नई दिल्ली,1 अगस्त (युआईटीवी)- भारतीय टेस्ट क्रिकेट के अनुभवी बल्लेबाज करुण नायर ने एक बार फिर से साबित कर दिया कि क्रिकेट क्यों ‘जेंटलमैन का खेल’ कहलाता है। इंग्लैंड के खिलाफ पाँच टेस्ट मैचों की श्रृंखला के अंतिम मुकाबले में,करुण नायर ने मैदान पर सिर्फ शानदार बल्लेबाजी ही नहीं की,बल्कि ऐसी खेल भावना का प्रदर्शन किया,जिसने क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीत लिया। केनिंग्टन ओवल में खेले जा रहे इस टेस्ट मैच के पहले दिन जब टीम इंडिया मुश्किल में फँसी हुई थी,तब करुण नायर ने पारी को सँभालते हुए 98 गेंदों में महत्वपूर्ण 52 रन की पारी खेली और टीम को स्थिरता प्रदान की।
मैच के दौरान एक ऐसा वाक्य हुआ,जिसने नायर को सुर्खियों में ला खड़ा किया। इंग्लैंड के अनुभवी तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स जब फील्डिंग करते हुए चोटिल हो गए,तब नायर के पास रन लेकर स्कोर बढ़ाने का अवसर था,लेकिन उन्होंने चौथा रन लेने से साफ इनकार कर दिया। यह निर्णय उन्होंने ऐसे समय में लिया,जब भारतीय टीम के रनों की बेहद जरूरत थी और किसी भी अतिरिक्त रन का महत्व काफी था। नायर के इस कदम ने साबित कर दिया कि खेल भावना,रणनीति और व्यक्तिगत प्रदर्शन से भी ऊपर होती है।
घटना कुछ इस प्रकार हुई कि नायर और उनके साथी बल्लेबाज वाशिंगटन सुंदर ने तेजी से तीन रन पूरे किए थे। गेंद को बाउंड्री की ओर रोकने की कोशिश करते हुए क्रिस वोक्स मिड-ऑफ से दौड़ते हुए गीले आउटफील्ड में फिसल गए और अपने बाएँ कंधे पर बुरी तरह गिर पड़े। वह मैदान पर दर्द से कराहते हुए नजर आए। उस क्षण नायर के पास अतिरिक्त रन लेने का पूरा मौका था,लेकिन उन्होंने अपनी जगह पर रुककर सुंदर को इशारा किया कि वे आगे न बढ़ें। यह क्षण कैमरे में कैद हो गया और सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
करुण नायर के इस व्यवहार की हर तरफ सराहना हो रही है। खेल प्रशंसकों से लेकर पूर्व क्रिकेटरों तक,सभी ने इसे खेल की सच्ची आत्मा का प्रतीक बताया। सोशल मीडिया पर कई प्रशंसकों ने इसे ‘खेल भावना का जीवंत उदाहरण’ करार दिया। एक यूज़र ने लिखा, “आज के युग में जहाँ जीत की होड़ में खिलाड़ी हर चीज़ दांव पर लगा देते हैं,वहाँ करुण नायर का ये कदम खेल को फिर से सम्मान दिलाने वाला है।”
My respect for Karun Nair has increased even more for his kind act. He could’ve ran 4 runs easily but didn’t as he saw Christopher Woakes lying helplessly on the ground in pain 🙏 pic.twitter.com/WdnzpHqJjT
— Troll cricket unlimitedd (@TUnlimitedd) July 31, 2025
जहाँ तक वोक्स की चोट की बात है,तो यह गंभीर प्रतीत हो रही है और यह संभावना जताई जा रही है कि वे बाकी मैच से बाहर हो सकते हैं। वोक्स इस सीरीज में इंग्लैंड के अकेले ऐसे तेज गेंदबाज थे,जिन्होंने सभी पाँच टेस्ट मैच खेले हैं और गेंदबाजी में निरंतरता दिखाई है। इंग्लैंड के लिए यह बड़ा झटका हो सकता है,खासकर ऐसे समय में जब श्रृंखला 2-2 से बराबरी पर है और अंतिम टेस्ट निर्णायक बन चुका है।
भारतीय पारी की बात करें तो पहले दिन का खेल मिश्रित रहा। टॉप ऑर्डर फिर एक बार दबाव में नजर आया,लेकिन नायर और सुंदर ने छठे विकेट के लिए साझेदारी कर टीम को संभाला। नायर ने अपनी अर्धशतकीय पारी में संयम,तकनीक और मानसिक दृढ़ता का परिचय दिया। उन्होंने इंग्लिश गेंदबाजों की सटीक लाइन लेंथ का डटकर मुकाबला किया और रन बनाने के अवसरों को चूका नहीं। वाशिंगटन सुंदर ने भी उनका बखूबी साथ निभाया और दोनों बल्लेबाज दिन का खेल समाप्त होने तक नाबाद लौटे। पहले दिन भारत ने छह विकेट के नुकसान पर 204 रन बनाए थे।
दूसरे दिन के खेल में भारत की कोशिश एक बड़े स्कोर तक पहुँचने की होगी,ताकि इंग्लैंड पर दबाव बनाया जा सके। नायर और सुंदर की साझेदारी इस लिहाज से निर्णायक साबित हो सकती है। करुण नायर की यह वापसी भी बेहद अहम मानी जा रही है। लंबे समय बाद टेस्ट टीम में शामिल किए गए नायर ने इस मौके को पूरी जिम्मेदारी और गरिमा के साथ निभाया है। उनका चयन कुछ क्रिकेट विशेषज्ञों के लिए चौंकाने वाला था,लेकिन अब उन्होंने अपने प्रदर्शन से चयनकर्ताओं को सही साबित किया है।
करुण नायर का टेस्ट करियर एक समय बेहद चर्चा में था,जब उन्होंने तिहरा शतक जड़ा था,लेकिन इसके बाद उन्हें टीम में लगातार जगह नहीं मिली और उन्हें घरेलू क्रिकेट तक सीमित कर दिया गया। अब इतने लंबे अंतराल के बाद,जब उन्हें फिर से टेस्ट टीम में जगह मिली,तो उन्होंने खुद को साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और जो बात उन्हें सबसे अलग बनाती है,वह है मैदान पर उनका शालीन और ईमानदार आचरण,जिसकी गूँज अब अंतर्राष्ट्रीय मीडिया तक भी पहुँच चुकी है।
अंततः यह सिर्फ एक अर्धशतक या साझेदारी की कहानी नहीं है। यह उस चरित्र की कहानी है,जो खेल को सिर्फ जीत और हार से नहीं,बल्कि उसकी भावना और मूल्यों से जोड़ता है। करुण नायर ने अपने इस कदम से न केवल भारत का सिर गर्व से ऊँचा किया,बल्कि यह भी दिखा दिया कि असली हीरो वे होते हैं,जो सही वक्त पर सही निर्णय लें,भले ही वह उन्हें व्यक्तिगत लाभ से दूर कर दे। खेल की दुनिया को ऐसे खिलाड़ियों की आज बेहद जरूरत है और करुण नायर ने दिखा दिया कि वह सिर्फ एक बल्लेबाज नहीं,बल्कि सच्चे ‘जेंटलमैन’ क्रिकेटर हैं।