नई दिल्ली,4 नवंबर (युआईटीवी)- एयर इंडिया की एक अंतर्राष्ट्रीय उड़ान को सोमवार को तकनीकी खराबी की आशंका के कारण मंगोलिया के उलानबटार में आपात लैंडिंग करानी पड़ी। एयरलाइन ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि फ्लाइट एआई174,जो सैन फ्रांसिस्को से कोलकाता होते हुए दिल्ली आ रही थी,को एहतियातन मंगोलिया में उतारना पड़ा। एयरलाइन ने बताया कि विमान को तकनीकी समस्या की आशंका के बाद तुरंत आवश्यक प्रोटोकॉल के तहत नजदीकी सुरक्षित एयरपोर्ट की ओर डायवर्ट किया गया।
एयर इंडिया ने अपने बयान में कहा, “2 नवंबर को सैन फ्रांसिस्को से कोलकाता होते हुए दिल्ली आने वाली एआई174 उड़ान को तकनीकी खराबी की आंशका होने पर उलानबटार में लैंडिंग करनी पड़ी। विमान सुरक्षित रूप से उतर गया है और सभी जरूरी तकनीकी जाँच की जा रही हैं।” एयरलाइन ने यह भी बताया कि फ्लाइट में सवार सभी यात्री और क्रू मेंबर्स पूरी तरह सुरक्षित हैं और यात्रियों को किसी तरह की चोट या बड़ी असुविधा नहीं हुई है।
एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी इस स्थिति से निपटने के लिए तुरंत अपने अंतर्राष्ट्रीय पार्टनर्स के साथ सक्रिय रूप से समन्वय कर रही है,ताकि यात्रियों को जल्द-से-जल्द उनकी मंजिल तक पहुँचाया जा सके। प्रवक्ता ने कहा, “हम यात्रियों की सुरक्षा और आराम को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। हमारी टीम उलानबटार में मौजूद यात्रियों को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है,जिसमें भोजन,आवास और आगे की यात्रा की सुविधा शामिल है।”
कंपनी ने यात्रियों से हुई असुविधा के लिए खेद जताया और कहा कि एयर इंडिया यात्रियों की सुरक्षा से कभी समझौता नहीं करती। एयरलाइन ने अपने बयान में कहा, “अचानक उत्पन्न हुई इस स्थिति के कारण यात्रियों को हुई परेशानी के लिए हमें खेद है। एयर इंडिया में यात्रियों और क्रू की सुरक्षा हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। हमारे इंजीनियरिंग विशेषज्ञ इस तकनीकी स्थिति की जाँच कर रहे हैं,ताकि आगे किसी भी संभावित जोखिम से बचा जा सके।”
एयर इंडिया फ्लाइट ट्रैकिंग सिस्टम के अनुसार,एआई174 उड़ान ने 2 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 47 मिनट पर सैन फ्रांसिस्को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी। इसके बाद यह उड़ान लगभग 7 बजकर 40 मिनट पर मंगोलिया के उलानबटार में सुरक्षित रूप से लैंड कर गई। एयरलाइन के अधिकारियों के अनुसार,पायलटों ने तकनीकी समस्या का संकेत मिलने के बाद तुरंत निर्णय लेते हुए विमान को नजदीकी सुरक्षित हवाई अड्डे की ओर मोड़ा,जिससे किसी भी संभावित खतरे से बचा जा सका।
उलानबटार हवाई अड्डे पर एयर इंडिया और स्थानीय विमानन अधिकारियों की टीम ने मिलकर यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की। विमान की तकनीकी जाँच शुरू कर दी गई है और प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार,विमान की किसी महत्वपूर्ण प्रणाली में खराबी की आशंका जताई जा रही है। जाँच पूरी होने के बाद ही विमान को आगे की यात्रा की अनुमति दी जाएगी।
यह पहली बार नहीं है,जब एयर इंडिया की किसी लंबी दूरी की अंतर्राष्ट्रीय उड़ान को तकनीकी कारणों के चलते बीच में रोकना पड़ा हो। पिछले महीने अक्टूबर में भी मुंबई से न्यू जर्सी के न्युवार्क जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट एआई191 को उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद तकनीकी खराबी के कारण वापस मुंबई लौटना पड़ा था। उस समय भी चालक दल ने संदिग्ध तकनीकी समस्या की जानकारी दी थी और विमान को सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत लैंड कराया गया था। एयरलाइन ने तब भी यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था की थी।
एविएशन विशेषज्ञों का कहना है कि लंबी दूरी की उड़ानों में इस तरह की सावधानी बरतना आवश्यक होता है। आधुनिक विमान तकनीकी रूप से अत्यधिक सक्षम होते हैं,लेकिन किसी भी छोटी समस्या के संकेत पर पायलटों का तुरंत निर्णय लेना यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से सबसे समझदारी भरा कदम होता है। इस मामले में भी पायलटों ने त्वरित निर्णय लेकर विमान को उलानबटार में सुरक्षित उतारा,जिससे किसी भी संभावित हादसे से बचा जा सका।
एयर इंडिया ने यह भी सुनिश्चित किया है कि यात्रियों को आगे की यात्रा के लिए अस्थायी ठहराव और भोजन की सभी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँ। कंपनी के अनुसार,जाँच पूरी होने और विमान के उड़ान के लिए सुरक्षित घोषित किए जाने के बाद या वैकल्पिक विमान की व्यवस्था होने पर यात्रियों को दिल्ली पहुँचाया जाएगा।
यात्रियों ने सोशल मीडिया पर राहत की सांस लेते हुए एयरलाइन और पायलटों की त्वरित कार्रवाई की सराहना की है। कई यात्रियों ने लिखा कि शुरुआत में स्थिति थोड़ी तनावपूर्ण थी,लेकिन क्रू मेंबर्स ने बेहद शांत और पेशेवर तरीके से सबको सुरक्षित महसूस कराया।
यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि विमानन क्षेत्र में सुरक्षा कितनी अहम होती है। एयर इंडिया के अधिकारियों ने दोहराया कि कंपनी अपने तकनीकी रखरखाव और सुरक्षा मानकों को लेकर निरंतर सख्त है। इस घटना की विस्तृत जाँच रिपोर्ट आने के बाद विमान की मरम्मत या सिस्टम अपग्रेड की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
इस पूरे घटनाक्रम के बावजूद एयर इंडिया ने फिर एक बार यह साबित किया कि उसकी प्राथमिकता यात्रियों की सुरक्षा है,न कि उड़ान का समय या व्यावसायिक दबाव। उलानबटार में सुरक्षित लैंडिंग इस बात का उदाहरण है कि एयरलाइन के प्रशिक्षित पायलट और क्रू किसी भी आपात स्थिति से निपटने में सक्षम हैं। अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि तकनीकी जाँच पूरी होने के बाद विमान को कब तक फिर से उड़ान भरने की अनुमति दी जाएगी और यात्री अपनी मंजिल तक कब पहुँचेंगे।
