टेक्सास,11 जुलाई (युआईटीवी)- अमेरिका का टेक्सास राज्य इस समय अपने इतिहास की सबसे विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं में से एक का सामना कर रहा है। 4 जुलाई को आई भयंकर बाढ़ ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। इस आपदा में अब तक 120 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है,जबकि 170 से अधिक लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। इस भयावह स्थिति ने राज्य को गहरे शोक में डाल दिया है।
बाढ़ के कारण हुई तबाही इतनी भीषण है कि राहत और बचाव कार्यों में भारी कठिनाई आ रही है। सैकड़ों मील तक फैले मलबे,टूटी सड़कों और उखड़े पेड़ों के बीच रेस्क्यू टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं। खासकर नदियों के किनारे बसे इलाकों में ग्वाडालूप नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया,जिससे बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों में घुस गया और तबाही मचा दी।
सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में केर काउंटी का नाम सामने आया है,जहाँ राहत एजेंसियों ने अब तक करीब 100 शव बरामद किए हैं। वहीं,मिस्टिक कैंप नामक स्थान पर 27 बच्चों और कर्मचारियों की मौत हो गई,जिसने पूरे देश को झकझोर दिया है। यह कैंप बच्चों की गर्मी की छुट्टियों का एक रिट्रीट था,लेकिन बाढ़ की चपेट में आकर यह मौत का जाल बन गया।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए,राहत कार्यों में 2000 से अधिक स्थानीय,राज्य और संघीय कर्मचारी तैनात किए गए हैं। भारी मात्रा में मलबा,उखड़े हुए पेड़,टूटी गाड़ियाँ और बहा हुआ कचरा रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा बन रहे हैं। इसके बावजूद टीमें लगातार लापता लोगों की तलाश में जुटी हैं। ड्रोन,नावों और खोजी कुत्तों की मदद से प्रभावित इलाकों की तलाशी ली जा रही है।
गवर्नर ग्रेग एबट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि लापता लोगों की तलाश ग्वाडालूप नदी के हर हिस्से में की जा रही है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि यदि किसी को अपने परिजन या परिचितों के बारे में कोई जानकारी हो जो लापता हो सकते हैं,तो तुरंत स्थानीय प्रशासन को सूचित करें।
राहत एजेंसियों ने बताया कि लापता लोगों की सूची को बार-बार जाँचा और अपडेट किया जा रहा है,लेकिन इतनी बड़ी आपदा के बाद सटीक संख्या बताना मुश्किल है। कई परिवारों से संपर्क नहीं हो पा रहा है,वहीं कई लोग बिना किसी सूचना के सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं,जिससे भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार,ग्वाडालूप नदी के किनारों पर तबाही के निशान साफ देखे जा सकते हैं। पेड़ उखड़े हुए हैं,मोबाइल होम्स पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और जगह-जगह मलबा फैला है। यह मंजर साफ दर्शाता है कि बाढ़ की ताकत कितनी भयावह थी। यह बाढ़ टेक्सास के आधुनिक इतिहास की सबसे भीषण आपदाओं में से एक मानी जा रही है।
टेक्सास सरकार ने इस आपदा को राज्य आपातकाल घोषित कर दिया है। प्रभावित लोगों को अस्थायी आश्रय,भोजन,पानी और चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। वहीं, संघीय आपदा प्रबंधन एजेंसी (एफईएमए) भी हालात की निगरानी कर रही है और संसाधनों की आपूर्ति कर रही है।
वातावरण विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और अनियोजित शहरीकरण के चलते इस तरह की आपदाएँ अब अधिक घातक होती जा रही हैं। टेक्सास जैसे बड़े राज्य में नदी तटों के पास बनी बस्तियों पर जोखिम लगातार बढ़ रहा है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए सरकार को दीर्घकालिक रणनीति अपनानी होगी,जिसमें बाढ़ नियंत्रण,आपातकालीन प्रबंधन और नागरिकों को जागरूक करना प्रमुख होगा।
टेक्सास में आई इस भीषण बाढ़ ने न केवल दर्जनों जिंदगियाँ छीन लीं,बल्कि हजारों परिवारों को उजाड़ दिया। राहत कार्य अभी भी जारी हैं,लेकिन लापता लोगों की बढ़ती संख्या और मलबे की चुनौती ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है। यह आपदा एक बार फिर याद दिलाती है कि प्रकृति के प्रकोप के सामने मानवता कितनी असहाय हो सकती है। अब जरूरत है कि सरकार और समाज मिलकर राहत,पुनर्वास और भविष्य की तैयारी के लिए एकजुट प्रयास करें,ताकि ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।