अहमदाबाद,20 दिसंबर (युआईटीवी)- अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में शुक्रवार की रात भारतीय क्रिकेट टीम ने एक और यादगार प्रदर्शन करते हुए पाँचवां टी20 मुकाबला 30 रन से अपने नाम कर लिया। इस जीत के साथ ही टीम इंडिया ने चार मैचों की टी20 सीरीज 3-1 से अपने नाम कर ली और घरेलू दर्शकों को जश्न मनाने का पूरा मौका दिया। इस मुकाबले में जहाँ ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या ने तूफानी बल्लेबाजी से महफिल लूटी,वहीं रहस्यमयी स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने गेंद से विपक्षी टीम की कमर तोड़ दी। शानदार प्रदर्शन के लिए हार्दिक पंड्या को ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ जबकि पूरी सीरीज में निरंतर प्रभाव छोड़ने वाले वरुण चक्रवर्ती को ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ चुना गया।
मैच की शुरुआत से ही यह साफ दिख रहा था कि भारतीय टीम इस मुकाबले को सिर्फ जीतने नहीं,बल्कि दबदबे के साथ खत्म करना चाहती है। टॉस के बाद बल्लेबाजी करते हुए भारत ने आक्रामक रुख अपनाया। शुरुआती ओवरों में अभिषेक शर्मा और संजू सैमसन ने तेजी से रन बटोरकर टीम को मजबूत आधार दिया। दोनों बल्लेबाजों ने बिना किसी दबाव के शॉट्स खेले और पावरप्ले में ही विपक्षी गेंदबाजों पर हावी नजर आए। विकेट भले ही बीच-बीच में गिरते रहे,लेकिन रन गति पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ा।
मध्यक्रम में तिलक वर्मा और हार्दिक पंड्या की जोड़ी ने मैच की दिशा ही बदल दी। दोनों के बीच चौथे विकेट के लिए हुई 105 रन की साझेदारी इस मुकाबले का टर्निंग पॉइंट साबित हुई। तिलक वर्मा ने 42 गेंदों में 73 रन की शानदार पारी खेली,जिसमें 11 चौके शामिल थे। उन्होंने मैदान के चारों ओर आकर्षक शॉट्स लगाए और यह दिखाया कि वह लंबे समय तक क्रीज पर टिककर बड़े स्कोर बना सकते हैं। दूसरी ओर,हार्दिक पंड्या ने अपनी पहचान के अनुरूप आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी की और सिर्फ 25 गेंदों में 63 रन ठोक दिए। उनकी पारी में पाँच चौके और पाँच छक्के शामिल थे,जिसने स्टेडियम में मौजूद दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
हार्दिक पंड्या की यह पारी कई मायनों में खास रही। वह टी20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में दूसरे सबसे तेज अर्धशतक लगाने वाले भारतीय बल्लेबाज बने,जिन्होंने मात्र 16 गेंदों में यह उपलब्धि हासिल की। उनकी बल्लेबाजी में आत्मविश्वास और स्पष्ट सोच साफ नजर आ रही थी। मैच के बाद ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुने जाने पर हार्दिक ने कहा कि वह व्यक्तिगत पुरस्कारों के लिए नहीं,बल्कि टीम की जीत के लिए खेलते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने अपने साथी से पहले ही कह दिया था कि वह पहली ही गेंद पर छक्का मारने की कोशिश करेंगे और उस दिन वह योजना पूरी तरह सफल रही। हार्दिक के अनुसार,टीम की जीत में योगदान देना ही उनके लिए सबसे बड़ा संतोष है।
तिलक वर्मा ने भी मैच के बाद अपनी बल्लेबाजी और सोच को लेकर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि उन्हें अहमदाबाद की पिच की अच्छी समझ है और जिस तरह से शुरुआती बल्लेबाजों ने खेल की शुरुआत की,उससे उन्हें भरोसा हो गया था कि विकेट बल्लेबाजी के लिए अनुकूल है। उनका उद्देश्य सिर्फ स्ट्राइक रेट को बनाए रखना और इरादे के साथ खेलना था। तिलक ने यह भी बताया कि बल्लेबाजी के दौरान उनके दिमाग में कोई निश्चित व्यक्तिगत लक्ष्य नहीं रहता,बल्कि वह टीम के लिए जितना संभव हो उतना बड़ा स्कोर खड़ा करने पर ध्यान देते हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि टीम का लक्ष्य 230 से 240 रन तक पहुँचने का था और अंत में टीम उस लक्ष्य को हासिल करने में सफल रही।
