प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

यरुशलम में आतंकी हमला,पाँच लोगों की मौत,प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख,यरुशलम गोलीबारी की निंदा की

नई दिल्ली,9 सितंबर (युआईटीवी)- यरुशलम एक बार फिर से आतंकवादी हमले से दहल उठा,जब सोमवार को अज्ञात बंदूकधारियों ने आम नागरिकों पर अंधाधुंध गोलियाँ बरसा दीं। इस हमले में पाँच लोगों की जान चली गई,जबकि दर्जनभर लोग घायल हो गए। गोलीबारी की यह घटना यरुशलम के व्यस्त रामोट जंक्शन इलाके में हुई,जहाँ अचानक हुई फायरिंग ने पूरे माहौल को दहशत से भर दिया। हमले के बाद पूरे इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई और सुरक्षा एजेंसियों ने मोर्चा संभाल लिया।

भारत ने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि निर्दोष नागरिकों पर हुआ यह हमला निंदनीय और जघन्य अपराध है। उन्होंने लिखा,”यरुशलम में निर्दोष नागरिकों पर हुए जघन्य आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं। हम पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।” प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को दोहराते हुए कहा कि भारत आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की निंदा करता है और उसकी शून्य सहनशीलता की नीति पर कायम है।

स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार,हमलावरों ने अचानक सड़क पर मौजूद नागरिकों पर गोलियाँ बरसानी शुरू कर दीं। इस गोलीबारी में चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई,जबकि पाँचवें घायल ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। इजरायल की मैगन डेविड एडोम (एमडीए) एम्बुलेंस सेवा ने पुष्टि की कि सात घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है,दो की स्थिति स्थिर है और तीन लोगों की हालत में सुधार देखा जा रहा है। इस घटना के बाद अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित कर दी गई और घायलों के इलाज में विशेष टीमें लगाई गईं।

‘द टाइम्स ऑफ इजरायल’ ने चैनल 12 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि हमले को अंजाम देने वाले दो आतंकवादियों को घटनास्थल पर ही मार गिराया गया। जानकारी के अनुसार,मौके पर मौजूद एक सैनिक और एक हथियारबंद नागरिक ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए दोनों हमलावरों को गोली मार दी। पुलिस ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि एक सुरक्षा अधिकारी और स्थानीय नागरिक ने साहस दिखाते हुए आतंकवादियों को ढेर कर दिया,जिससे और बड़ी त्रासदी टल गई।

हमले के तुरंत बाद पुलिस उप प्रमुख अवशालोम पेलेड बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुँचे। पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई और आसपास के क्षेत्रों में तलाशी अभियान चलाया गया। पुलिस ने यह भी बताया कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए संभावित विस्फोटकों की जाँच कर रहे हैं कि हमले के पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र न हो। इस दौरान बम निरोधक दस्ता भी सक्रिय किया गया,ताकि किसी भी तरह की अतिरिक्त तबाही को रोका जा सके।

हमले के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सुरक्षा विभाग के प्रमुखों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि नेतन्याहू ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए तत्काल ‘सुरक्षा आकलन’ करने के निर्देश दिए हैं। सरकार और सुरक्षा एजेंसियाँ यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि हमलावरों के पीछे कौन सा संगठन है और इस हमले की साजिश कहाँ से रची गई।

यरुशलम में हुए इस आतंकी हमले ने एक बार फिर पूरे क्षेत्र में तनाव बढ़ा दिया है। इजरायल पहले से ही गाजा और अन्य इलाकों में उग्रवादी हमलों से जूझ रहा है और इस नए हमले ने सुरक्षा चुनौतियों को और गंभीर बना दिया है। आम नागरिकों में दहशत का माहौल है और लोग सुरक्षा इंतजामों पर निर्भर हैं। वहीं,इस घटना के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता जताई जा रही है। भारत जैसे देशों की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट हो गया है कि आतंकवाद को लेकर वैश्विक समुदाय एकजुट है और निर्दोषों पर हमले को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।

इस आतंकी हमले से जहाँ पीड़ित परिवारों में गहरा दुख छाया हुआ है,वहीं घायलों के परिजन अस्पतालों के बाहर अपने प्रियजनों के स्वास्थ्य की खबर पाने के लिए बेचैन नजर आए। अस्पतालों के डॉक्टरों ने बताया कि गंभीर रूप से घायल मरीजों की जान बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार ने घायलों के इलाज और पीड़ित परिवारों की मदद के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा करने पर भी विचार करना शुरू कर दिया है।

यरुशलम का यह हमला एक बार फिर इस सवाल को खड़ा करता है कि आखिर आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम कब उठाए जाएँगे। निर्दोषों की जान लेने वाले ऐसे कृत्यों की जितनी भी निंदा की जाए,कम है। प्रधानमंत्री मोदी का बयान इस बात का प्रमाण है कि भारत जैसे देश आतंकवाद के खिलाफ हमेशा सख्त रुख अपनाते रहे हैं और आगे भी अपनाते रहेंगे।

यरुशलम की सड़कों पर बहा यह खून न केवल इजरायल के लिए,बल्कि पूरी दुनिया के लिए चेतावनी है कि आतंकवाद की यह समस्या वैश्विक है और इसका समाधान भी सामूहिक प्रयासों से ही संभव है। जब तक आतंकवाद के नेटवर्क को पूरी तरह खत्म नहीं किया जाता,तब तक दुनिया के किसी भी कोने में निर्दोष नागरिक सुरक्षित नहीं रह सकते। प्रधानमंत्री मोदी की संवेदनाएँ पीड़ित परिवारों के साथ हैं और उनका यह संदेश भी है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ हर स्तर पर इजरायल और दुनिया के अन्य देशों के साथ खड़ा है।