भारतीय महिला क्रिकेट टीम (तस्वीर क्रेडिट@ShahnawazBJP)

टीम इंडिया की दमदार जीत: श्रीलंका पर दूसरी बार भारी,5 मैचों की टी20 सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त

विशाखापत्तनम,24 दिसंबर (युआईटीवी)- भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए दूसरे टी20 अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले में शानदार प्रदर्शन करते हुए श्रीलंका को 7 विकेट से पराजित कर दिया। इस जीत के साथ ही भारत ने पांच मैचों की सीरीज में 2-0 की मजबूत बढ़त बना ली है और अब टीम सीरीज जीत से महज एक कदम दूर खड़ी है। पहले मुकाबले की तरह इस मैच में भी भारतीय बल्लेबाजों और गेंदबाजों ने संतुलित प्रदर्शन किया,जिससे श्रीलंकाई टीम दबाव से उबर नहीं सकी और निर्धारित ओवरों में बड़ा स्कोर खड़ा करने में नाकाम रही।

टॉस हारकर बल्लेबाजी के लिए उतरी श्रीलंकाई टीम की शुरुआत खराब रही। महज़ 2 रन के कुल स्कोर पर टीम को पहला झटका तब लगा,जब विश्मी गुनारत्ने केवल 1 रन बनाकर आउट हो गईं। शुरुआती झटके के बाद कप्तान चामरी अथापथु और हसिनी परेरा ने पारी को सँभालने की कोशिश की। दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 36 रन जोड़े और स्ट्राइक रोटेशन के साथ सीमित अवसरों पर चौके भी लगाए। कप्तान अथापथु ने 31 रन का उपयोगी योगदान दिया,लेकिन जैसे ही उन्हें पवेलियन लौटना पड़ा,भारतीय गेंदबाजों ने एक बार फिर दबाव बना दिया।

हसिनी परेरा ने धैर्य के साथ 22 रन बनाए और हर्षिता समरविक्रमा के साथ तीसरे विकेट के लिए 44 रन जोड़कर स्कोर को गति देने का प्रयास किया। समरविक्रमा ने 33 रन की पारी खेलते हुए कुछ आकर्षक शॉट्स लगाए। इसके बाद कविशा दिलहारी ने भी 14 रन का योगदान दिया और चौथे विकेट के लिए 22 रन की साझेदारी हुई। हालाँकि,जैसे ही यह साझेदारी टूटी,श्रीलंका की पारी बिखरती चली गई। अंतिम ओवरों में लगातार विकेट गिरते रहे और टीम 9 विकेट खोकर 128 रन तक ही पहुँच सकी।

भारतीय गेंदबाजी की बात करें तो वैष्णवी शर्मा और श्री चरणी सबसे सफल गेंदबाज रहीं,दोनों ने 2-2 विकेट हासिल किए। इनके अलावा क्रांति गौड़ और स्नेह राणा ने भी सटीक लाइन-लेंथ के साथ गेंदबाजी करते हुए एक-एक विकेट अपने नाम किया। स्पिन और सीम का सही मिश्रण देखने को मिला,जिसने श्रीलंका के बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का मौका नहीं दिया। मध्य ओवरों में भारतीय गेंदबाजों ने रन गति पर नियंत्रण बनाए रखा,जिसकी वजह से मेहमान टीम अंतिम झोंक में बड़ा स्कोर खड़ा नहीं कर सकी।

लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने शुरुआत से ही सकारात्मक रवैया अपनाया। सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा ने अपनी आक्रामक शैली का शानदार प्रदर्शन किया। स्मृति मंधाना के साथ उन्होंने पहले विकेट के लिए तेजतर्रार 29 रन जोड़े। मंधाना ने 11 गेंदों में 14 रन बनाकर कुछ उम्दा शॉट्स खेले,लेकिन बड़ी पारी में उन्हें इसे बदलने का मौका नहीं मिला और वे आउट होकर पवेलियन लौट गईं।

