नई दिल्ली/बेंगलुरु, 28 अक्टूबर (युआईटीवी/आईएएनएस)| रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा ने गुरुवार को देश में उर्वरक की कमी के बारे में अफवाहों का खंडन किया।
एक मीडिया-वार्ता को संबोधित करते हुए राज्य मंत्री ने किसानों से उर्वरक की कमी की अफवाहों पर विश्वास न करने का अनुरोध किया।
खुबा ने बेंगलुरु में मीडियाकर्मियों से कहा, “कुछ स्थानों पर ऐसी अफवाहें उड़ रही हैं कि देश में उर्वरकों की कमी होने वाली है और किसानों को अगले चार महीने के लिए पर्याप्त उर्वरक जमा कर लेना चाहिए। ऐसे आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं।”
खुबा ने कहा, “महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में पिछले दो वर्षों से सम्मिश्रित उर्वरकों का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। राज्य के किसान अगर सम्मिश्रित उर्वरकों को अपनाएंगे, तो उन्हें फायदा होगा। डीएपी की तुलना में सम्मिश्रित उर्वरक के बेहतर नतीजे होते हैं। यही कारण है कि सरकार डीएपी की बजाय सम्मिश्रित खाद को खरीदने की सिफारिश कर रही है।”
उन्होंने कहा, “उर्वरक विभाग का मंत्री होने के नाते, मैं किसानों को आश्वस्त करता हूं कि उन्हें उनकी आवश्यकतानुसार उर्वरक उपलब्ध रहेगा।”
खुबा ने कहा, “इस साल नैनो-यूरिया का उत्पादन बढ़ा है। नैनो-डीएपी का उत्पादन अगले वर्ष से शुरू हो जाएगा। कर्नाटक में 22 लाख मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है। रबी के मौसम में दो लाख मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत है, जिसका उत्पादन किया जाएगा। हमने दो फैक्ट्रियों में काम चालू कर दिया है।”
उन्होंने आगे कहा कि मानसून के दौरान पूरे कर्नाटक में अच्छी बारिश हुई है और 78.51 लाख हेक्टेयर जमीन में बुआई हो चुकी है।
उन्होंने कहा, “राज्य में बुआई के लिए उर्वरक आदि सामग्रियों की आपूर्ति दुरुस्त कर दी गई है। केंद्र सरकार के हिस्से के रूप में हर जिले में उर्वरक की आपूर्ति का बंदोबस्त कर दिया गया है।”

