नजरबंद

बुसान अंतर्राष्ट्रीय फेस्टिवल में रिलीज होगी सुमन मुखोपाध्याय की ‘नजरबंद’

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (युआईटीवी/आईएएनएस)- लेखक आशापूर्णा देवी की कहानी ‘चुटी नकोच’ पढ़ते ही फिल्म निर्माता सुमन मुखोपाध्याय को ऐसा लगा कि उन्हें इस पर फिल्म बनानी चाहिए। बस, फिर क्या था इस राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता ने इसके अधिकार खरीदे और स्क्रीनप्ले तैयार करना शुरू कर दिया। फिल्म का नाम रखा ‘नजरबंद’, जो इस साल अक्टूबर में होने वाले प्रतिष्ठित बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में अपना वल्र्ड प्रीमियर करेगी।

मुखोपाध्याय ने आईएएनएस को बताया, “यह एक मनोवैज्ञानिक फिल्म है, जो दो अंडरडॉग किरदारों वसंती और चंदू के बीच की प्रेम कहानी है। यदि दर्शक इन किरदारों के मनोवैज्ञानिक संघर्ष, उनकी कोमलता और अस्थिरता के साथ आगे बढ़ते हैं, तो यह फिल्म काम करेगी।”

‘हर्बर्ट’, ‘पोशम पा’ और ‘कंगाल मालसैट’ (‘वॉर क्राई ऑफ द बेगर्स’) जैसी फिल्मों के लिए प्रशंसा पा चुके इस निर्देशक को लगता है कि थिएटर में रिलीज फिल्मों को जैसी मान्यता मिलती है, महामारी के इस दौर में आ रही ‘नजरबंद’ को कैसी प्रतिक्रिया मिलेगी, उसे लेकर वे सुनिश्चित नहीं हैं।

उन्होंने कहा, “मुश्किल तो लग रहा है, लेकिन हम कड़ी मेहनत कर रहे हैं। स्पष्ट रूप से हाल के दिनों में हमने देखा है कि ओटीटी प्लेटफॉर्मों का झुकाव स्टार कास्ट और मुख्यधारा की फिल्मों की ओर बहुत अधिक हो रहा है। इसका मतलब है कि इस प्रकार की फिल्मों के लिए मुश्किल है कि वे स्लॉट प्राप्त कर सकें। लेकिन हम फेस्टिवल सर्किट में स्लॉट पाने के लिए इंतजार करेंगे।”

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