नोएडा,10 दिसंबर (युआईटीवी)- दिल्ली-एनसीआर में कई दिनों से छाई जहरीली हवा और दमघोंटू वातावरण के बीच मंगलवार सुबह लोगों ने थोड़ी राहत महसूस की। लगातार ‘बहुत खराब’ और ‘गंभीर’ श्रेणी में बने वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में मामूली सुधार दर्ज किया गया है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार,सोमवार देर रात से 15 से 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही सतही हवाओं ने प्रदूषण के स्तर को कुछ हद तक नीचे लाने में मदद की है। इन तेज हवाओं के कारण प्रदूषक कण ऊपरी वायुमंडल की ओर फैलने लगे हैं,जिससे जमीन के पास हवा कुछ हद तक साफ महसूस की जा रही है।
पिछले कई दिनों से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर बना हुआ था। हवा का रुका हुआ प्रवाह,ठंड बढ़ने के साथ तापमान का गिरना और धूल-पार्टिकुलेट मैटर का जमा होना शहर को गैस चेंबर में तब्दील कर रहा था,लेकिन मंगलवार को हवा की दिशा और गति में बदलाव ने अस्थायी राहत प्रदान की। हालाँकि,यह सुधार सीमित है और मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि हवाओं की गति कम होने के साथ प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ सकता है।
दिल्ली और नोएडा में मंगलवार सुबह लिए गए एक्यूआई रीडिंग में कई स्थानों पर गिरावट दर्ज की गई। सीपीसीबी और यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आँकड़ों के अनुसार,नोएडा के सेक्टर-62 में एक्यूआई 255 दर्ज किया गया,जो पिछले दिनों की तुलना में काफी कम है। सेक्टर-125 में एक्यूआई 313 और सेक्टर-116 में 307 रहा। यह आँकड़े ‘बहुत खराब’ श्रेणी में जरूर हैं,लेकिन राहत की बात यह है कि कई दिन बाद एक्यूआई का स्तर 350-400 की ‘गंभीर’ स्थिति से नीचे आया है।
दिल्ली के कई हिस्सों में भी वायु गुणवत्ता में सुधार के संकेत मिले हैं। दिल्ली के पुसा में एक्यूआई 270 रिकॉर्ड किया गया,जबकि शादीपुर में यह स्तर 239 रहा। विवेक विहार और वजीरपुर जैसे इलाकों में प्रदूषण का स्तर अब भी ज्यादा है,जहाँ क्रमशः 323 और 320 एक्यूआई दर्ज किया गया। आरके पुरम में एक्यूआई 313 रहा। विशेषज्ञों का कहना है कि हालाँकि प्रदूषण का स्तर पूरी तरह नियंत्रित नहीं है,लेकिन हवा की तेज चाल ने वातावरण को थोड़ी देर के लिए राहत दी है,जिसे नागरिक भी महसूस कर रहे हैं।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार,यह सुधार लंबे समय तक टिकने वाला नहीं है। आईएमडी ने चेतावनी जारी की है कि बुधवार से धीरे-धीरे कोहरे का असर बढ़ेगा और हवाओं की रफ्तार में कमी आएगी। जैसे-जैसे हवा शांत होगी,प्रदूषक कण फिर से जमीन के नजदीक जमा होने लगेंगे,जिससे एक्यूआई में दोबारा वृद्धि की आशंका है।
मौसम विभाग की रिपोर्ट में बताया गया है कि 9 दिसंबर को हल्की धुंध छाई रहेगी और अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा सकता है। सुबह के समय हवा की गति 15 से 25 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की संभावना है,जो प्रदूषण नियंत्रित करने में मददगार होगी। हालाँकि,10 दिसंबर को शैलो फॉग यानी हल्का कोहरा छाने के आसार हैं,जिससे दृश्यता प्रभावित हो सकती है। उस दिन अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।
आईएमडी ने 11 दिसंबर के लिए घना कोहरा छाने की संभावना जताई है। उस दिन न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। घना कोहरा न केवल दृश्यता कम करेगा,बल्कि हवा के स्थिर होने के कारण वातावरण में प्रदूषक कणों की मात्रा भी बढ़ सकती है,जिससे एक्यूआई में फिर से गिरावट की स्थिति बन सकती है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि तेज हवाएँ धीमी पड़ती हैं,तो प्रदूषण का स्तर दोबारा ‘गंभीर’ श्रेणी में जा सकता है।
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर हर साल सर्दियों में बढ़ता है। पराली जलाने,वाहनों का धुआँ,निर्माण कार्यों से उठने वाली धूल और तापमान गिरने के कारण हवा की ठहराव की स्थिति प्रदूषण को चरम पर पहुँचा देती है। इस वर्ष भी प्रदूषण की स्थिति पिछले वर्षों की तरह गंभीर बनी हुई है। सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के तहत कई कदम उठाए हैं,जिनमें निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध,डीजल जेनरेटर बंद करना,सड़क सफाई बढ़ाना और प्रदूषण नियंत्रण की सख्त निगरानी शामिल हैं।
हालाँकि,इन प्रयासों के बावजूद राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता खतरनाक बनी रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण का असर ना केवल बुजुर्गों और बच्चों पर बल्कि स्वस्थ वयस्कों पर भी पड़ रहा है। सांस लेने में दिक्कत,आँखों में जलन,थकान और एलर्जी जैसे लक्षण आम हो गए हैं।
फिलहाल,दिल्ली-एनसीआर के लोगों को मिली यह राहत अस्थायी है। मौसम विभाग और पर्यावरण विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि सुबह और रात के समय अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें,मास्क का उपयोग करें और प्रदूषण बढ़ने की स्थिति में जरूरी सावधानियाँ बरतें। आने वाले दिनों में कोहरे के प्रभाव और हवा की गति पर निर्भर करेगा कि दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता किस दिशा में जाएगी।
