30 वर्षों में चीन के मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन के तीन कदम

बीजिंग, 22 सितम्बर (युआईटीवी/आईएएनएस)- 21 सितंबर, 1992 को चीन के मानवयुक्त अंतरिक्ष इंजीनियरिंग की औपचारिक स्थापना हुई, जो कि अब तक 30 वर्ष बित चुके हैं। उन 30 वर्षों में चीन के मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन के तीन कदम आगे बढ़ाये गये हैं।

पहला कदम है- मानवयुक्त अंतरिक्ष यान लॉन्च करना और अंतरिक्ष अनुप्रयोग का प्रयोग करना। 20 नवंबर, 1999 को सुबह साढ़े छ: बजे लॉन्ग मार्च 2 एफ कैरियर रॉकेट शनचो-1 अंतरिक्ष यान लेकर जोछ्वान उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र में लॉन्च किया गया। अंतरिक्ष में 21 घंटों की यात्रा करने के बाद शनचो-1 कैप्सूल सफलतापूर्वक इच्छित लैंडिंग साइट पर उतरा। उसके साथ मकाओ विशेष प्रशासनिक क्षेत्र का एक क्षेत्रीय झंडा भी वापस लाया गया। क्योंकि ठीक उसी साल 20 दिसंबर को मकाओ चीन में वापस लौट गया। और यह झंडा मकाओ विशेष प्रशासनिक क्षेत्र के तत्कालीन मुख्य कार्यकारी ह होह्वा के हाथों में सौंप दिया गया।

दूसरा कदम है- केबिन से बाहर निकलना, मिलन और डॉकिंग की प्रमुख तकनीक संभालना, और अंतरिक्ष प्रयोगशाला लॉन्च करना। वर्ष 2008 के 25 सितंबर को शनचो-7 के अंतरिक्ष यात्री चाए चीकांग, ल्यू बोमिंग और चिन हाईफंग ने अंतरिक्ष यात्रा के दौरान 1000 से अधिक निर्धारित मिशन किये हैं, जिससे चीन विश्व में अंतरिक्ष निकासी गतिविधियों के लिए स्वतंत्र रूप से प्रमुख प्रौद्योगिकियों में महारत हासिल करने वाला तीसरा देश बन गया है।

तीसरा कदम है- चीन का अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण करना। वर्ष 2020 के 5 मई की शाम छह बजे लॉन्ग मार्च 5बी कैरियर रॉकेट नई पीढ़ी के मानवयुक्त परीक्षण अंतरिक्ष यान लेकर वनछांग उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र में लॉन्च किया गया है, जिसने चीन के मानवयुक्त अंतरिक्ष इंजीनियरिंग का तीसरा अध्याय खोला।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *