नई दिल्ली,11 दिसंबर (युआईटीवी)- भारतीय महिला क्रिकेट टीम की उपकप्तान स्मृति मंधाना हाल ही में अपनी निजी जिंदगी को लेकर सुर्खियों में रहीं। गायक और संगीतकार पलाश मुच्छल के साथ उनकी शादी 23 नवंबर को तय थी,लेकिन अंतिम समय पर यह स्थगित कर दी गई। दोनों ने सोशल मीडिया पर आधिकारिक रूप से रिश्ता खत्म होने की घोषणा करते हुए अपने-अपने जीवन में आगे बढ़ने का फैसला किया। शादी रद्द होने के बाद पहली बार स्मृति मंधाना किसी सार्वजनिक मंच पर नजर आईं,जहाँ उन्होंने अपने करियर,जीवन और क्रिकेट के प्रति अपने समर्पण पर खुलकर बात की। मंधाना दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कप्तान हरमनप्रीत कौर के साथ मौजूद थीं और पूरे समय बेहद आत्मविश्वास और सहजता के साथ दिखाई दीं।
स्मृति मंधाना ने कहा कि उनकी जिंदगी में क्रिकेट से बढ़कर कोई दूसरी चीज नहीं है। उन्होंने बिना किसी झिझक के स्वीकार किया कि क्रिकेट उनका पहला प्यार है और जब वह मैदान पर भारतीय जर्सी पहनकर उतरती हैं,तो जीवन की बाकी सारी चिंताएँ पीछे छूट जाती हैं। मंधाना ने मुस्कुराते हुए कहा, “बस गेंद देखना है और मारना है। क्रिकेट मेरे लिए हमेशा सबसे अहम रहा है। आप जब अपने देश का प्रतिनिधित्व करने जाते हैं,तो उससे बड़ा कोई गौरव नहीं होता। करोड़ों में से केवल कुछ लोग ही यह मौका पाते हैं और यह सोच ही आपको पूरे मन से खेल में डूब जाने का साहस देती है।”
कार्यक्रम में मौजूद दर्शकों और मीडिया ने मंधाना की बेबाकी,सहजता और प्रोफेशनलिज़्म की सराहना की। स्मृति ने स्वीकार किया कि मैदान पर मिलने वाली प्रशंसा और आलोचना केवल एक हिस्सा है,लेकिन उनके लिए असली मायने रखता है,वह मेहनत,जो मैदान से बाहर की जाती है। उन्होंने कहा, “लोग हमारे बारे में मैदान पर देखकर राय बनाते हैं,लेकिन कैमरे के पीछे हम जो मेहनत करते हैं,वही असली कहानी है। पिछले दो सालों में हमने एक धारणा के साथ क्रिकेट खेला है—कड़ी मेहनत,प्रक्रिया पर भरोसा और लक्ष्य पर फोकस। इसी सोच ने हमें नतीजे दिए हैं और आगे भी हम इसी दिशा में बढ़ते रहेंगे।”
उन्होंने यह भी बताया कि वे हमेशा से बेहद सरल जीवन जीने में विश्वास रखती हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी अपनी जिंदगी को जटिल नहीं बनाया। चाहे आलोचना हो,प्रशंसा हो या निजी उतार-चढ़ाव—वे हर स्थिति को सहजता से सँभालने की कोशिश करती हैं। इस बयान ने साफ कर दिया कि निजी जीवन में आई हालिया परिस्थितियों के बावजूद स्मृति मानसिक रूप से मजबूत हैं और हर चुनौती को सकारात्मक तरीके से स्वीकार कर रही हैं।
मंधाना ने भारतीय टीम की जर्सी के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह केवल एक कपड़ा नहीं,बल्कि देश के लिए खेलने का गर्व है। उन्होंने कहा, “जब हम मैदान में उतरते हैं,तो अपनी हर समस्या को भूल जाते हैं। उस समय हमारा सिर्फ एक लक्ष्य होता है—भारत के लिए मैच जीतना। आप देश का प्रतिनिधित्व करते हैं,यह भावना ही आपको हर कठिन परिस्थिति से पार ले जाती है।”
इस कार्यक्रम के दौरान स्मृति से जब उनके निजी जीवन पर सवाल किया गया,तो उन्होंने किसी भी प्रकार की नाराज़गी या असहजता दिखाए बिना बेहद संयमित अंदाज में बातचीत को पेशेवर क्षेत्र पर केंद्रित कर दिया। यह बात भी दर्शाती है कि वह अपनी निजी और पेशेवर जिंदगी के बीच स्पष्ट सीमाएँ बनाए रखना अच्छी तरह जानती हैं। उनके व्यवहार ने यह संदेश दिया कि व्यक्तिगत फैसले निजी होते हैं और उनका क्रिकेट के प्रति समर्पण इससे बिल्कुल भी प्रभावित नहीं हुआ है।
स्मृति की शादी रद्द होने के बाद कई तरह की चर्चाएँ थीं,लेकिन इस कार्यक्रम में उनकी मौजूदगी और आत्मविश्वासी अंदाज ने प्रशंसकों के बीच एक सकारात्मक संदेश भेजा। उन्होंने साबित कर दिया कि चाहे निजी जीवन में कितनी भी बड़ी चुनौती क्यों न हो,एक प्रोफेशनल खिलाड़ी अपने लक्ष्य और समर्पण से कभी नहीं डगमगाता। क्रिकेट उनके लिए सिर्फ एक पेशा नहीं,बल्कि भावना है और मैदान ही उनका सबसे बड़ा सहारा।
मंधाना भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सबसे सफल खिलाड़ियों में गिनी जाती हैं। बल्ले से उनके प्रदर्शन ने पिछले कुछ वर्षों में भारतीय क्रिकेट को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है। उनकी इस नई शुरुआत को लेकर प्रशंसक भी बेहद सकारात्मक हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले वर्षों में स्मृति अपने खेल से देश को और गौरवान्वित करेंगी।
दिल्ली में हुए कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह पूरी मजबूती के साथ आगे बढ़ चुकी हैं और क्रिकेट पर अपना पूरा ध्यान लगाए हुए हैं। इस अवसर पर कप्तान हरमनप्रीत कौर भी उनके साथ थीं,जिनके साथ उनकी दोस्ती और मैदान पर तालमेल जगजाहिर है। दोनों खिलाड़ियों की मौजूदगी ने यह संदेश दिया कि टीम इंडिया एक परिवार की तरह है,जहाँ हर मुश्किल में एक-दूसरे के साथ खड़े रहना सबसे बड़ी शक्ति है।
ऐसा बहुत कम होता है कि कोई खिलाड़ी अपने व्यक्तिगत कठिन दौर में भी इतनी संतुलित और प्रेरणादायक बातों से सबका दिल जीत ले,लेकिन स्मृति मंधाना ने यह कर दिखाया। उन्होंने एक बार फिर साबित किया कि वह केवल एक प्रतिभाशाली बल्लेबाज ही नहीं,बल्कि मानसिक रूप से मजबूत और प्रेरणादायक व्यक्तित्व भी हैं। अब उनकी नज़रें आने वाली सीरीज और टूर्नामेंट्स पर हैं,जहाँ वह एक बार फिर भारत के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहती हैं।
