जयपुर,6 अक्टूबर (युआईटीवी)- राजस्थान की राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल में रविवार देर रात लगी भीषण आग ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया। यह आग अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू वार्ड में लगी थी,जहाँ गंभीर रूप से बीमार मरीज भर्ती थे। घटना इतनी तेजी से हुई कि कुछ ही मिनटों में आईसीयू धुएँ से भर गया और कई मरीजों को बाहर निकालने में स्टाफ को भारी मशक्कत करनी पड़ी। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार,इस दर्दनाक हादसे में अब तक 6 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है,जबकि कई मरीजों को गंभीर स्थिति में अन्य वार्डों और निजी अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है।
अस्पताल सूत्रों के अनुसार,आग रविवार रात करीब 11 बजे के आसपास ट्रॉमा सेंटर के पहले तल पर स्थित आईसीयू वार्ड में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी। वार्ड में उस समय लगभग 20 मरीज भर्ती थे,जिनमें कई वेंटिलेटर पर थे। जैसे ही आग लगी,स्टाफ ने तत्काल मरीजों को बाहर निकालने की कोशिश की,लेकिन धुआँ फैल जाने से राहत कार्य मुश्किल हो गया। दमकल विभाग को तुरंत सूचना दी गई और करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। हालाँकि,तब तक कई मरीजों की जान धुएँ और झुलसने से जा चुकी थी।
घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री के निर्देश पर वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुँचे। प्रशासन ने तत्काल राहत एवं बचाव अभियान शुरू कर दिया। घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद अन्य वार्डों में स्थानांतरित किया गया है। अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी का माहौल रहा। परिजन अपने प्रियजनों को ढूँढ़ते हुए वार्ड से वार्ड भागते नजर आए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस भीषण हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, “जयपुर स्थित एक अस्पताल में आग लगने से हुई जान-माल की हानि अत्यंत दुखद है। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है,उनके प्रति मेरी संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ।” प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार और प्रशासन से राहत एवं बचाव कार्य को प्राथमिकता देने के निर्देश भी दिए हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला,जो स्वयं राजस्थान से हैं,ने भी इस त्रासदी पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा, “जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने से कई मरीजों की मृत्यु हृदय विदारक है। पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहन संवेदना व्यक्त करता हूँ। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति और शोकाकुल परिजनों को संबल प्रदान करें। घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रार्थना है।”
SMS अस्पताल के ट्रोमा सेंटर के ICU में आग लगने से 7 लोगों की मृत्यु बहुत दुखी करने वाली है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि इस हादसे में कम से कम जनहानि हो। प्रभु दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं घायलों को शीघ्र स्वस्थ करें।
राज्य सरकार इस घटना की उच्च…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 6, 2025
वहीं,राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने इस घटना को “अत्यंत पीड़ादायक” बताया है। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में आग लगने से कई लोगों की मृत्यु बहुत दुखी करने वाली है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि इस हादसे में कम से कम जनहानि हो। प्रभु दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं घायलों को शीघ्र स्वस्थ करें।” उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि राज्य सरकार को इस घटना की उच्च स्तरीय जाँच करवाकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में इस प्रकार की दुर्घटनाएँ दोबारा न हों। गहलोत ने अस्पतालों में अग्निशमन व्यवस्था की समीक्षा की माँग भी की है।
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे ने भी अपनी संवेदनाएँ व्यक्त करते हुए कहा, “जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में लगी आग की घटना अत्यंत दुखद और पीड़ादायक है। इस भीषण दुर्घटना में जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई है,उनके प्रति मैं अपनी गहरी संवेदनाएँ प्रकट करती हूँ। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिजनों को इस असहनीय दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, “जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में लगी आग की घटना अत्यंत दुखद है। इस हादसे में लोगों के असमय निधन की सूचना व्यथित करने वाली है। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति दें और परिजनों को यह असहनीय दुख सहने की शक्ति प्रदान करें। अस्पताल और जिला प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है तथा घायलों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। सभी घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूँ।”
अस्पताल प्रशासन की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार,आग ट्रॉमा सेंटर की बिजली आपूर्ति व्यवस्था में तकनीकी खराबी से लगी। हालाँकि,फायर डिपार्टमेंट ने कहा है कि पूरी जाँच के बाद ही सही कारण बताया जा सकेगा। इस बीच,प्रशासन ने घटना की मजिस्ट्रेट जाँच के आदेश दे दिए हैं और मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है।
घटना के बाद अस्पताल के अन्य हिस्सों में भी सुरक्षा इंतजाम बढ़ा दिए गए हैं। मरीजों को फिलहाल अन्य वार्डों में शिफ्ट किया गया है,ताकि मरम्मत कार्य किया जा सके। अस्पताल के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है,ताकि किसी भी अफरा-तफरी की स्थिति से निपटा जा सके।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि आग पर अब पूरी तरह काबू पा लिया गया है और ट्रॉमा सेंटर को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। विभाग ने इस हादसे की जाँच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है जो 48 घंटे में रिपोर्ट सौंपेगी। इस कमेटी में स्वास्थ्य विभाग,फायर विभाग और विद्युत विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
यह घटना राजस्थान के सबसे बड़े और प्रमुख सरकारी अस्पताल में हुई है,जो न केवल जयपुर बल्कि पूरे प्रदेश के मरीजों के लिए जीवनरेखा माना जाता है। इस कारण हादसे ने प्रशासनिक लापरवाही और सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अस्पताल में आग लगने की यह पहली घटना नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में देश के विभिन्न हिस्सों में अस्पतालों में ऐसी घटनाएँ हो चुकी हैं,जिनमें दर्जनों लोगों की जान गई थी।
एसएमएस अस्पताल में हुई इस भीषण त्रासदी ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि देश के सरकारी अस्पतालों में अग्निशमन व्यवस्था कितनी प्रभावी है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि अस्पतालों में नियमित फायर ड्रिल और बिजली व्यवस्था की समय-समय पर जाँच अनिवार्य की जानी चाहिए।
फिलहाल जयपुर शहर में शोक की लहर है। मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है,जबकि घायलों के उपचार में डॉक्टर लगातार जुटे हुए हैं। सरकार ने मृतकों के परिवारों को हरसंभव सहायता देने और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
जयपुर के इस हादसे ने न केवल एक दर्दनाक रात की याद छोड़ी है,बल्कि यह भी संदेश दिया है कि अस्पताल जैसी जगहों पर सुरक्षा उपायों की अनदेखी किसी भी क्षण भयावह रूप ले सकती है। उम्मीद की जा रही है कि जाँच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी और इस त्रासदी से सबक लेकर प्रशासन अस्पतालों की सुरक्षा प्रणाली को और मजबूत करेगा।