चंदौली,16 दिसंबर (युआईटीवी)- उत्तर भारत में ठंड के साथ-साथ घने कोहरे ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित करना शुरू कर दिया है। सड़क यातायात के साथ अब इसका सीधा असर रेल संचालन पर भी साफ दिखाई देने लगा है। उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में घने कोहरे के कारण ट्रेनों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई है। कई महत्वपूर्ण ट्रेनें घंटों की देरी से चल रही हैं,जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्लेटफॉर्म,वेटिंग हॉल और सर्कुलेटिंग एरिया में यात्री कड़ाके की ठंड में घंटों इंतजार करने को मजबूर हैं।
दिसंबर का आधा महीना बीत चुका है और सर्दी अपने चरम की ओर बढ़ रही है। पहले से ही ट्रेनों के कैंसिलेशन और लेटलतीफी का सिलसिला जारी था,लेकिन अब घने कोहरे ने हालात को और गंभीर बना दिया है। खासकर रात में चलने वाली ट्रेनें सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही हैं। दृश्यता बेहद कम होने के कारण ट्रेनों की गति घटानी पड़ रही है,जिससे उनके निर्धारित समय पर पहुँचना लगभग असंभव हो गया है।
चंदौली रेलवे स्टेशन पर मंगलवार को यात्रियों की भीड़ और उनकी परेशानी साफ नजर आई। कई यात्री पूरी रात स्टेशन पर बैठे रहे। ठंड से बचने के लिए लोग शॉल,कंबल और जैकेट में लिपटे दिखे,लेकिन खुले प्लेटफॉर्म और वेटिंग रूम में सर्द हवाओं के आगे ये इंतजाम भी नाकाफी साबित हो रहे हैं। यात्रियों का कहना है कि ट्रेन के आने की सूचना बार-बार दी जाती है,लेकिन फिर उसे आगे के लिए टाल दिया जाता है,जिससे मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की परेशानी बढ़ रही है।
एक यात्री ने बताया कि उसकी ट्रेन का समय रात 1:55 बजे था,लेकिन लगातार देरी के कारण अब दोपहर हो चुकी है और ट्रेन का कोई ठोस अपडेट नहीं मिल पा रहा है। उसने कहा कि पूरी रात वेटिंग रूम में गुजारनी पड़ी और कड़ाके की ठंड में बैठना बेहद मुश्किल रहा। वहीं,एक अन्य यात्री ने बताया कि पुरुषोत्तम एक्सप्रेस और झारखंड स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस दोनों ही घने कोहरे के कारण करीब चार घंटे की देरी से चल रही हैं। स्टेशन पर इंतजार करते समय ठंड ने हालत और खराब कर दी।
कई यात्रियों ने यह भी शिकायत की कि सूचना प्रणाली स्पष्ट नहीं है। ट्रेन के आने की उम्मीद में लोग लगातार प्लेटफॉर्म पर बैठे रहते हैं,लेकिन जब ट्रेन फिर से लेट हो जाती है,तो निराशा और बढ़ जाती है। एक यात्री ने कहा कि वह करीब 10 घंटे से स्टेशन पर बैठा है और हर बार यही कहा जाता है कि ट्रेन रास्ते में है,लेकिन फिर देरी की सूचना मिल जाती है। लंबे इंतजार के कारण बुजुर्गों,बच्चों और महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही है।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि घने कोहरे की वजह से सुरक्षा के लिहाज से ट्रेनों की गति कम करनी पड़ रही है। दृश्यता कम होने से ड्राइवरों को सिग्नल देखने में दिक्कत होती है,ऐसे में किसी भी तरह की दुर्घटना से बचने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। अधिकारियों ने यात्रियों से अपील की है कि वे स्टेशन आने से पहले घर से ही ट्रेन का स्टेटस जरूर चेक करें,ताकि अनावश्यक इंतजार से बचा जा सके।
रेल प्रशासन का यह भी दावा है कि स्टेशनों पर यात्रियों को असुविधा न हो,इसके लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। वेटिंग हॉल को खोलकर रखा गया है और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती की जा रही है।हालाँकि,यात्रियों का कहना है कि जमीनी स्तर पर राहत अभी नाकाफी है,क्योंकि ठंड और लंबा इंतजार किसी के लिए भी आसान नहीं है।
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में कोहरे के और घना होने की संभावना जताई है। इसका मतलब साफ है कि रेल यात्रियों की परेशानी फिलहाल कम होने वाली नहीं है। खासकर उत्तर प्रदेश,बिहार,झारखंड और दिल्ली की ओर जाने वाली लंबी दूरी की ट्रेनें लगातार देरी का सामना कर सकती हैं। ऐसे में यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना बनाते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है।
घने कोहरे की यह स्थिति न सिर्फ यात्रियों की सहनशक्ति की परीक्षा ले रही है,बल्कि रेलवे की व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़े कर रही है। हर साल सर्दियों में कोहरे की समस्या सामने आती है,लेकिन इसके बावजूद यात्रियों को घंटों ठंड में इंतजार करना पड़ता है। आने वाले दिनों में यदि मौसम और बिगड़ता है,तो यह चुनौती और गंभीर हो सकती है। फिलहाल चंदौली सहित कई इलाकों में रेल यात्री उम्मीद और धैर्य के सहारे अपनी मंजिल तक पहुँचने का इंतजार कर रहे हैं।
