चेन्नई,28 अक्टूबर (युआईटीवी)- तमिलनाडु में पूर्वोत्तर मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है और राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश का दौर जारी है। विशेष रूप से चेन्नई और आसपास के जिलों में लगातार हो रही वर्षा ने प्रशासन को सतर्क कर दिया है। इसी क्रम में ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन (जीसीसी) ने बारिश से उत्पन्न चुनौतियों,बाढ़ की स्थिति और मानसूनजनित बीमारियों से निपटने के लिए व्यापक और समन्वित तैयारी शुरू कर दी है। निगम ने निचले इलाकों और जलभराव की आशंका वाले क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
बारिश से संभावित आपात स्थितियों को ध्यान में रखते हुए शहर भर में 215 राहत केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों में प्रभावित नागरिकों के लिए भोजन,स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता की समुचित व्यवस्था की गई है। निगम के अनुसार,यदि किसी इलाके में जलभराव या बाढ़ की स्थिति बनती है,तो स्थानीय लोगों को इन केंद्रों में तत्काल आश्रय और सहायता दी जाएगी। राहत कार्यों को सुचारू बनाए रखने के लिए जीसीसी ने 106 केंद्रीय रसोईघरों का एक नेटवर्क भी तैयार किया है। इन रसोईघरों से चार लाख से अधिक संवेदनशील इलाकों के निवासियों को दिन में तीन बार भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। यह व्यवस्था तब तक जारी रहेगी,जब तक शहर में स्थिति सामान्य नहीं हो जाती।
स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए निगम ने विशेष अभियान शुरू किया है। बारिश और जलभराव के कारण डेंगू,चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है। इसे देखते हुए 574 विशेष चिकित्सा शिविर लगाए गए हैं,जिनमें 408 सामान्य स्वास्थ्य शिविर और 116 मोबाइल चिकित्सा इकाइयाँ शामिल हैं। इन शिविरों में अब तक 24,000 से अधिक लोगों ने स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाया है। शिविरों में बुखार की जाँच,वेक्टर नियंत्रण जागरूकता और संक्रमण से बचाव पर विशेष जोर दिया जा रहा है। साथ ही,नागरिकों को स्वच्छ पानी का उपयोग करने,मच्छरों से बचाव के उपाय अपनाने और बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सीय सलाह लेने की अपील की गई है।
बारिश के कारण जलमग्न इलाकों में राहत कार्य तेजी से संचालित हो सके,इसके लिए 2,000 से अधिक मोटर पंप तैयार रखे गए हैं। ये पंप विभिन्न क्षमताओं के हैं और शहर के उन इलाकों में तैनात किए गए हैं,जहाँ हर साल जलभराव की स्थिति बनती है। साथ ही,तेज हवाओं या तूफान के दौरान पेड़ों के गिरने की घटनाओं से निपटने के लिए 457 प्रशिक्षित कर्मियों की विशेष टीम भी तैयार की गई है। ये टीमें शहर के विभिन्न जोनों में चौबीसों घंटे सक्रिय रहेंगी।
चेन्नई की यातायात व्यवस्था को बनाए रखना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती होती है। इसको ध्यान में रखते हुए निगम ने शहर की 22 प्रमुख सड़क सुरंगों और अंडरपासों की लगातार निगरानी का प्रबंध किया है। यहाँ 24 घंटे कर्मचारी तैनात रहेंगे ताकि जलभराव की स्थिति उत्पन्न न हो और ट्रैफिक पर असर न पड़े। इन इलाकों में पंपिंग स्टेशनों और वाटर ड्रेनेज सिस्टम की लगातार सफाई और रखरखाव किया जा रहा है।
ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन ने बताया कि बाढ़ रोकथाम और राहत कार्यों के लिए कुल 22,000 कर्मचारी तैनात किए गए हैं। इनमें इंजीनियर,सफाईकर्मी,फील्ड स्टाफ और सुपरवाइजरी अधिकारी शामिल हैं। इसके अलावा,चेन्नई मेट्रो वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड के 2,149 फील्ड कर्मचारी भी सक्रिय हैं,जो नालों की सफाई,रुकावट हटाने और सीवेज ओवरफ्लो की समस्याओं को हल करने में लगे हैं।
निगम ने नागरिकों से सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि यदि किसी इलाके में बारिश से नुकसान,जलभराव या कोई अन्य आपात स्थिति होती है,तो वे तुरंत निगम की टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1913 पर संपर्क करें। साथ ही,सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्राप्त शिकायतों और सूचनाओं की भी निरंतर निगरानी की जा रही है,ताकि किसी भी समस्या पर तत्काल कार्रवाई की जा सके।
मौसम विभाग ने आगामी दिनों में राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है,खासकर चेन्नई,तिरुवल्लूर,कांचीपुरम और नागपट्टिनम जिलों में। ऐसी स्थिति में प्रशासन की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि नागरिकों को न्यूनतम असुविधा हो और सार्वजनिक जीवन सामान्य बना रहे।
ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन के अधिकारियों का कहना है कि सभी विभागों के बीच तालमेल बनाए रखा गया है,ताकि किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में राहत और बचाव कार्यों में विलंब न हो। इसके अलावा,सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग,पुलिस,मेट्रो वाटर और बिजली विभाग के साथ मिलकर एक समन्वित नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है,जो स्थिति की वास्तविक समय पर निगरानी करेगा।
चेन्नई में मानसून का यह मौसम हर साल नागरिकों और प्रशासन के लिए एक बड़ी परीक्षा साबित होता है,लेकिन इस बार निगम की अग्रिम तैयारियों और व्यापक रणनीति से उम्मीद की जा रही है कि बारिश के बावजूद शहर का सामान्य जीवन प्रभावित नहीं होगा। प्रशासन की यह पहल नागरिक सुरक्षा,स्वास्थ्य और राहत कार्यों के समुचित प्रबंधन का उदाहरण प्रस्तुत कर रही है,जिससे मानसून की चुनौतियों के बीच भी चेन्नई अपने नागरिकों के लिए सुरक्षित बना रह सकेगा।

