टीकाकरण

तमिलनाडु ने केंद्र से भारतीयों का टीकाकरण करने के बाद ही वैक्सीन निर्यात करने का किया आग्रह

चेन्नई, 22 सितम्बर (युआईटीवी/आईएएनएस)- तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम ने केंद्र सरकार से यह सुनिश्चित करने के बाद ही अन्य देशों को टीके निर्यात करने का आह्वान किया है कि भारत की पूरी आबादी को टीके की कम से कम एक खुराक दी जाए। वह मंगलवार को अपोलो सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में सिमुलेशन सेंटर का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के बयान का जवाब दे रहे थे कि देश अक्टूबर से टीकों का निर्यात फिर से शुरू करेगा।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश को 12-18 आयु वर्ग में भी टीकाकरण का विस्तार करने के लिए वैक्सीन की कम से कम 115 करोड़ खुराक की आवश्यकता है।

तमिलनाडु राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “भारत की जनसंख्या 139 करोड़ है और 70 प्रतिशत जनसंख्या 18 वर्ष से अधिक आयु की है। इसका मतलब यह होगा कि लगभग 97.30 करोड़ लोग टीकाकरण के लिए पात्र होंगे और टीकों की दो खुराक का मतलब है कि देश को पूरी तरह से टीका लगाने के लिए टीकों की कुल 194.60 करोड़ खुराक की आवश्यकता होगी।”

उन्होंने कहा, “भारत सरकार के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 80 करोड़ लोगों को टीका लगाया गया और इसमें से 61 करोड़ लोगों को केवल पहली खुराक मिली है। इसका मतलब है कि केवल एक तिहाई को ही पहली खुराक मिली है और देश को 115 करोड़ खुराक की और जरूरत है।”

तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कई देशों ने 12-18 आयु वर्ग में टीकाकरण शुरू कर दिया है और अगर भारत भी ऐसा कदम उठाने जा रहा है तो आवश्यक टीकों की खुराक 115 करोड़ से अधिक होगी। मा सुब्रमण्यम ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “टीकों का निर्यात कैसे संभव है, जबकि 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को टीका लगाने के लिए 115 करोड़ से अधिक खुराक की आवश्यकता होगी।”

तमिलनाडु को 6.06 करोड़ व्यक्तियों की योग्य आबादी को टीका लगाने के लिए 12.12 करोड़ खुराक की आवश्यकता है। मंत्री ने कहा कि राज्य ने पहले ही टीकों की 4.37 करोड़ खुराकें दी हैं और पूरी पात्र आबादी को पूरी तरह से टीका लगाने के लिए 7.5 करोड़ से अधिक खुराक की आवश्यकता है।

मा सुब्रमण्यम ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से टीकों के प्रस्तावित निर्यात को स्थगित करने और इसके बजाय देश की पूरी पात्र आबादी को टीका लगाने के लिए कदम उठाने का आह्वान किया है। उन्होंने यह भी कहा कि टीकाकरण के मुद्दे को लाभ के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए।

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