तमिल फिल्म निर्देशक विक्रम सुगुमारन (तस्वीर क्रेडिट@Saattaidurai)

तमिल फिल्म निर्देशक विक्रम सुगुमारन का कार्डियक अरेस्ट से आकस्मिक निधन,47 वर्ष की आयु में दुनिया को कहा अलविदा

चेन्नई,2 जून (युआईटीवी)- तमिल फिल्म इंडस्ट्री को सोमवार को एक गहरा झटका लगा जब प्रतिष्ठित फिल्म निर्देशक विक्रम सुगुमारन का चेन्नई में कार्डियक अरेस्ट से आकस्मिक निधन हो गया। मात्र 47 वर्ष की आयु में उनका इस तरह चले जाना न केवल उनके प्रशंसकों बल्कि पूरी फिल्म बिरादरी के लिए अत्यंत पीड़ादायक है। समीक्षकों द्वारा सराही गई उनकी फिल्मों ने उन्हें एक संवेदनशील,यथार्थवादी और सामाजिक संदर्भों में गहराई से सोचने वाले निर्देशक के रूप में स्थापित किया था।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार,विक्रम सुगुमारन मदुरै से एक निर्माता को नई स्क्रिप्ट सुनाने के बाद चेन्नई लौट रहे थे। यात्रा के दौरान उन्हें अचानक सीने में तेज दर्द हुआ। हालात बिगड़ते देख उन्हें पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया,लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। अस्पताल पहुँचने से पहले ही स्थिति गंभीर हो चुकी थी और तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें होश में नहीं लाया जा सका।

विक्रम सुगुमारन ने 1999-2000 के दौरान मशहूर निर्देशक बालू महेंद्र के सहायक के रूप में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। यहीं से उन्होंने फिल्म निर्माण की बारीकियों को सीखा और धीरे-धीरे अपने विचारों को दर्शकों तक पहुँचाने की दिशा में कदम बढ़ाया। उनकी पहली निर्देशित फिल्म ‘माधा यानाई कूटम’ थी,जो 2013 में रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म को ग्रामीण पृष्ठभूमि,सामाजिक अंतर्विरोधों और यथार्थवादी कहानी के लिए खूब सराहा गया।

उनकी हालिया फिल्म ‘रावण कोट्टम’ 2022 में रिलीज़ हुई थी,जिसमें अभिनेता शांतनु भाग्यराज मुख्य भूमिका में थे। फिल्म ने सामाजिक मुद्दों और राजनीतिक प्रभावों को ग्रामीण परिप्रेक्ष्य में गहराई से उकेरा था। विक्रम की फिल्मों में भावनात्मक गहराई, सामाजिक संदेश और ग्रामीण भारत की सच्ची झलक देखने को मिलती थी।

वे वर्तमान में ‘थेरम पोरम’ नामक एक नई फिल्म पर काम कर रहे थे। इस प्रोजेक्ट को लेकर वे काफी उत्साहित थे और इसके लिए उन्होंने स्क्रिप्ट भी पूरी कर ली थी। हाल ही में मीडिया से बातचीत में उन्होंने बिना किसी का नाम लिए संकेत दिया था कि इंडस्ट्री में उन्हें कुछ लोगों से धोखा मिला है।

विक्रम सुगुमारन के अचानक चले जाने से तमिल फिल्म उद्योग में एक बड़ा खालीपन महसूस किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर प्रशंसकों और इंडस्ट्री के कलाकारों ने गहरी संवेदना व्यक्त की। अभिनेता शांतनु ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “RIP प्यारे भाई। मैंने आपसे बहुत कुछ सीखा है और हर एक पल को संजोकर रखूँगा। आप बहुत जल्दी चले गए। आपकी बहुत याद आएगी।”

उनके काम और दृष्टिकोण की प्रशंसा करने वाले कई कलाकारों,लेखकों और निर्देशकों ने उनके निधन को तमिल सिनेमा के लिए अपूरणीय क्षति बताया है।

विक्रम सुगुमारन के परिवार में उनकी पत्नी और बच्चे हैं,जो चेन्नई में रहते हैं। निजी जीवन में वे बेहद मृदुभाषी,संवेदनशील और विचारशील व्यक्ति माने जाते थे। वह अपने काम में परिपक्वता और सामाजिक जिम्मेदारी के तत्वों को शामिल करने में विश्वास रखते थे।

विक्रम सुगुमारन का निधन केवल एक व्यक्ति की मौत नहीं है,बल्कि एक दृष्टिकोण, एक विचारधारा,एक आवाज़ की चुप्पी है। उन्होंने फिल्मों के माध्यम से समाज के उन हिस्सों की कहानी कही,जिन्हें अक्सर मुख्यधारा की सिनेमा अनदेखा कर देती है। ग्रामीण संघर्षों,सामाजिक बँटवारे और इंसानी रिश्तों को जिस गहराई और प्रामाणिकता से उन्होंने प्रस्तुत किया,वह उन्हें आज के सबसे संवेदनशील फिल्म निर्माताओं की श्रेणी में रखता है।

तमिल सिनेमा ने एक मूल्यवान रचनात्मक प्रतिभा को खो दिया है। विक्रम सुगुमारन की फिल्मों और सोच को उनके दर्शक सदैव याद रखेंगे। उनके अधूरे सपनों को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी अब इंडस्ट्री और युवा निर्देशकों पर है,जो उनकी विरासत को आगे लेकर जाएँ।