यरूशलम,16 सितंबर (युआईटीवी)- मध्य पूर्व में तनाव एक बार फिर गहराता दिखाई दे रहा है। इजरायली सेना ने सोमवार को घोषणा की कि उसने दक्षिणी लेबनान में हिज्बुल्लाह के एक कथित कमांड साइट पर हमला किया। इजरायल का कहना है कि इस कार्रवाई का उद्देश्य सीमा पार से आ रहे खतरों को समाप्त करना और अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह घटना ऐसे समय हुई है,जब अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से हुआ युद्धविराम लागू है,लेकिन इसके बावजूद सीमा क्षेत्र में समय-समय पर झड़पें और हमले जारी हैं।
लेबनान की सरकारी राष्ट्रीय समाचार एजेंसी के अनुसार,इजरायली ड्रोन ने याटर शहर में एक कार को निशाना बनाया। ड्रोन ने कार पर दो मिसाइलें दागीं जिससे एक व्यक्ति घायल हो गया। इस घटना की पुष्टि लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के आपातकालीन संचालन केंद्र ने भी की है। हालाँकि,अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि घायल व्यक्ति हिज्बुल्लाह से जुड़ा था या कोई आम नागरिक। इस पर फिलहाल हिज्बुल्लाह ने आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
इजरायली सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह हमला हिज्बुल्लाह के “बुनियादी ढाँचे ” को नष्ट करने के लिए किया गया। सेना ने यह भी दोहराया कि वह इजरायल के लिए खतरों को दूर करने और सीमा क्षेत्र में सुरक्षा बनाए रखने के लिए ऐसे अभियानों को आगे भी जारी रखेगी। इजरायल ने पहले भी दावा किया था कि वह हिज्बुल्लाह की क्षमताओं को कमज़ोर करने के लिए लगातार सतर्क है और किसी भी तरह के खतरे का त्वरित जवाब देगा।
गौरतलब है कि अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से नवंबर 2024 में लागू हुआ युद्धविराम लगभग एक साल से अधिक समय से जारी है। इस युद्धविराम ने इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष को कुछ हद तक थामा था। हालाँकि,इजरायल का कहना है कि युद्धविराम के बावजूद हिज्बुल्लाह की ओर से उसकी सीमा पर खतरे बने हुए हैं। यही वजह है कि इजरायल समय-समय पर लेबनान के भीतर हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर हवाई हमले करता रहता है।
18 फरवरी को इजरायल की पूरी तरह से वापसी की समय सीमा समाप्त हो चुकी है,लेकिन इसके बावजूद इजरायल ने सीमा क्षेत्र के कुछ हिस्सों में अपनी सेनाएँ तैनात रखी हैं। यह स्थिति बताती है कि दोनों पक्षों के बीच अविश्वास गहराया हुआ है और स्थायी शांति अभी दूर की कौड़ी है।
इसी बीच,पिछले हफ्ते इजरायल ने कतर की राजधानी दोहा में एक हवाई हमला किया था। इस हमले का निशाना हमास के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक इमारत थी। इजरायली अधिकारियों ने इसे हमास नेतृत्व को खत्म करने की कोशिश बताया। प्रत्यक्षदर्शियों ने तेज धमाकों की आवाज सुनी और राजधानी दोहा के ऊपर धुएँ का एक विशाल गुबार उठते देखा। इस हमले ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक चिंता पैदा की क्योंकि यह सीधे तौर पर कतर की राजधानी को निशाना बनाने जैसा था।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले को “पूरी तरह से स्वतंत्र इजरायली अभियान” बताया। उनके कार्यालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि, “इजरायल ने इसे शुरू किया,इजरायल ने इसे संचालित किया और इजरायल इसकी पूरी जिम्मेदारी लेता है।” इस बयान ने यह स्पष्ट कर दिया कि इजरायल अपने सैन्य अभियानों को लेकर किसी भी अंतर्राष्ट्रीय दबाव से पीछे हटने वाला नहीं है।
वर्तमान हालात में लेबनान और गाजा दोनों मोर्चों पर इजरायल की आक्रामक रणनीति साफ झलक रही है। एक तरफ हिज्बुल्लाह और इजरायल के बीच सीमा पार तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है,वहीं दूसरी ओर हमास के खिलाफ कार्रवाई तेज होती जा रही है। यह परिदृश्य मध्य पूर्व को एक बार फिर अस्थिरता की ओर धकेलता दिख रहा है।
लेबनान की जनता पहले से ही आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रही है। ऐसे में इजरायली हमलों ने वहाँ की स्थिति और कठिन बना दी है। लोग लगातार भय और अनिश्चितता के माहौल में जी रहे हैं। वहीं,इजरायल अपनी सुरक्षा चिंताओं को लेकर कठोर रुख अपनाए हुए है और स्पष्ट कर चुका है कि जब तक उसे अपनी सीमाओं पर खतरा महसूस होगा,तब तक उसके सैन्य अभियान जारी रहेंगे।
यह पूरा घटनाक्रम इस बात का संकेत है कि भले ही युद्धविराम लागू हो,लेकिन असलियत में जमीन पर हालात बेहद नाजुक हैं। इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच चल रहा यह तनाव किसी भी वक्त बड़े संघर्ष का रूप ले सकता है। क्षेत्रीय और वैश्विक ताकतें इस स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं,लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान निकलता दिखाई नहीं दे रहा। इजरायल के हालिया हमले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि मध्य पूर्व की शांति बेहद नाजुक धागे पर टिकी है,जो किसी भी वक्त टूट सकती है।