पहले विकेट के पतन के बाद शेफाली वर्मा ने जेमिमा रोड्रिग्स के साथ मिलकर मैच को पूरी तरह भारत की मुट्ठी में कर दिया। दोनों ने केवल 27 गेंदों में 58 रन जोड़ते हुए स्कोरबोर्ड को तेजी से आगे बढ़ाया। जेमिमा ने 15 गेंदों पर 26 रन बनाते हुए 1 छक्का और 4 चौके लगाए और विपक्षी गेंदबाजों पर दबाव बनाए रखा। जब वे आउट हुईं,तब तक भारत लक्ष्य के काफी करीब पहुँच चुका था और श्रीलंकाई टीम में वापसी की कोई गुंजाइश नहीं बची थी।

इसके बाद कप्तान हरमनप्रीत कौर मैदान पर उतरीं और शेफाली के साथ 41 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी की। दोनों ने समझदारी से बल्लेबाजी करते हुए गलत शॉट्स खेलने से परहेज़ किया और गेंद को गैप्स में मारते हुए रन जुटाए। जब मैच जीत से केवल 1 रन दूर था,तभी हरमनप्रीत 10 रन बनाकर बोल्ड हो गईं। हालाँकि,इससे परिणाम पर कोई असर नहीं पड़ा और अगली ही गेंद पर ऋचा घोष ने विजयी रन लेकर मुकाबले को भारत के नाम कर दिया।

पूरी पारी के दौरान शेफाली वर्मा भारतीय जीत की धुरी बनी रहीं। उन्होंने केवल 34 गेंदों पर नाबाद 69 रन की विस्फोटक पारी खेली,जिसमें 12 शानदार चौके शामिल थे। उनकी बल्लेबाजी ने साबित कर दिया कि अगर वे टिक जाएँ,तो किसी भी लक्ष्य को छोटा बना सकती हैं। दूसरी ओर,श्रीलंका की गेंदबाजी में मल्की मदारा,काव्या कविंदी और कविशा दिलहारी को एक-एक सफलता मिली,लेकिन टीम के बाकी गेंदबाज भारतीय बल्लेबाजों को रोकने में विफल रहे।

इस जीत ने भारतीय महिला टीम का मनोबल और ऊँचा कर दिया है। सीरीज का पहला मैच टीम इंडिया पहले ही 8 विकेट से अपने नाम कर चुकी थी और अब दूसरे मुकाबले में भी दमदार प्रदर्शन कर उसने बढ़त को 2-0 कर लिया है। बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग—तीनों विभागों में टीम का सामूहिक प्रदर्शन देखने को मिल रहा है,जो किसी भी लंबी सीरीज के लिए शुभ संकेत है। युवा खिलाड़ियों को निरंतर मौके मिल रहे हैं और वे इन मौकों को भुनाने में सफल भी हो रही हैं।

अब सीरीज का तीसरा मुकाबला तिरुवनंतपुरम में 26 दिसंबर को खेला जाएगा। भारतीय टीम की कोशिश रहेगी कि इस मैच को जीतकर सीरीज पर कब्जा जमाया जाए और शेष दो मुकाबलों में नए संयोजन और रणनीतियों को आजमाने का अवसर मिले। वहीं,श्रीलंका के सामने चुनौती यह है कि वह जल्द-से-जल्द अपनी कमजोरियों का आकलन करे और वापसी की राह तलाशे। बल्लेबाजों को बड़ी साझेदारियाँ बनानी होंगी और गेंदबाजों को शुरुआती विकेट निकालकर भारतीय बल्लेबाजों पर दबाव बनाने की रणनीति अपनानी होगी।

मौजूदा फॉर्म और आत्मविश्वास को देखते हुए भारतीय टीम निश्चित रूप से मजबूत दावेदार नज़र आ रही है। यदि खिलाड़ियों ने इसी लय और अनुशासन को बरकरार रखा,तो यह सीरीज भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक और यादगार अध्याय बन सकती है। प्रशंसकों की उम्मीदें अब तीसरे मुकाबले पर टिकी हैं,जहाँ टीम इंडिया इतिहास दोहराने और ट्रॉफी अपने नाम करने के इरादे से मैदान पर उतरने के लिए तैयार है।