भारत के विशाल स्कोर के जवाब में विपक्षी टीम ने शुरुआत में संघर्ष जरूर किया,लेकिन जल्दी ही वरुण चक्रवर्ती ने अपनी गेंदबाजी से मैच पर भारत की पकड़ और मजबूत कर दी। वरुण ने अपने चार ओवरों में 53 रन देकर चार महत्वपूर्ण विकेट झटके। हालाँकि,उनके आँकड़े थोड़े महँगे दिख सकते हैं,लेकिन उनके द्वारा लिए गए विकेट निर्णायक साबित हुए। हर बार जब विपक्षी टीम साझेदारी बनाने की कोशिश करती,वरुण चक्रवर्ती एक झटका देकर उसे तोड़ देते। उनकी गेंदबाजी में विविधता और साहस साफ झलक रहा था।
पूरी सीरीज में वरुण चक्रवर्ती भारत के सबसे प्रभावशाली गेंदबाज साबित हुए। उन्होंने चार मुकाबलों में 11.20 की औसत से कुल 10 विकेट हासिल किए। इसी शानदार प्रदर्शन के चलते उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ चुना गया। पुरस्कार मिलने के बाद वरुण ने कहा कि यह मुकाबला हाई-इंटेंसिटी वाला था और शायद पूरी सीरीज का सबसे बेहतरीन मैच भी। उन्होंने माना कि उन्हें ऐसे मुकाबले खेलना बेहद पसंद है,जहाँ हर गेंद पर दबाव हो। वरुण ने बताया कि उनकी प्राथमिकता हमेशा विकेट निकालने की रहती है और जब भी गेंद उनके हाथ में आती है,वह आक्रामक मानसिकता के साथ प्रभाव डालने की कोशिश करते हैं।
वरुण चक्रवर्ती ने अपनी सफलता का श्रेय टीम के माहौल और खिलाड़ियों के साथ होने वाली बातचीत को भी दिया। उन्होंने कहा कि वह नियमित रूप से सूर्यकुमार यादव,संजू सैमसन और अन्य खिलाड़ियों से चर्चा करते रहते हैं,जो उन्हें लगातार प्रोत्साहित करते हैं। उनके अनुसार,ये बातचीत उनके आत्मविश्वास को बढ़ाती हैं और उन्हें बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करती हैं। वरुण ने यह भी बताया कि वह हर सीरीज में कुछ नया करने की कोशिश करते हैं। अगर वह प्रयोग सफल होता है तो शानदार और अगर नहीं होता तो वह उस पर दोबारा मेहनत कर और मजबूत होकर वापसी करते हैं। उन्होंने अपने इस प्रदर्शन को अपने माता-पिता और बहन को समर्पित किया,जो उनके क्रिकेट सफर में हमेशा उनके साथ खड़े रहे हैं।
गेंदबाजी विभाग में भारत का प्रदर्शन सामूहिक रूप से भी मजबूत रहा। वरुण चक्रवर्ती के अलावा अन्य गेंदबाजों ने भी सही समय पर रन गति पर लगाम लगाई और विपक्षी टीम को बड़े लक्ष्य के दबाव में बनाए रखा। फील्डिंग में भी भारतीय खिलाड़ियों ने चुस्ती दिखाई,जिससे रन आउट और कैच के मौके बने और मैच पर भारत की पकड़ लगातार मजबूत होती चली गई।
मैच के बाद तिलक वर्मा ने अपनी गेंदबाजी को लेकर भी संकेत दिए कि वह एक ऑलराउंडर के रूप में खुद को विकसित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह अपनी बॉलिंग पर लगातार मेहनत कर रहे हैं और आने वाले मैचों में दर्शक उन्हें गेंदबाजी करते हुए भी देख सकते हैं। हालाँकि,उन्होंने यह फैसला टीम प्रबंधन और कप्तान सूर्यकुमार यादव पर छोड़ दिया,लेकिन उनके बयान से यह साफ है कि वह टीम के लिए हर संभव योगदान देने को तैयार हैं।
इस जीत के साथ भारतीय टीम ने न सिर्फ सीरीज अपने नाम की,बल्कि यह भी दिखा दिया कि टीम का बेंच स्ट्रेंथ और युवा खिलाड़ियों का आत्मविश्वास लगातार बढ़ रहा है। हार्दिक पंड्या की आक्रामक कप्तानी सोच,तिलक वर्मा जैसे युवा बल्लेबाजों की परिपक्वता और वरुण चक्रवर्ती जैसे गेंदबाजों की निरंतरता टीम इंडिया के लिए आने वाले बड़े टूर्नामेंट्स से पहले सकारात्मक संकेत हैं। अहमदाबाद की इस जीत ने यह साबित कर दिया कि भारतीय टी20 टीम सही दिशा में आगे बढ़ रही है और घरेलू मैदान पर उसका दबदबा बरकरार है।
