भोपाल,9 दिसंबर (युआईटीवी)- मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में सोमवार शाम एक बड़ा हादसा टल गया,जब एक ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट उड़ान के दौरान अचानक तकनीकी खराबी आने के बाद अपना संतुलन खो बैठा और हाई-वोल्टेज बिजली की लाइन से टकराने के बाद कुरई थाना क्षेत्र के सुकतरा गाँव के पास क्रैश हो गया। यह घटना शाम लगभग 6:30 बजे हुई,जिसके बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई। हालाँकि,घटनास्थल पर मौजूद ग्रामीणों की तत्परता से दो-सीटर ट्रेनिंग प्लेन में मौजूद ट्रेनर और ट्रेनी दोनों की जान बच गई और उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है,जिसमें प्लेन के तारों में उलझने और चिंगारियों के साथ नीचे गिरने के दृश्य देखे जा सकते हैं।
कुरई पुलिस स्टेशन के इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर (आईओ) सीएस टेकाम ने बताया कि ट्रेनर अजीत एंथनी और ट्रेनी अशोक छावा इस दुर्घटना में गंभीर खतरे से बाहर हैं। ग्रामीणों ने उन्हें प्लेन से सुरक्षित बाहर निकालकर तुरंत अस्पताल पहुँचाया। टेकाम के अनुसार,एक को सिर में चोट आई है और दूसरे के चेहरे पर गंभीर घाव हैं,लेकिन दोनों की हालत स्थिर बताई जा रही है। उन्होंने कहा कि फिलहाल दुर्घटना की विस्तृत जॉंच के लिए उच्च अधिकारियों से निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है।
पुलिस और स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार यह दो सीटर ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट 2023 से इलाके में संचालित हो रही एक निजी ट्रेनिंग कंपनी का हिस्सा है। सोमवार शाम नियमित प्रशिक्षण उड़ान के दौरान प्लेन अचानक नीचे आने लगा। शुरुआती जाँच के आधार पर माना जा रहा है कि इसमें अचानक तकनीकी खराबी आ गई थी,संभवतः इंजन की पावर चली गई थी,जिसके कारण विमान तेजी से नीचे उतरने लगा। इसी दौरान विमान का एक पहिया 33 केवी हाई-टेंशन लाइन में फँस गया,जिससे संतुलन पूरी तरह बिगड़ गया और तार टूटने लगे। तार टूटने की वजह से तेज आवाज हुई,चिंगारियाँ निकलीं और पूरा इलाका कुछ देर के लिए दहशत में डूब गया।
गाँव के लोगों ने बताया कि उन्होंने तेज आवाज और चिंगारियाँ देखीं,जिसके बाद सभी को अंदेशा हुआ कि आसमान में कोई दुर्घटना हुई है। देखते ही देखते लोग मौके पर दौड़ पड़े और पाया कि प्लेन जमीन पर गिर चुका है। प्लेन का एक हिस्सा पास के खेतों में फैला हुआ मिला,जबकि पायलट और ट्रेनी उसमें फँसे हुए थे। ग्रामीणों ने बिना किसी देरी के उन्हें बाहर निकालने का प्रयास शुरू कर दिया,क्योंकि हाई-वोल्टेज वायरिंग और टूटे टावर के कारण वहाँ तुरंत आग लगने का खतरा भी था। ग्रामीणों के साहसी प्रयास की वजह से दोनों की जान बच गई।
घटना के बाद कई ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन को यह भी बताया कि यह पहली बार नहीं है,जब ट्रेनिंग कंपनी के विमान से ऐसी घटना घटी हो। उनका कहना है कि इससे पहले भी दो बार रनवे पर विमान के पलटने की घटनाएँ हो चुकी हैं,जिन पर प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। स्थानीय लोगों ने चिंता जताई कि यदि इस बार विमान कुछ और सेकंड तक बिजली की तारों में फँसा रहता,तो हादसा कहीं ज्यादा घातक हो सकता था। बिजली की लाइन टूटने से आसपास के गाँवों की सप्लाई भी कुछ समय के लिए बाधित हो गई,जिसे बाद में विद्युत विभाग की टीम ने बहाल किया।
घटना के बाद पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुँची और क्षेत्र को सुरक्षा घेरा बनाकर बंद कर दिया। विशेषज्ञों को बुलाकर एयरक्राफ्ट के अवशेषों की जाँच शुरू कर दी गई है। जानकारों के अनुसार,ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट प्रायः हल्के वजन के होते हैं,जिनमें तकनीकी खराबी की संभावना अधिक बनी रहती है,इसलिए नियमित मेंटेनेंस और सुरक्षा मानकों का पालन बेहद जरूरी होता है। ऐसे में यह जाँच का मामला है कि दुर्घटना के समय विमान में आई तकनीकी खराबी आकस्मिक थी या किसी प्रकार की लापरवाही का परिणाम।
स्थानीय प्रशासन ने ट्रेनिंग कंपनी से इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट माँगी है और यह भी स्पष्ट किया है कि यदि सुरक्षा मानकों में कोई चूक पाई गई,तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों ने माँग की है कि गाँव के पास से होने वाली ट्रेनिंग उड़ानों को सीमित किया जाए और कंपनी को ग्रामीण क्षेत्र से पर्याप्त दूरी पर सुरक्षित जोन में उड़ान अभ्यास करने के निर्देश दिए जाएं।
फिलहाल ट्रेनर और ट्रेनी दोनों अस्पताल में भर्ती हैं और उनका इलाज चल रहा है। पुलिस मामले की जाँच में जुटी है तथा हादसे के सही कारणों का पता लगाने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की टीम भी घटनास्थल पर पहुँच रही है। इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट की सुरक्षा और ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही प्रशिक्षण उड़ानों पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। हालाँकि,ग्रामीणों की बहादुरी और समय रहते दिखाई गई तत्परता की वजह से एक बड़ा हादसा टल गया,लेकिन इस घटना ने इलाके में सुरक्षा को लेकर नई चिंताओं को जन्म दे दिया है।
