टाटानगर–एर्नाकुलम एक्सप्रेस में आग (तस्वीर क्रेडिट@kokilasuba8)

टाटानगर–एर्नाकुलम एक्सप्रेस में आग,एक यात्री की मौत,रेलवे ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर और शुरू की जाँच

विशाखापत्तनम,29 दिसंबर (युआईटीवी)- आंध्र प्रदेश के येलामंचिली में सोमवार तड़के टाटानगर–एर्नाकुलम एक्सप्रेस में अचानक लगी आग ने यात्रियों में हड़कंप मचा दिया। रात करीब 12 बजकर 45 मिनट पर जब ट्रेन येलामंचिली स्टेशन के पास पहुँच रही थी,उसी दौरान बी1 और एम2 कोच से धुआँ उठता दिखाई दिया और देखते ही देखते आग फैलने लगी। ट्रेन में सवार यात्रियों ने तुरंत चेन खींचकर ट्रेन रुकवाई। सूचना मिलते ही रेलवे स्टाफ सक्रिय हुआ और कंट्रोल रूम से संपर्क कर आपातकालीन कदम उठाए गए। फायर ब्रिगेड को मौके पर बुलाया गया और यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने का कार्य तेज़ी से शुरू कर दिया गया।

साउथ सेंट्रल रेलवे ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही स्टेशन पर तैनात कर्मी और अधिकारी तत्काल मौके पर पहुँचे। यात्रियों को घबराने से बचाने के लिए सार्वजनिक घोषणाएँ की गईं और एक सुव्यवस्थित तरीके से उन्हें कोचों से बाहर निकाला गया। आग बुझाने के लिए दमकल दलों ने कड़ी मशक्कत की और अंततः आग पर काबू पा लिया गया। इस दौरान रेलवे ने प्रभावित डिब्बों को ट्रेन से अलग कर दिया,साथ ही एहतियात के तौर पर एक और एसी थ्री-टियर कोच एम1 को भी हटाया गया ताकि किसी संभावित खतरे को टाला जा सके।

रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा और यात्रा को जल्द सामान्य करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी शुरू कर दी। ट्रेन को समलकोट रेलवे स्टेशन तक ले जाने का निर्णय लिया गया,जहाँ इसे फिर से जोड़ने के लिए तीन खाली कोच भेजे गए। जिन यात्रियों के डिब्बे प्रभावित हुए थे,उन्हें बसों के माध्यम से समलकोट पहुँचाया गया,ताकि उनकी आगे की यात्रा सुरक्षित रूप से जारी रखी जा सके। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान रेलवे अधिकारियों,स्थानीय प्रशासन और पुलिस के बीच बेहतर तालमेल देखने को मिला,जिससे बचाव कार्य बिना किसी बड़े व्यवधान के संपन्न हो सका।

साउथ सेंट्रल रेलवे ने यात्रियों और उनके परिजनों को जानकारी उपलब्ध कराने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए। येलामंचिली के लिए 7815909386, अनकापल्ली के लिए 7569305669,तुनी के लिए 7815909479 और समालकोट के लिए 7382629990 नंबर जारी किए गए। वहीं राजामुंद्री के लोगों के लिए 088-32420541 और 088-32420543,एलुरु के लिए 7569305268 और विजयवाड़ा के लिए 0866-2575167 हेल्पलाइन उपलब्ध कराए गए हैं। इन हेल्पलाइनों के माध्यम से यात्री और उनके परिवारजन ट्रेन की स्थिति और यात्रियों की सुरक्षा के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।

घटना की गंभीरता को देखते हुए रेलवे सेफ्टी कमिश्नर,विजयवाड़ा के डीआरएम और वरिष्ठ अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुँचे। साउथ सेंट्रल रेलवे के जनरल मैनेजर ने भी मौके का दौरा करने का निर्णय लिया ताकि स्थिति की प्रत्यक्ष समीक्षा की जा सके। प्राथमिक जाँच के लिए फोरेंसिक टीम तथा मेडिकल टीम को घटनास्थल पर भेजा गया। उनका दायित्व आग लगने के कारणों की जाँच करना और यह पता लगाना है कि कहीं कोई अन्य यात्री तो लापता नहीं हुआ।

दुर्भाग्य से,क्षतिग्रस्त कोचों में तलाशी के दौरान एक यात्री का शव बरामद हुआ। स्थानीय पुलिस ने मृतक की पहचान विजयवाड़ा निवासी 70 वर्षीय चंद्रशेखर सुंदरम के रूप में की। पुलिस और रेलवे के अनुसार,पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारण की पुष्टि हो सकेगी। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि आग के धुएँ के कारण दम घुटने से मौत हुई या किसी अन्य कारण से। इस हादसे ने यात्रा के दौरान सुरक्षा को लेकर नए सिरे से सवाल खड़े कर दिए हैं।

रेलवे प्रशासन का कहना है कि सभी आवश्यक एहतियात बरते जा रहे हैं और यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। ट्रेन के प्रभावित कोचों को सुरक्षित स्थान पर अलग कर दिया गया है और उन्हें तकनीकी जाँच के लिए भेजा जाएगा। साथ ही,इंजन और शेष डिब्बों की भी विस्तृत तकनीकी जाँच की जाएगी,ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस प्रकार की घटना दोबारा न हो। रेलवे ने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर यात्रियों के लिए चिकित्सीय सहायता और काउंसलिंग की व्यवस्था भी की है,खासकर उन लोगों के लिए जो इस हादसे के बाद मानसिक तौर पर परेशान दिखाई दिए।

इस घटना के बाद रेलवे ने यात्रियों से अपील की कि यात्रा के दौरान किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि या गंध,धुआँ या स्पार्किंग दिखने पर तुरंत कर्मचारी या गार्ड को सूचित करें। साथ ही,कोचों में अनधिकृत विद्युत उपकरणों के उपयोग पर सख्ती से रोक को फिर से दोहराया गया। कई मामलों में यात्रियों द्वारा गैर-मानक हीटर या चार्जर का उपयोग आग का कारण बनता है,इसलिए रेलवे सुरक्षा नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है।

येलामंचिली में हुई यह घटना यात्रियों और रेलवे दोनों के लिए सीख का विषय है। जहाँ एक तरफ समय रहते नियंत्रित किए गए हालात ने एक बड़े हादसे को टाल दिया,वहीं एक जान का नुकसान यह याद दिलाता है कि सुरक्षा में छोटी-सी चूक भी भारी पड़ सकती है। जाँच पूरी होने के बाद रेलवे द्वारा एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी और उससे जुड़े सुझावों को भविष्य की सुरक्षा नीतियों में शामिल किया जाएगा।

फिलहाल प्राथमिक लक्ष्य यात्रियों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुँचाना,प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करना और आग के वास्तविक कारण का पता लगाना है। जैसे-जैसे जाँच आगे बढ़ेगी,उम्मीद है कि इस घटना के सबक से रेलवे व्यवस्था और अधिक सुरक्षित एवं जवाबदेह बन सकेगी।