मुंबई,14 अगस्त (युआईटीवी)- श्रीदेवी और बोनी कपूर की प्रेम कहानी और 1993 के मुंबई बम धमाकों के बीच का संबंध उस संकट के क्षण से है,जिसने उन्हें एक-दूसरे के करीब ला दिया। जब बोनी ने पहली बार श्रीदेवी से अपने प्यार का इज़हार किया,तो उन्हें इस बात का एहसास बहुत बुरा लगा,क्योंकि उस समय बोनी शादीशुदा थे। इस बात से बेहद दुखी होकर उन्होंने लगभग आठ महीने तक बोनी कपूर से संपर्क तोड़ दिया,जिससे उनके बीच एक ऐसी दूरी बन गई जिसे पाटना मुश्किल लग रहा था।
मार्च 1993 में,मुंबई विनाशकारी बम विस्फोटों की एक श्रृंखला से दहल गई थी, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए। निशाना बनाए गए स्थानों में से एक होटल सी रॉक था,जहाँ श्रीदेवी ठहरी हुई थीं। खबर सुनते ही,बोनी कपूर को उनकी सुरक्षा की चिंता हुई। उन्होंने श्रीदेवी की माँ से संपर्क किया और उनसे तुरंत होटल छोड़ने का आग्रह किया। फिर बोनी ने अपने कर्मचारियों से उन्हें अपने घर लाने का प्रबंध किया,ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह किसी भी अन्य खतरे से सुरक्षित रहें।
इस सुरक्षात्मक भाव ने उनके रिश्ते में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला दिया। श्रीदेवी मई 1993 तक बोनी के साथ रहीं और यह अवधि संयोग से “रूप की रानी चोरों का राजा” की रिलीज़ के साथ ही शुरू हुई। इस घटना ने न केवल उन्हें बोनी की देखभाल की गहराई का एहसास कराया,बल्कि खोए हुए विश्वास और रिश्ते को फिर से बनाने में भी मदद की। कई मायनों में,बम धमाकों की त्रासदी एक अप्रत्याशित उत्प्रेरक साबित हुई,जिसने उनके बीच की दीवारों को नरम कर दिया और उनके रिश्ते को फिर से पटरी पर ला दिया,जिसके परिणामस्वरूप 1996 में उनकी शादी हुई।