भारतीय महिला क्रिकेट टीम (तस्वीर क्रेडिट@kreedajagat)

स्मृति मंधाना और क्रांति गौड़ के दम पर भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 102 रनों से हराकर 52 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा,वनडे सीरीज बराबर की

हैदराबाद,18 सितंबर (युआईटीवी)- भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने अपने शानदार प्रदर्शन से इतिहास रच दिया है। दूसरे वनडे मुकाबले में भारत ने ऑस्ट्रेलियाई महिला टीम को 102 रनों से हराकर तीन मैचों की वनडे सीरीज 1-1 से बराबर कर दी। यह जीत भारतीय टीम की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रनों के लिहाज से अब तक की सबसे बड़ी जीत साबित हुई। भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 49.5 ओवर में 292 रन बनाए और उसके बाद गेंदबाजों ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम को 190 रनों पर ढेर कर दिया। यह जीत न केवल सीरीज में वापसी का संकेत है,बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट की ताकत और आत्मविश्वास का भी प्रमाण है।

इस मुकाबले में भारत की बल्लेबाजी की रीढ़ बनीं सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना, जिन्होंने शानदार शतक जड़ा। उन्होंने 117 रनों की पारी खेली,जिसमें बेहतरीन स्ट्रोक्स और धैर्य से भरी बल्लेबाजी देखने को मिली। मंधाना की पारी ने भारतीय पारी को मजबूती दी और टीम को एक बड़ा स्कोर खड़ा करने का आत्मविश्वास दिलाया। उनके अलावा दीप्ति शर्मा ने 40 रन,ऋचा घोष ने 29 रन और स्नेह राणा ने 24 रन का योगदान दिया। इन सबकी बदौलत भारतीय टीम 292 रन के सम्मानजनक स्कोर तक पहुँच पाई। यह स्कोर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर दबाव बनाने के लिए पर्याप्त साबित हुआ।

वहीं,भारतीय गेंदबाजों ने भी शानदार लय में प्रदर्शन किया। क्रांति गौड़ सबसे सफल गेंदबाज रहीं और उन्होंने तीन महत्वपूर्ण विकेट झटके। उनके अलावा दीप्ति शर्मा ने दो विकेट लेकर विपक्षी टीम की कमर तोड़ दी। गेंदबाजों की सटीक लाइन और लेंथ के आगे ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज टिक ही नहीं पाए। टीम के लिए केवल एलिस पेरी (44 रन) और एनाबेले सदरलैंड (45 रन) ही थोड़ी देर संघर्ष कर सकीं,लेकिन उनकी साझेदारी भारत की जीत को रोकने में असफल रही।


ऑस्ट्रेलियाई टीम की शुरुआत बेहद खराब रही। कप्तान एलिसा हीली और जॉर्जिया वॉल जल्दी ही पवेलियन लौट गईं। शुरुआती झटकों के बाद पेरी और सदरलैंड ने कुछ देर मैच सँभालने की कोशिश की,लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने लगातार दबाव बनाए रखा। जैसे-जैसे रन गति धीमी होती गई,वैसे-वैसे ऑस्ट्रेलियाई टीम का दबाव बढ़ता चला गया। अंततः पूरी टीम 43.2 ओवर में 190 रन पर सिमट गई।

इस जीत के साथ भारतीय महिला टीम ने एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। ऑस्ट्रेलिया की महिला टीम को वनडे में रनों से सबसे बड़ी हार देने वाली भारत पहली टीम बन गई। इससे पहले यह रिकॉर्ड इंग्लैंड के नाम था,जिसने 1973 में ऑस्ट्रेलियाई टीम को 92 रनों से हराया था,लेकिन अब भारत ने 102 रनों के अंतर से जीत दर्ज कर यह उपलब्धि अपने नाम कर ली।

भारतीय टीम की इस जीत का श्रेय बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों विभागों को जाता है। स्मृति मंधाना का शतक इस जीत की नींव बना,जबकि गेंदबाजों ने इस नींव को जीत में बदलने का काम किया। खासतौर पर क्रांति गौड़ का प्रदर्शन यादगार रहा,जिन्होंने अपने स्पैल में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का कोई मौका नहीं दिया।

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की यह जीत इसलिए भी खास है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट की दुनिया की सबसे मजबूत टीमों में से एक मानी जाती है। उनकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी की गहराई का मुकाबला करना आसान नहीं होता,लेकिन भारत ने यह कर दिखाया। यह जीत भारतीय टीम के आत्मविश्वास को अगले मुकाबले के लिए और मजबूत करेगी।

अब सीरीज का तीसरा और निर्णायक मुकाबला 20 सितंबर को खेला जाएगा। यह मैच बेहद रोमांचक होने की उम्मीद है क्योंकि दोनों टीमें सीरीज जीतने के लिए पूरा जोर लगाएँगी। भारत ने दूसरे वनडे में जिस अंदाज में वापसी की है,उससे यह साफ है कि टीम अब जीत की भूखी है और किसी भी हालत में सीरीज अपने नाम करना चाहती है।

भारतीय क्रिकेट के प्रशंसकों के लिए यह जीत गर्व का क्षण है। यह न सिर्फ एक मैच की जीत है,बल्कि उस मेहनत और समर्पण का नतीजा है,जो भारतीय महिला खिलाड़ी लंबे समय से मैदान पर दिखाती आ रही हैं। यह प्रदर्शन आने वाले समय में महिला क्रिकेट के लिए एक नई प्रेरणा साबित होगा।

स्मृति मंधाना की शतकीय पारी और क्रांति गौड़ की धारदार गेंदबाजी ने मिलकर भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक जीत दिलाई। अब सबकी निगाहें तीसरे मुकाबले पर टिकी हैं,जहाँ यह तय होगा कि सीरीज किस टीम के नाम जाएगी। भारतीय महिला क्रिकेट टीम के पास इस ऐतिहासिक जीत को सीरीज की जीत में बदलने का सुनहरा मौका है और पूरे देश को उनकी इस उपलब्धि पर गर्व है।