‘द वायर’ के अभिनेता जेम्स रैन्सोन (तस्वीर क्रेडिट@cinefiliacult)

‘द वायर’ के अभिनेता जेम्स रैन्सोन का निधन,46 वर्ष की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

नई दिल्ली,22 दिसंबर (युआईटीवी)- हॉलीवुड इंडस्ट्री से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। एचबीओ की प्रतिष्ठित और चर्चित सीरीज ‘द वायर’ में अपनी दमदार अदाकारी से पहचान बनाने वाले अभिनेता जेम्स रैन्सोन का 46 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। शुक्रवार को उनका शव मिलने के बाद लॉस एंजिल्स काउंटी मेडिकल एग्जामिनर के कार्यालय ने पुष्टि की कि उनकी मृत्यु का कारण कथित तौर पर आत्महत्या बताया गया है। इस खबर ने न सिर्फ हॉलीवुड जगत को,बल्कि दुनिया भर में उनके प्रशंसकों को भी गहरे सदमे में डाल दिया है।

मेडिकल एग्जामिनर के अनुसार,जेम्स रैन्सोन अपने घर के पास स्थित एक बाहरी इमारत में मृत पाए गए थे। अधिकारियों ने मामले की जाँच के बाद इसे आत्महत्या का मामला बताया है। इस त्रासदी ने उस समय और भी ज्यादा भावनात्मक रूप ले लिया,जब यह जानकारी सामने आई कि कुछ ही दिन पहले उनकी पत्नी जैमी मैकफी ने सोशल मीडिया पर नेशनल एलायंस ऑन मेंटल इलनेस (एनएएमआई) को समर्थन देने की अपील की थी। जेम्स रैन्सोन अपने पीछे पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं,जिनके लिए यह नुकसान शब्दों में बयां करना मुश्किल है।

जेम्स रैन्सोन को वैश्विक पहचान एचबीओ की आइकॉनिक क्राइम ड्रामा सीरीज ‘द वायर’ से मिली थी। सीरीज के दूसरे सीजन में उन्होंने ‘चेस्टर जिग्गी सोबोटका’ का किरदार निभाया था,जो एक डॉक वर्कर के रूप में अपराध,हताशा और असुरक्षा के जाल में फँसा हुआ दिखता है। उनका यह किरदार न केवल दर्शकों को अंदर तक झकझोरता है,बल्कि अमेरिकी समाज के उस अँधेरे पहलू को भी उजागर करता है, जहाँ आर्थिक तंगी और पहचान की तलाश इंसान को गलत रास्तों पर धकेल देती है। रैन्सोन की अभिनय शैली में एक कच्ची सच्चाई और असहज ईमानदारी थी,जिसने उनके किरदार को बेहद प्रभावशाली बना दिया।

‘द वायर’ के अलावा जेम्स रैन्सोन ने एचबीओ की ही मिनीसीरीज ‘जनरेशन किल’ में भी अहम भूमिका निभाई थी। इस सीरीज में उन्होंने कॉर्पोरल जोश रे पर्सन का किरदार निभाया,जो इराक युद्ध के दौरान अमेरिकी मरीन की जिंदगी और मानसिक संघर्षों को दर्शाता है। यहाँ भी रैन्सोन ने अपने अभिनय से यह साबित किया कि वे केवल एक खास तरह के किरदार तक सीमित नहीं हैं,बल्कि जटिल और चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं को पूरी गहराई के साथ निभाने की क्षमता रखते हैं।

बड़े पर्दे पर भी जेम्स रैन्सोन का सफर उल्लेखनीय रहा। हाल के वर्षों में उन्हें सुपरहिट हॉरर फिल्म ‘इट: चैप्टर टू’ में एडी कैस्पब्रैक के रूप में देखा गया था। इस फिल्म में उन्होंने बिल हैडर,जेसिका चैस्टेन और जेम्स मैकएवॉय जैसे बड़े सितारों के साथ काम किया। हालाँकि,उनका स्क्रीन टाइम सीमित था,लेकिन उनकी परफॉर्मेंस ने दर्शकों के मन पर गहरी छाप छोड़ी। डर,असुरक्षा और साहस के बीच झूलते उनके किरदार को काफी सराहा गया। उनके फिल्मी करियर की शुरुआत साल 2002 में आई विवादित लेकिन चर्चित फिल्म ‘केन पार्क’ से हुई थी,जिसने उन्हें हॉलीवुड में पहला बड़ा ब्रेक दिलाया।

पर्दे पर सशक्त और यादगार किरदार निभाने वाले जेम्स रैन्सोन की निजी जिंदगी हालांकि संघर्षों से भरी रही। बाल्टीमोर में जन्मे रैन्सोन ने साल 2021 में खुलासा किया था कि बचपन में उनके साथ यौन शोषण हुआ था। इस दर्दनाक अनुभव ने उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला। उन्होंने सार्वजनिक रूप से यह भी स्वीकार किया था कि वे लंबे समय तक नशे की लत से जूझते रहे। हालाँकि,उन्होंने कई बार खुद को सँभालने और आगे बढ़ने की कोशिश की,लेकिन बीते जख्मों का बोझ शायद पूरी तरह कभी हल्का नहीं हो पाया।

उनके निधन की खबर सामने आते ही हॉलीवुड से लेकर सोशल मीडिया तक शोक की लहर दौड़ गई। कई साथी कलाकारों और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। अभिनेता फ्रांस्वा अर्नॉड ने जेम्स रैन्सोन को एक “यूनिक और निडर कलाकार” बताते हुए कहा कि वह हमेशा अपनी भूमिकाओं में सच्चाई और जोखिम लेने से नहीं डरते थे। उनके प्रशंसकों ने भी सोशल मीडिया पर भावुक संदेश साझा करते हुए कहा कि रैन्सोन को उनके गहरे,जटिल और कभी-कभी असहज कर देने वाले किरदारों के लिए हमेशा याद किया जाएगा।

जेम्स रैन्सोन का जाना केवल एक अभिनेता का जाना नहीं है,बल्कि उस कलाकार की विदाई है,जिसने अपने अभिनय के जरिए समाज के कई अनकहे और दर्दनाक पहलुओं को सामने रखा। उनकी फिल्में और टीवी शोज आज भी उनकी कला की गवाही देते रहेंगे। साथ ही,उनका जीवन इस बात की भी याद दिलाता है कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे कितने गंभीर और जटिल हो सकते हैं,चाहे व्यक्ति बाहर से कितना ही सफल और मजबूत क्यों न दिखे।

हॉलीवुड इंडस्ट्री के लिए जेम्स रैन्सोन का निधन एक अपूरणीय क्षति है। उनके चाहने वाले,सहकर्मी और प्रशंसक उन्हें एक ऐसे कलाकार के रूप में याद रखेंगे,जिसने पर्दे पर सच्चाई को जीया और अपनी अदाकारी से दर्शकों को सोचने पर मजबूर किया। उनके जाने से पैदा हुई खाली जगह को भर पाना आसान नहीं होगा,लेकिन उनका काम और उनकी यादें उन्हें हमेशा जिंदा रखेंगी।