँकि पारी की लय कहीं से भी डगमगाती नजर नहीं आई। शेफाली वर्मा ने क्रीज पर कदम रखते ही आक्रामक रुख अपनाया और अपने नैचुरल खेल से श्रीलंकाई गेंदबाजों पर दबाव बना दिया। उन्होंने जेमिमा रोड्रिग्स के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए 40 रन जोड़ते हुए मैच को भारत की पकड़ में ला दिया। जेमिमा 9 रन बनाकर आउट हुईं,लेकिन इस दौरान शेफाली ने लगातार स्ट्राइक घुमाते हुए स्कोरबोर्ड को आगे बढ़ाया।

इसके बाद कप्तान हरमनप्रीत कौर उनके साथ जुड़ीं और दोनों ने मिलकर मैच को लगभग औपचारिकता बना दिया। तीसरे विकेट के लिए दोनों के बीच 32 गेंदों में अटूट 48 रन की साझेदारी हुई,जिसने श्रीलंका की बची-खुची उम्मीदों को भी खत्म कर दिया। शेफाली ने अपने करियर की यादगार पारियों में से एक खेलते हुए सिर्फ 42 गेंदों पर नाबाद 79 रन ठोके,जिसमें 11 चौके और 3 शानदार छक्के शामिल थे। उनकी पारी ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया और विरोधी गेंदबाजों के आत्मविश्वास को तोड़ दिया। दूसरी ओर हरमनप्रीत ने शांत और संयमित तरीके से 18 गेंदों में नाबाद 21 रन बनाकर टीम को 13.2 ओवर में लक्ष्य तक पहुँचा दिया।

भारत की इस जीत की खास बात यह रही कि टीम ने मैच को शुरुआत से अंत तक नियंत्रित रखा। गेंदबाजों ने पावरप्ले में किफायती स्पेल फेंका,बीच के ओवरों में विकेट झटके और अंत में रन रोककर लक्ष्य को छोटा बनाए रखा। बल्लेबाजी में युवाओं और अनुभवी खिलाड़ियों के बीच संतुलन साफ दिखाई दिया। शेफाली का आत्मविश्वास,जेमिमा की समझदारी और हरमनप्रीत का नेतृत्व—इन सबने मिलकर टीम को जीत की सही राह दिखाई।

इससे पहले भारत ने सीरीज का पहला मैच 8 विकेट से और दूसरा मुकाबला 7 विकेट से जीता था। लगातार तीन मैच जीतकर टीम इंडिया ने साबित कर दिया है कि वह घरेलू परिस्थितियों में ही नहीं,बल्कि योजनाबद्ध अंदाज़ से किसी भी परिस्थिति में मुकाबले को अपने पक्ष में मोड़ सकती है। कप्तान हरमनप्रीत कौर के नेतृत्व में टीम का संयोजन स्थिर दिखाई दे रहा है और युवा खिलाड़ियों का आत्मविश्वास भी लगातार बढ़ रहा है।

श्रीलंका के लिए यह हार चिंतन का विषय है। उनकी बल्लेबाजी लगातार दबाव में रही और विकेट समय-समय पर गिरते रहे। गेंदबाजी के दौरान भी वे भारतीय बल्लेबाजों पर लगातार दबाव बनाने में नाकाम रहीं। आने वाले मुकाबलों में उन्हें अपनी रणनीति पर नए सिरे से काम करना होगा,खासकर पावरप्ले और डेथ ओवरों में।

अब दोनों टीमें 28 और 30 दिसंबर को इसी मैदान पर सीरीज के शेष दो मुकाबले खेलेंगी। भले ही सीरीज भारत के पक्ष में जा चुकी हो,लेकिन शेष मैच दोनों टीमों के लिए अहम साबित होंगे। भारत के सामने चुनौती होगी कि वह बेंच स्ट्रेंथ आजमाते हुए भी लय बनाए रखे,जबकि श्रीलंका के लिए यह मुकाबले सम्मान बचाने और आत्मविश्वास वापस पाने का अवसर होंगे।

ग्रीनफील्ड स्टेडियम में खेला गया यह मुकाबला भारतीय महिला क्रिकेट टीम के आत्मविश्वास,तैयारी और टीमवर्क की कहानी सुनाता है। शेफाली वर्मा की विस्फोटक पारी और गेंदबाजों के अनुशासित प्रदर्शन ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि यह टीम केवल जीतना ही नहीं चाहती,बल्कि दबदबा बनाकर जीतना चाहती है। जैसे-जैसे सीरीज आगे बढ़ेगी,प्रशंसकों की उम्मीदें भी और ऊँची होंगी और भारतीय टीम का प्रदर्शन संकेत देता है कि वे इन उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।