सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद (तस्वीर क्रेडिट@Arifkha45250082)

सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कोलकाता गैंगरेप को बताया निंदनीय,उस पर चिंता जताई,ममता सरकार से उचित कार्रवाई का विश्वास

लखनऊ,28 जून (युआईटीवी)- समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने हाल ही में कोलकाता के लॉ कॉलेज की एक छात्रा के साथ हुए गैंगरेप को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार से कठोर कार्रवाई की उम्मीद जताई है। साथ ही उन्होंने भाजपा पर भी करारा हमला बोलते हुए संविधान से छेड़छाड़ का आरोप लगाया और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए।

फखरुल हसन चांद ने कोलकाता के प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अत्यंत गंभीर और दुखद बताया। उन्होंने कहा कि यह समाज और कानून व्यवस्था दोनों के लिए एक काला धब्बा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस मामले को गंभीरता से लेंगी और आरोपियों को उनके अंजाम तक पहुँचाएँगी।

सपा नेता ने कहा, “यह एक बेहद चिंताजनक घटना है। समाज में ऐसी घटनाएँ तब होती हैं,जब अपराधियों को कानून का डर नहीं होता। हमें विश्वास है कि पश्चिम बंगाल सरकार आरोपियों को सख्त सजा दिलाएगी।”

फखरुल हसन ने इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की 1090 महिला हेल्पलाइन का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई ठोस कदम उठाए गए थे। उन्होंने पूछा कि, “जब उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार ने महिला सुरक्षा के लिए 1090 जैसी व्यवस्था लागू की,तो बाकी राज्य क्यों पीछे हैं? क्या बाकी राज्यों की सरकारें महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं हैं?”

यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि सपा खुद को महिला सुरक्षा की पक्षधर पार्टी के रूप में प्रस्तुत कर रही है।

सपा प्रवक्ता ने भारतीय जनता पार्टी पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के बनाए संविधान को बदलने की कोशिश का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह प्रयास नया नहीं है,बल्कि लंबे समय से भाजपा का एजेंडा रहा है।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि, “भाजपा लगातार संविधान से छेड़छाड़ करना चाहती है,लेकिन जब तक समाजवादी विचारधारा के लोग हैं,तब तक यह मुमकिन नहीं होगा।”

उन्होंने लोकसभा चुनाव में भाजपा के 400 पार के नारे का भी जिक्र करते हुए कहा कि, “जनता ने उन्हें करारा जवाब दिया। क्योंकि लोगों को यह अंदेशा था कि यदि भाजपा दोबारा बहुमत में आई तो संविधान से छेड़छाड़ होगी।”

यह बयान सामाजिक न्याय और दलित-बहुजन चेतना की राजनीति को संबोधित करता है,जिसका सपा लंबे समय से हिस्सा रही है।

फखरुल हसन चांद ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान मतदाता सूची में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि खासकर महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में वोटर लिस्ट में भारी विसंगतियाँ देखी गईं।

सपा प्रवक्ता का आरोप था कि, “हमने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की,लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। आयोग ने चुप्पी साध ली। यह उसकी निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।”

उन्होंने चुनाव आयोग को याद दिलाया कि वह एक संवैधानिक संस्था है और उसकी जवाबदेही देश के हर मतदाता के प्रति है,न कि किसी राजनीतिक दल विशेष के प्रति।

भाजपा के 400 पार के दावे पर तंज कसते हुए सपा प्रवक्ता ने कहा,“जनता ने भाजपा के घमंड को तोड़ते हुए उन्हें सिखा दिया कि संविधान से खेलने की कीमत चुकानी पड़ेगी। नतीजे इस बात का प्रमाण हैं कि देश संविधान बचाने के लिए एकजुट हो गया है।”

यह बयान आगामी विधानसभा चुनावों और 2029 की तैयारियों की राजनीतिक दिशा भी तय करता है कि सपा अब भाजपा के खिलाफ संविधान बचाओ अभियान को तेज करेगी।

फखरुल हसन चांद के बयान से यह साफ है कि समाजवादी पार्टी आने वाले समय में महिला सुरक्षा,संविधान रक्षा और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता को प्रमुख मुद्दा बनाएगी। कोलकाता गैंगरेप पर सख्त कार्रवाई की माँग,महिला सुरक्षा में 1090 मॉडल को दोहराने का सुझाव,भाजपा की नीतियों पर सीधा हमला और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल इन सभी मुद्दों को लेकर सपा ने एक राजनीतिक नैरेटिव खड़ा किया है,जिसमें भाजपा को ‘संविधान विरोधी’ और ‘महिला सुरक्षा में असफल’ के रूप में प्रस्तुत किया गया है।

अब देखना यह है कि अन्य विपक्षी दल इस लाइन को कितनी मजबूती से आगे बढ़ाते हैं और क्या जनता इस नैरेटिव को अपनाती है या नहीं।